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Bikru Kand: विकास के खजांची जय वाजपेई के शस्त्र लाइसेंस की सिफारिश विधायक ने की थी, दस्तावेजों से हुआ खुलासा

Bikru Kand Latest News: हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे (Vikas Dubey) के खजांची जय वाजपेई (Jai Vajpayee) ने रिवॉल्वार लाइसेंस की फीस मांफी के लिए विधायक इरफान सोलंकी से सिफारिश कराई थी। विधायक ने तत्कालीन डीएम को पत्र लिखकर रिवॉल्वर लाइसेंस फीस को 50 हजार से 20 हजार करा दी थी।

Lipi 26 Jan 2021, 6:05 pm

हाइलाइट्स

  • दुर्दांत अपराधी विकास दुबे के खजांची जय वाजपेई की जड़े पुलिस विभाग के साथ राजनीति में भी
  • बिकरू कांड के बाद चल रही शस्त्र लाइसेंस की जांच में हुआ है चौंकाने वाला खुलासा
  • जय के रिवॉल्वर लाइसेंस की फीस माफ करने को समाजवादी पार्टी विधायक ने की थी सिफारिश
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कानपुर
दुर्दांत अपराधी विकास दुबे के खजांची जय वाजपेई की जड़े पुलिस विभाग के साथ ही राजनीतिक गलियारों में भी मजबूत थी। जय वाजपेई शहर के कई सफेदपोश नेताओं के संपर्क में था। बिकरू कांड के बाद चल रही शस्त्र लाइसेंस की जांच में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। जय के रिवॉल्वर लाइसेंस की फीस माफ करने के लिए समाजवादी पार्टी विधायक इरफान सोलंकी ने तत्कालीन डीएम को पत्र लिखकर सिफारिश की थी। विधायक के लेटर के बाद शस्त्र लाइसेंस की फीस 50 हजार से 20 हजार कर दी गई थी।
कुख्यात अपराधी विकास दुबे ने बीते 2 जुलाई की रात अपने गुर्गों के साथ मिलकर आठ पुलिस कर्मियों की हत्या कर दी थी। बिकरू हत्याकांड के बाद यूपी एसटीएफ ने कानपुर पुलिस के साथ मिलकर विकास दुबे समेत 6 बदमाशों को एनकांउटर में मार गिराया था। बिकरू कांड के बाद विकास दुबे का खजांची जय वाजपेई सुर्खियों में आ गया था। जय वाजपेई विकास की ब्लैक मनी को व्हाइट करने का काम करता था। जमीनों की खरीद फरोख्त, रियल स्टेट और ब्याज में रुपए बांटता था।

जय वाजेपई ने विधायक से कराई थी सिफारिश

जय वाजपेई को अपनी पॉवर का इस्तेमाल करना बखूबी आता था। जय वाजपेई ने बीते 24 नवबंर 2007 को रिवॉल्वर के लाइसेंस के लिए आवेदन फार्म भरा था। रिवॉल्वर लाइसेंस की फीस 50 हजार रुपए थी। जय वाजपेई ने एसपी विधायक इरफान सोलंकी से तत्कालीन डीएम को पत्र लिखवाया था। विधायक का पत्र मिलने के बाद रिवॉल्वर लाइसेंस की फीस 50 हजाए से 20 हजार कर दी गई थी। पुलिस की रिपोर्ट में जय वाजपेई को बैट्री कारोबारी दिखाया गया था।

पुलिस की रिपोर्ट ने किया था गुमराह
जय वाजपेई का लाइसेंस 19 जनवरी 2008 को जारी कर दिया गया था। दस्तावेजों की जांच में पता चला है कि बजरिया के तत्कालीन एसएचओ एसके वर्मा ने रिपोर्ट लगाई थी कि जय के खिलाफ कोई केस दर्ज नहीं है। इसके बाद जय वाजपेई कूटरचित दस्तावेज तैयार कर फर्जी सपथ देकर लाइसेंस रिन्यूवल कराता रहा।

विधायक ने दी सफाई
विधायक इरफान सोलंकी का कहना है कि मैं जनप्रतिनिधी हूं। मेरी ओर से यदि किसी का काम बनता है तो इसमें कोई बुराई नहीं है। अब वो शख्स आगे जाकर क्या करता है, कुछ नहीं कहा जा सकता है। उन्होंने बताया कि जय का भाई रजयकांत वाजपेई वार्ड अध्यक्ष था। मैंने हो सकता है कि उसके कहने पर पत्र लिखा हो। लेकिन मेरा उससे कोई मतलब नहीं है।

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