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अपराधियों को ढूंढने में फिसड्डी और वसूली में आगे है कानपुर पुलिस, जानिए कानपुर पुलिस के कारनामे

कानपुर अपनी कारगुजारी को लेकर हमेशा विवादो में रहती है। जिले में आधा दर्जन ऐसी घटनाएं घटित हुई है जिसमें पुलिस के कामकाज पर ही सवाल उठने लगे। इन 6 घटनाओं में आज भी पुलिस के हाथ खाली है। बल्कि पुलिस इन मामलों में हंसी का पात्र भी बनी है।

Lipi 3 Feb 2021, 10:37 am
सुमित शर्मा, कानपुर
नवभारतटाइम्स.कॉम Police
यूपी पुलिस

उत्तर प्रदेश की कानपुर पुलिस अपने कारनामों को लेकर सुर्खियों में बनी रहती है। पुलिस अपनी कारगुजारी से विभाग का नाम भी रोशन कर रही है। जिले के 6 ऐसे मामले सामने आए हैं। जिन्होने कानपुर पुलिस के कामकाज पर सवाल उठा दिए। कानपुर की काबिल पुलिस भीख मांगने वाली दिव्यांग महिला से उसकी नाबालिग बेटी को ढूंढने के लिए 12 हजार रुपये वसूलती है। कहीं छेड़छाड़ की विवेचना में मृत महिला का बयान दर्ज कर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर देती है।

कानपुर की होशियार पुलिस यहीं नहीं रुकती है, बल्कि अपनी काबिलियत को दिखाते हुए, जुए की फड़ को लूटने के लिए पहुंच जाती है। इससे भी ज्यादा हैरान करने वाली बात यह है कि जिले की हाईटेक पुलिस संजीत अपहरण-हत्याकांड में एक भी सबूत नहीं जुटा पाई है। दुर्दांत अपराधी विकास दुबे ने जिस सेमी ऑटोमेटिक रायफल से पुलिस पर गोलियां बरसाईं थी। पुलिस उस रायफल को ढूंढने में कामयाब नहीं हो पाई है।

दिव्यांग महिला से पुलिस ने वसूले 12 हजार
कानपुर पुलिस की एक शर्मनाक करतूत सामने आई है। चकेरी थाना क्षेत्र के सनिगवां में रहने वाली विधवा दिव्यांग महिला की नाबालिग बेटी एक महीने से लापता है। दिव्यांग ने चकेरी थाने में बेटी के लापता होने की गुमशुदगी भी दर्ज कराई थी। पीड़ित महिला ने दूर के एक रिश्तेदार पर बेटी को लापता कराने का आरोप लगाया था। पुलिस ने दिव्यांग महिला से बेटी को ढूंढने के लिए गाड़ी और डीजल का खर्च बताकर 12 हजार रुपये वसूल लिए।

कानपुर पुलिस को मुर्दे भी दर्ज कराने आते है बयान
कानपुर पुलिस की जितनी तारीफ की जाए कम है, नौबस्ता की होनहार पुलिस को मुर्दे भी बयान दर्ज कराने के लिए आते हैं। महिला से छेड़छाड़ मामले की विवेचना कर रहे दारोगा ने मृत महिला का बयान दर्ज कर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी। पीड़िता ने विवेचक और आरोपियों पर कार्रवाई करने के लिए हाईकोर्ट से गुहार लगाई है।

जुआ लूटने गए दारोगा ने की थी हत्या
कानपुर पुलिस को जुआ लूटने का भी हुनर बखूबी आता है। घाटमपुर कोतवाली क्षेत्र के भदरस गांव में रहने वाले विमल वाजपेई (45) पूर्व बीडीसी सदस्य थे। बीते 30 अक्टूबर 2020 शुक्रवार देररात गांव के बाहर खतों के बीच जुआ चल रहा था। दारोगा प्रेमवीर यादव सिपाही के साथ जुआ लूटने की नीयत से पहुंचे थे। पुलिस को देखकर जुए की फड़ में भगदड़ मच गई थी। इसी बीच विमल वाजपेई उर्फ पप्पू से दारोगा की झड़प हो गई थी। दारोगा प्रेमवीर यादव ने विमल को गोली मार दी थी। इस मामले में दारोगा प्रेमवीर यादव समेत तीन लोग जेल में है।

संजीत अपहरण-हत्याकांड में पुलिस पर उठे सवाल
कानपुर का चर्चित लैब टेक्निशन संजीत अपहरण-हत्याकांड की यादें आज भी लोगों के जहन में ताजा हैं। संजीत हत्याकांड की सबसे खास बात यह है कि पुलिस इस मामले में अब तक सात आरोपियों को जेल भेज चुकी है। आरोपी पकड़े जाने के बाद भी पुलिस के हाथ एक भी सबूत नहीं लगा।

पुलिस संजीत की लाश बरामद नहीं कर सकी। इसके साथ ही संजीत का मोबाइल फोन, संजीत का ड्यूटी बैग, पर्स, जिस बैग में फिरौती की रकम दी गई थी वो बैग, फिरौती बैग में रखा गया मोबाइल और जिस रस्सी से संजीत का गला कसा गया था, पुलिस उस रस्सी को भी बरामद नहीं कर सकी है, जबकि पुलिस ने इस हत्याकांड के तीन आरोपियों को 48 घंटे की रिमांड में लेकर पूछताछ भी की थी, इसके बावजूद भी पुलिस के हाथ एक भी नहीं लगा था।

पुलिस के हाथ नहीं लगी ‘सेमी ऑटोमेटिक रायफल’
कुख्यात अपराधी विकास दुबे ने सेमी ऑटोमेटिक रायफल से पुलिस कर्मियों पर गोलियां बरसाईं थीं। विकास ने सेमी ऑटोमेटिक रायफल से प्रतिबंधित अमेरिकन विंचेस्टर कारतूस का इस्तेमाल किया था। सेमी ऑटोमेटिक रायफल पुलिस के लिए एक अनसुलझी पहेली बनकर रह गई है। आज भी यह सबसे बड़ा सवाल बना हुआ है कि रायफल गई तो कहां गई। आईजी मोहित अग्रवाल ने रायफल ढूंढ़कर लाने वाले को 25 हजार की इनाम राशि देने का भी ऐलान किया है। बिकरू हत्याकांड में कानपुर पुलिस 36 आरोपियों को जेल भेज चुकी है।

सोशल मीडिया पर जिंदा है विकास दुबे
दुर्दांत अपराधी विकास दुबे एनकांउटर में मारा जा चुका है। एनकांउटर के बाद युवाओं के बीच उसकी लोकप्रीयता का ग्राफ तेजी से बढ़ा है। युवा पीढ़ी ने विकास दुबे को सोशल मीडिया पर जिंदा कर रखा है। फेसबुक पर विकास दुबे कानपुर वाले, गैंगेस्टर विकास दुबे, पंडित विकास दुबे के नाम से कई पेज बने हैं। इन फेसबुक पेजों पर एक अपराधी का खुलेआम महिमा मंडन किया जा रहा है। सोशल मीडिया पर अपराधी का महिमा मंडन करने वालों तक पहुंचने के लिए साइबर सेल ने फेसबुक हेड क्वार्टर को ईमेल कर फेसबुक पर पेज को ऑपरेट करने वालों की डिटेल मांगी थी।

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