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Jalaun में स्वाथ्य विभाग की बड़ी लापरवाही, कूड़े के ढेर में मिली जीवनरक्षक दवाएं, सवाल पर CMO ने दी सफाई

जालौन में स्वाथ्य विभाग की बड़ी लापरवाही। कचड़े के ढ़ेर में मिली जीवन रक्षक दवाएं। जालौन में स्वाथ्य विभाग की बड़ी लापरवाही, जीवनरक्षक दवाएं मिली कूड़े के ढेर में। सीएमओ की सफाई, बोले- मामले की जांच करा रहे हैं।

Edited byऐश्वर्य कुमार राय | नवभारतटाइम्स.कॉम 4 Mar 2023, 3:45 pm
विशाल वर्मा, जालौन: उत्तर प्रदेश के जालौन में स्वाथ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। जहां एक तरफ यूपी के डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक सरकारी अस्पतालों में दवाओं की कोई कमी ना हो इसके लिए प्रयास कर रहे हैं। वहीं, उनके आला अफसर इस बात से बेफिक्र नजर आ रहे हैं। हद तो तब हो गई तब सरकारी अस्पताल में मरीजों को मिलने वाली दवाई कचड़े के ढेर में नजर आई तो लोगों को स्वाथ्य विभाग की इस लापरवाही का वीडियो बनाकर इसे सोशल मीडिया में वायरल कर दिया।
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पूरा मामला, जालौन के कुठौंद सामूदायिक स्वाथ्य केंद्र का है। यहां पर स्वास्थ विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से बिना एक्सपायरी के सीरप को कूड़ेदान में फेंका जा रहे है। कुठौंद के मुख्य बाजार स्टैंड पर दबाओं को कूड़ेदान में देखकर लोगों के होश उड़ गए। कूड़ेदान में दवाओं को फेंके जाने से अस्पताल प्रशासन की बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खुल गई है। जबकि कूड़ेदान में दवाइयों पर 06/2021 से 05/2023 की एक्सपायरी पड़ी हुई थी।

सीएमओ ने दी सफाई, करा रहे जांच होगी कार्यवाही
ज्यादातर देखा गया है कि सरकारी अस्पताल में उन मरीजों की संख्या ज्यादा होती हैं जो निर्बल तबके के होते हैं और मुफ्त दवा के चक्कर में घंटो लाइन लगाते हैं अब ऐसे हालात में किसकी जवाबदेही बनती है। जब जीवनरक्षक दवाओं को कचड़े में ढ़ेर में फेंका जाएं। वहीं, पूरे मामले में सीएमओ एनडी शर्मा ने सफाई देते हुए कहा कि वीडियो के माध्यम से उन्हें इस बात की जानकारी हुई हैं इसकी जांच कराई जा रही है।

कूड़े में दवाएं कैसे पहुंचीं इस बात की जानकारी की जा रही है। अगर कोई कर्मचारी इसमें लिप्त पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और दवा की कीमत उसके वेतन से काट लिया जाएगा।
लेखक के बारे में
ऐश्वर्य कुमार राय
ऐश्वर्य कुमार राय नवभारत टाइम्स ऑनलाइन में बतौर प्रिंसिपल डिजिटल कॉन्टेंट प्रड्यूसर कार्यरत। गृहनगर पूर्वी उत्तर प्रदेश का गोरखपुर, जहां जन्म से लेकर स्कूल तक शिक्षा-दीक्षा हुई। ग्रैजुएशन दिल्ली यूनिवर्सिटी से करने के बाद भारतीय जनसंचार संस्थान (IIMC) से पत्रकारिता में पीजी-डिप्लोमा की पढ़ाई। पेशेवर सफर देश की एकमात्र त्रिभाषीय एजेंसी UNI-वार्ता से शुरू हुआ। फिर NBT के साथ आगे की यात्रा। दिल्ली और लखनऊ कर्मभूमि। यात्रा, सिनेमा, दर्शन, इतिहास में दिलचस्पी।... और पढ़ें

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