ऐपशहर

कानपुर के घाटमपुर में जहरीली शराब से मौतें: अब तक 8 ने तोड़ा दम, 8 गिरफ्तार

यूपी के कानपुर में जहरीली शराब पीने से मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। घाटमपुर तहसील के गांवों में अब तक दर्जनों लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं। 8 लोगों की मौत हो गई है जबकि कई की हालत गंभीर है। उधर, प्रशासन की कई टीमें लगातार गांव के लोगों को जागरूक करने में जुटी हैं।

नवभारत टाइम्स 13 Mar 2019, 3:12 pm
कानपुर
नवभारतटाइम्स.कॉम सांकेतिक छवि
सांकेतिक छवि

यूपी के कानपुर में जहरीली शराब से मौतों का आंकड़ा थमने का नाम नहीं ले रहा है। घाटमपुर तहसील के गांवों में जहरीली शराब से अब तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है। एसएसपी अनंत देव के अनुसार, तहसील के 200 गांवों में सरकारी टीमें जागरूकता अभियान चला रही हैं। इस मामले में अब तक 8 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। यही नहीं 14 लोग हिरासत में भी हैं। अधिकारियों का दावा है कि यह जहरीली शराब पीने के 24 घंटे बाद असर दिखा रही है।

घाटमपुर के कोरथा गांव में एक विवाह समारोह में पी गई शराब से बीते शनिवार को 2 लोगों की मौत हो गई थी। रविवार और सोमवार को 2 और लोगों ने दम तोड़ दिया। मंगलवार को खदरी गांव के रामबाबू (47) और उनके बेटे उमेश (19) की भी मौत हो गई। इस बीच दो और लोगों के भी मौत की खबर है। उधर, क्षेत्र के 4 लोग एलएलआर अस्पताल में भर्ती हैं, इनमें 2 की हालत गंभीर है। कोरथा, भेजापुरवा और खदरी गांव बुरी तरह शराब से प्रभावित हैं। सूत्रों के अनुसार, पोस्टमॉर्टम में मौत की वजह साफ न होने के कारण विसरा सुरक्षित रख लिया गया है। मौत की वजह घातक केमिकल मानी जा रही है।

200 गांवों में अभियान
एसएसपी के अनुसार, 14 इंस्पेक्टर, 4 डीएसपी और बाकी सरकारी कर्मचारियों की मदद से 26 टीमें 200 गांवों में लोगों को जागरूक कर रही है। टीम गांवों में लोगों को बता रही है कि वे सरकारी दुकान के अलावा कहीं से शराब न खरीदें। 20 टीमें क्षेत्र की शराब दुकानों की जांच कर रही है।

बाइक से बिकती थी शराब
सरकारी ठेकों से खरीदी गई शराब को माफिया री-पैक करते थे। तेजी लाने के लिए इसमें कुछ रसायन मिलाते थे। इससे शराब की लागत भी कम आती थी। यह मिलावटी शराब गांवों में माफिया के गुर्गे बाइक से बेचते थे। मामले में अब तक बीएसपी नेता और उसके भाई को गिरफ्तार किया गया है। मामले में कुछ लोग फरार हैं। उधर, खदरी गांव के अमित अवस्थी के घर में चल रही दुकान में तहखाना मिला है। यहां मिले केमिकल को जांच के लिए भेजा जा रहा है। पुलिस के मुताबिक आरोपियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत कार्रवाई पर विचार किया जा रहा है।

प्राइवेट क्लीनिक में इलाज
कार्रवाई में देरी पर डीएम ने कहा कि माफिया ने पहले मामला दबाने की कोशिश की। बीमारों का प्राइवेट क्लीनिक में इलाज करवाने से हालात और बिगड़े हैं। जो लोग सरकारी अस्पतालों में पहुंचे, वे ठीक हो रहे हैं। 9 मार्च की रात से ही डॉक्टरों की टीम क्षेत्र के लोगों की जांच कर रही थी।

अगला लेख

Stateकी ताजा खबरें, ब्रेकिंग न्यूज, अनकही और सच्ची कहानियां, सिर्फ खबरें नहीं उसका विश्लेषण भी। इन सब की जानकारी, सबसे पहले और सबसे सटीक हिंदी में देश के सबसे लोकप्रिय, सबसे भरोसेमंद Hindi Newsडिजिटल प्लेटफ़ॉर्म नवभारत टाइम्स पर
ट्रेंडिंग