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बिकरू कांड के एक साल: वो खौफनाक काली रात, ग्रामीणों के कानों में आज भी गूंजती हैं चीख-पुकार और गोलियों की आवाज

Bikru Kand Latest News: आज यानी दो जुलाई 2021 को बिकरू कांड के एक साल पूरे हो गए। इसक बावजूद ग्रामीणों में बिकरू कांड की दहशत आज भी बरकरार है। राज में कहीं अगर पटाखे की आवाज भी सुनाई देती है ग्रामीफ खौफजदा हो जाते हैं।

Lipi 2 Jul 2021, 6:11 pm
सुमित शर्मा, कानपुर
बिकरू कांड के एक साल पूरे हो चुके हैं लेकिन ग्रामीणों को उस कांड की काली रात आज भी याद है। बिकरू वासियों के कानों में गोलियों और पुलिस कर्मियों की चीखें गूंजती हैं। रात के वक्त पटाखे भी फूटते हैं, तो ग्रामीण दहशत में आ जाते हैं। महिलाएं बच्चों को लेकर घरों के अंदर हो जाती हैं। रात के समय ग्रामीण घरों के बाहर निकलने से कतराते हैं। समय के साथ बिकरू में बहुत कुछ बदल चुका है, लेकिन ग्रामीण बिकरू कांड में कुछ भी बोलने से अभी तक डरते हैं।

कुख्यात अपराधी विकास दुबे ने बीते 2 जुलाई 2020 की रात अपने गुर्गों के साथ मिलकर आठ पुलिस कर्मियों की हत्या कर दी थी। बिकरू कांड के बाद यूपी एसटीएफ ने विकास दुबे समेत 6 बदमाशों को एनकाउंटर में ढेर कर दिया था। बिकरू कांड की काली रात को विकास दुबे के घर के बाहर चारों तरफ पुलिस कर्मियों की लाशें बिखरी पड़ी थीं। आसपास कारतूस के खोखे नजर आ रहे थे। गोलियों के निशान दीवारों, लोहे के गेट और हैंडपंप पर आज भी जिंदा हैं। शहीद पुलिस कर्मियों के खून से पूरा मोहल्ला लाल हो गया था।

जमींदोज हुई विकास की कोठी

बिकरू कांड के बाद प्रशासन ने विकास दुबे के किलेनुमा कोठी को खंडहर में तब्दील कर दिया था। जमींदोज हो चुकी कोठी में सैकड़ों राज आज भी दफन है। विकास दुबे की किलेनुमा कोठी पर जनता दरबार लगता था। गांव के नाली, खड़ंजे के विवाद विकास की कोठी में निपटाए जाते थे। विकास ने जो फैसला सुना दिया, वही अंतिम फैसला होता था। इसके साथ बड़े-बड़े अपराधी कोठी में पनाह लेने के लिए आते थे। प्रशासन ने जब कोठी ढहाया था, दीवारों के भीतर असलहे और बारूद भी मिले थे।


बिकरू कांड के 36 आरोपी जेल में

विकास दुबे की कोठी के आसपास रहने वाले अमर दुबे, अतुल दुबे, प्रेम प्रकाश पांडेय, बउआ दुबे, प्रभात मिश्रा समेत विकास दुबे को एनकाउंटर में ढेर कर दिया गया। इसके साथ ही बिकरू कांड के 36 आरोपी जेल में हैं। इसी वजह से ग्रामीण बिकरू कांड के विषय में बात करना पसंद नहीं करते हैं। विकास दुबे ने 25 साल तक गांव की प्रधानी को अपनी मुट्ठी में दबाकर रखा था।


बिकरू में हुई लोकतंत्र की बहाली
विकास दुबे एनकाउंटर के बाद पंचायत चुनाव में पहली बार गांव में होर्डिंग और पोस्टर दिखे थे। प्रधान पद के प्रत्याशी गांव में जनसंपर्क करते हुए नजर आए थे। ग्रामीणों ने अपने मनपसंद प्रत्याशी के लिए वोट किए हैं। पंचायत चुनाव 2021 में गांव ने मधुदेवी को प्रधान चुना है। गांव में चौपालें लगाई जा रही हैं।

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