कानपुर
कानपुर के शेल्टर होम राजकीय बालगृह में 57 लड़कियों के कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। वहीं इस मामले में अब मानवाधिकार आयोग ने स्वत: संज्ञान लिया है। कोरोना संक्रमित लड़कियों में से 5 गर्भवती पाई गई हैं और एचआईवी संक्रमित भी है। यह भी सामने आया है कि शेल्टर होम में क्षमता से अधिक लड़कियां रह रही थीं। राजनीतिक दलों के मोर्चा खोलने के बाद अब शेल्टर होम की व्यवस्थाओं पर कई सवाल उठे हैं। कहा जा रहा है कि संक्रमण के दौर में आखिर गर्भवती लड़कियों को क्यों अलग नहीं रखा गया। साथ ही शेल्टर होम और स्वास्थ्य प्रशासन ने कैसे अन्य लड़कियों के साथ गर्भवतियों को प्राइवेट आइसोलेशन सेंटर भेज दिया।
पढ़ें: कानपुर शेल्टर होम में कैसे पहुंचा कोरोना, जांच में जुटी पुलिस
100 के बजाय 171 लड़कियां रह रही थीं
शेल्टर होम की क्षमता करीब 100 लड़कियों को रखने की है, लेकिन यहां 171 लड़कियां रहती थीं। बीते 6-7 महीने में आईं कुछ लड़कियों के गर्भवती होने की पूरी जानकारी डीपीओ को थी, लेकिन संक्रमणकाल में इन लड़कियों को अलग रखने का इंतजाम नहीं किया गया।
जबकि कानपुर मंडल के कमिश्नर ने एक महीने पहले समीक्षा मीटिंग में साफ कहा था कि कोविड के लिहाज से गर्भवती महिलाएं बेहद संवेदनशील हैं। इनका विशेष ध्यान रखा जाए। इसके अलावा आधिकारिक तौर पर इस शरणालय में संक्रमण फैलने के स्रोत का पता नहीं चल सका है।
जांच कमिटी बनी, कन्नौज में भी केस
डीपीओ अजित कुमार ने बताया कि जिन पांच गर्भवती लड़कियों को कोविड मिला है, उनमें 4 के केस में संबंधित जिलों के कोर्ट में चार्जशीट दाखिल हो चुकी है। कन्नौज के एक केस में जांच जारी है। वहीं, जांच के लिए एसडीएम और सीओ की एक कमिटी बनाई गई है, लेकिन यह नहीं साफ है कि जांच किन पहलुओं पर होगी।
कानपुर के शेल्टर होम राजकीय बालगृह में 57 लड़कियों के कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। वहीं इस मामले में अब मानवाधिकार आयोग ने स्वत: संज्ञान लिया है। कोरोना संक्रमित लड़कियों में से 5 गर्भवती पाई गई हैं और एचआईवी संक्रमित भी है। यह भी सामने आया है कि शेल्टर होम में क्षमता से अधिक लड़कियां रह रही थीं।
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100 के बजाय 171 लड़कियां रह रही थीं
शेल्टर होम की क्षमता करीब 100 लड़कियों को रखने की है, लेकिन यहां 171 लड़कियां रहती थीं। बीते 6-7 महीने में आईं कुछ लड़कियों के गर्भवती होने की पूरी जानकारी डीपीओ को थी, लेकिन संक्रमणकाल में इन लड़कियों को अलग रखने का इंतजाम नहीं किया गया।
जबकि कानपुर मंडल के कमिश्नर ने एक महीने पहले समीक्षा मीटिंग में साफ कहा था कि कोविड के लिहाज से गर्भवती महिलाएं बेहद संवेदनशील हैं। इनका विशेष ध्यान रखा जाए। इसके अलावा आधिकारिक तौर पर इस शरणालय में संक्रमण फैलने के स्रोत का पता नहीं चल सका है।
जांच कमिटी बनी, कन्नौज में भी केस
डीपीओ अजित कुमार ने बताया कि जिन पांच गर्भवती लड़कियों को कोविड मिला है, उनमें 4 के केस में संबंधित जिलों के कोर्ट में चार्जशीट दाखिल हो चुकी है। कन्नौज के एक केस में जांच जारी है। वहीं, जांच के लिए एसडीएम और सीओ की एक कमिटी बनाई गई है, लेकिन यह नहीं साफ है कि जांच किन पहलुओं पर होगी।