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किडनैपरों ने संजीत के शव को बोरे में भर कर पांडू नदी में फेंका था, पहचान के लिए हो सकता डीएनए टेस्ट

लैब टेक्निशन संजीत यादव के शव को दो जनपदों की पुलिस, पीएसी के गोताखोर और मोटर बोट दो दिनों से तलाश में जुटे हैं। इसके बाद भी पुलिस को सफलता नहीं मिली है। यदि पुलिस को शव मिलता है तो संजीत के परिजनों से डीएनए टेस्ट के मिलान कराए जाने पर भी विचार किया जा रहा है।

Lipi 26 Jul 2020, 2:55 pm
सुमित शर्मा, कानपुर
नवभारतटाइम्स.कॉम 1

लैब टेक्निशन संजीत यादव के शव की तलाश में दो जनपदों की पुलिस, गोताखोरों की टीम और पीएसी के मोटर बोटों को लगाया है। पांडू नदी कानपुर से होकर फतेहपुर जनपद की तरफ जाती है। शुक्रवार से लेकर शनिवार तक 32 किलोमीटर तक मोटर बोट और गोताखोरों की टीमों ने संजीत के शव की तलाश की, लेकिन कहीं कुछ पता नहीं चला। बीते 26 जुन को किडनैपरों ने संजीत की गला घोट कर हत्या कर दी थी, और उसके शव को बोरे में भर कर पांडू नदी में फेंक दिया था। रविवार से संजीत यादव की हत्या को एक महीने पूरे हो गए, ऐसी स्थिति में शव पूरी तरह से नष्ट हो गया हो गया होगा। यदि पांडू नदी में बॉडी मिलती है तो पुलिस उसका डीएनए टेस्ट कराने के बाद ही परिजनों को सौंपेगी।

बर्रा थाना क्षेत्र के बर्रा पांच में रहने वाले लैब टेक्निशन का किडनैप उसके ही दोस्तों ने बीते 22 जून को किया था। किडनैपरों ने चार दिनों तक बंधक बनाए रखने के बाद संजीत की हत्या कर दी थी। 26 जून को देर रात शव को बोरे में भर पांडू नदी में डिस्पोज कर दिया था। किडनैपरों ने 29 जून को संजीत के परिजनों से 30 लाख रुपए फिरौती की मांग की थी। पुलिस ने 24 जुलाई को एक महिला समेत पांच किडनैपरों को गिरफ्तार किया था। किडनैपरों ने पुलिस को बताया था कि संजीत की हत्या अपहरण के बाद चौथे ही दिन कर दी थी, और पांडू नदी में फेंक दिया था।

बारिश में शव शव दूर बह गया होगा
पिछले एक महीने में कानपुर में भारी बारिश हुई है, पुलिस का अनुमान है कि बारिश की वजह से नदी का बहाव तेज है, हो सकता है कि शव बह कर जनपद फतेहपुर की तरफ निकल गया होगा। सर्च ऑपरेशन में फतेहपुर पुलिस की भी मदद ली गई है। पांडू नदी की कानपुर सीमा में मोटर बोट सवार गोताखोरों ने 100 बोरियों की जांच की, लेकिन शव बरामद नहीं हुआ है।

डीएनए टेस्ट से मिलान कराया जाएगा
पुलिस टीमें बस्ती और आसपास के गांव में जाकर शव के बारे में पूछताछ कर रही हैं। इसके साथ ही लावारिस शवों का ब्यौरा जुटाया जा रहा है। लावारिस शवों के कपड़ों और अवशेषों से संजीत के परिजनों का डीएनए टेस्ट का मिलान कराया जाएगा। इसके बाद ही शव परिजनों को सौंपा जाएगा।

संजीत यादव मर्डर केस में विभाग की बड़ी कार्रवाई
संजीत यादव मर्डर केस में पुलिस विभाग की तरफ से बड़ी कार्रवाई की गई है। इस मामले में एसएसपी दिनेश कुमार पी का तबादला झांसी कर दिया। इसके साथ ही तत्कालीन सीओ मनोज गुप्ता और एसपी साउथ को निलंबित कर दिया गया था। वहीं जनता नगर चौकी इंचार्ज राजेश कुमार, एसआई योगेंद्र प्रताप, सिपाही अवधेश, दिशु भारतीय, विनोद कुमार, सौरभ पांडेय, मनीष, शिव प्रताप को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया था। विवेचना और इस प्रकरण में लापरवाही बरतने में कार्रवाई की गई है। जबकि इस मामले में बर्रा इंस्पेक्टर रणजीत रॉय को पहले ही निलंबित किया जा चुका था।

संजीत की बहन का कहना है शव नहीं मिला तो आरोपी छूट जाएंगे संजीत की बहन रूचि का कहना है कि पुलिस की लापरवाही की वजह से मेरे भाई की जान गई हैl यदि समय रहते पुलिस सक्रियता दिखाती तो उसकी जान नहीं जातीl मुझे मेरे भाई का शव चाहिए, यदि पुलिस शव भी तलाश नहीं कर सकती है तो मेरे घर के चक्कर काटना बंद कर दे , हमें हमारे हाल पर छोड़ देl यदि संजीत का शव नहीं मिला तो किडनैपर बड़ी आसानी से छूट जाएंगेl

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