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कानपुर के एसपी विधायक ने सीएम को लिखा खून से खत, पेयजल समस्‍या को लेकर बैठे हैं धरने पर

एसपी विधायक अमिताभ बाजपेयी का कहना है कि वह तीन दिनों से धरने पर बैठे हैं। जिन बातों की वह लड़ाई लड़ रहे हैं, वे सभी योजनाएं 12 साल से अधूरी हैं।

Lipi 17 Jun 2020, 6:36 pm
कानपुर
नवभारतटाइम्स.कॉम धरने पर बैठै एसपी विधायक
धरने पर बैठै एसपी विधायक

समाजवादी पार्टी के विधायक अमिताभ बाजपेयी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को खून से पत्र लिखकर पेयजल योजनाओं को पूरी करने की मांग की है। इस पत्र में उन्होने खुद को हठयोगी कहा है। क्षेत्र की पेयजल समस्या को लेकर एसपी विधायक बीते तीन दिनों से धरने पर बैठे हैं, लेकिन जिला प्रशासन के किसी भी अधिकारी ने उनकी सुध नही ली है। इससे आहत होकर विधायक ने मुख्यमंत्री को खून से पत्र में लिखा है।

विधायक का कहना है कि गंगा बैराज की लाइन को उनके क्षेत्र को नहीं जोड़ा गया है । इस भीषण गर्मी में क्षेत्र में पेयजल संकट बना हुआ है । कोरोना संकटकाल में लोग बड़ी संख्या में हैंडपंप पर लाइन लगा रहे है । जिससे संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ गया है, लेकिन जिला प्रशासन और जल निगम के अधिकारी उदासीन रवैया अपनाएं है।

'खून देख शायद जगे योगी की भावनाएं'

विधायक ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी जी हैं तो मैंने भी हठयोग किया है। मैं अब धरने से तभी हटूंगा, जब गंगा बैराज का पानी इस पानी की टंकी में आ जाएगा। वो योगी हैं तो शायद हठयोगी की बात समझ जाएं। उनकी संवेदनाएं जगाने की नीयत से अपने खून से पत्र लिखा है। शायद खून देखकर उनकी भावनाएं जग जाएं ताकि मेरी क्षेत्र की जनता को पानी की आपूर्ति संभव हो सके।

तीन दिन से धरने पर, कोई पूछने नहीं आया
एसपी विधायक अमिताभ बाजपेयी के मुताबिक, तीन दिनों से मैं धरने पर बैठा हूं। जिन बातों की मैं लड़ाई लड़ रहा हूं वे सभी योजनाएं 12 साल से अधूरी है। बीते तीन साल से मैं विधायक हूं, उसके लिए तीन साल से लड़ाई लड़ रहा हूं। योजनाओं के लिए मैने विधानसभा में सवाल उठाए है , ज्ञापन दिए और मुलाकातें की हैं। अफसोस उसका कहीं असर नहीं हुआ है। मैं तीन दिनों से धरने पर बैठा हूं, प्रशासन का कोई अधिकारी यह तक पूछने नहीं आया कि आप क्यों धरने पर बैठे है। कौन सी मांगें हैं जिसको लेकर धरने पर बैठे हैं। मुझे लगता है कि सरकार संवेदनशून्य हो गई है।

नहीं टूटी अधिकारियों की नींद
विधायक ने कहा कि जल निगम बहुत ही मोटी चमड़ी वाला विभाग है। गंगा बैराज का जब उद्घाटन हुआ था, तब एसपी सरकार थी, फिर बीएसपी की सरकार आई। इसके बाद फिर से एसपी की सरकार आई। अब बीजेपी की सरकार है। इसी तरह से अनेक सरकारें आकर चली गईं। सरकारें आती- जाती गईं पर अधिकारियों की नींद नहीं टूटी। बड़े बजट का काम होता है वो फौरन कर लेते है लेकिन जिस काम से जनता को राहत मिलनी चाहिए वो काम नहीं करते है।

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