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सारे जहां से अलग है बुंदेलखंड की दीपावली, भगवान विष्णु को खुश करने के लिए होता है खास 'मौनिया डांस'

बुंदेलखंड के जिलों में दिवाली त्योहार के ठीक बाद दिवारी नृत्य की परंपरा निभाई जाती है। इस दिवारी नृत्य को 'मौनिया डांस' भी कहा जाता है। यहां के लोग कई दशकों से 12 गांवों में भ्रमण कर इस नृत्य का प्रदर्शन करते हैं। नृत्य प्रदर्शन में शामिल लोग मौन व्रत रखकर यह नृत्य भगवान विष्णु को समर्पित करते हैं।

guest Vishal-Kumar | Lipi 26 Oct 2022, 4:20 pm
जालौन: बुंदेलखंड वैसे तो अपनी बदहाली के लिए मशहूर है, लेकिन यहां कई ऐसी शानदार परंपराएं हैं, जो दशकों से निभाई जा रही हैं। ऐसी ही यहां दीपावली के बाद 'दिवारी नृत्य' की परंपरा है। जो दशकों से बुंदेलखंड के कई जिलों में देखने को मिलती है। जालौन में भी इस परंपरा की झलक देखने को मिली। जालौन की गल्ला मंडी में दिवाली के ठीक दूसरे दिन 'दिवारी नृत्य' कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में एसपी जालौन रवि कुमार ने शिरकत की।
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जालौन न्यूज


दरअसल, बुंदेलखंड के जिलों में दिवाली त्योहार के ठीक बाद दिवारी नृत्य की परंपरा निभाई जाती है। इस दिवारी नृत्य को 'मौनिया डांस' कहा जाता है। यहां के लोग कई दशकों से 12 गांवों में भ्रमण कर इस नृत्य का प्रदर्शन करते हैं। नृत्य प्रदर्शन में शामिल लोग मौन व्रत रखकर यह नृत्य भगवान विष्णु को समर्पित करते हैं। दिवाली के ठीक बाद 'मौनिया डांस' की परंपरा निभाई जाती है। इस दिन पूरे बुंदेलखंड में मोनिया नृत्य की टोलियां गांव-गांव में भ्रमण करती हैं।

कैसे शुरू हुई 'दिवारी नृत्य' की परंपरा

बुंदेलखंड के जालौन के इतिहास का केपी सिंह बताते हैं कि प्राचीन मान्यता के मुताबिक जब भगवान श्री कृष्ण अपनी गाय चराने के लिए यमुना नदी के गए हुए थे इस दौरान आराम करने के लिए वह किनारे बैठे गए तभी उनकी गाय खो गई। अपनी गायों को अपने आसपास ना पाकर उनका मन व्यथित हो गया इससे दुखी होकर उन्होंने मौन साध लिया इसको देख उनके मित्र काफी परेशान हुए। तभी वहां के ग्वालो ने गायों को तलाशना शुरू कर दिया और यह गाय मिलने के बाद भगवान श्री कृष्ण ने अपना मौन व्रत तोड़ा। इसी परंपरा के मुताबिक दिवाली के अगले दिन मौन रखकर नृतक दिवारी नृत्य का प्रदर्शन करते हुए 12 गांव की परिक्रमा करते हैं।

जालौन में दिखी 'दिवारी नृत्य' की परंपरागत झलक

जालौन नगर के गल्ला मंडी परिसर में दिवारी नृत्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में जिले के तमाम अधिकारियों ने शिरकत की इस दौरान एसडीएम सना खान के साथ एसपी जालौन रवि कुमार मौजूद रहे। बुंदेली दिवारी नृत्य को देखने के लिए सैकड़ों लोग मौजूद रहे। रामलीला समिति की देखरेख में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रभु श्री राम के राज्याभिषेक लीला के मंचन के साथ उनकी जीवन गाथा को प्रदर्शित किया गया। इसके बाद अनोखे अंदाज में दिवारी नृत्य का प्रदर्शन हुआ।

जालौन में पहली बार अनोखे अंदाज में हुआ 'दिवारी नृत्य' का कार्यक्रम

बुंदेलखंड के जालौन में वैसे तो गांव-गांव में नृत्य करने वालों की टोलियां भ्रमण करती हैं। लेकिन इस बार पहली बार ऐसा अनोखा नजारा देखने को मिला। यहां पर कार्यक्रम के दौरान लेजर लाइट शो का इस्तेमाल किया गया। दिवारी नृत्य कार्यक्रम में साउंड और आतिशबाजी का जमकर प्रयोग हुआ। रंग-बिरंगे गुलाल के बीच नृतक जमकर थिरक रहे थे। इसके अलावा सांस्कृतिक कार्यक्रमों को भी प्रदर्शित किया गया।
रिपोर्ट- विशाल वर्मा
लेखक के बारे में
योगेश भदौरिया
टीवी जर्नलिज्म से शुरुआत के बाद बीते 8 साल से डिजिटल मीडिया में हैं। राजनीति के अलावा टेक और ऑटो सेक्शन की खबरों में दिलचस्पी। NDTV इंडिया से सफर की शुरुआत के बाद न्यूज नेशन होते हुए अब NBT ऑनलाइन पहुंचे। वक्त मिलने पर नई टेक्नोलॉजी के बारे में जानना। घुमक्कड़ और जिज्ञासू। खाली टाइम में प्ले स्टेशन पर गेमिंग के अलावा बाइकिंग और ड्राइविंग लवर।... और पढ़ें

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