कानपुर
कभी डाकिए चिट्टी और मनीऑर्डर लाते थे, लेकिन अब वे किसी वेबसाइट से खरीदा गया मोबाइल लाते हैं। कुछ दिनों में गांवों के डाकघर मौसम का हाल भी बताएंगे। किसानों को मौसम का हाल बताने के लिए चंद्रशेखर आजाद एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (CSAU)का मौसम विभाग तहसीलवार मौसम का डेटा ई-मेल पर देगा। इसे फिलहाल प्रायोगिक तौर पर हर डिविजन के 5-5 ग्रामीण डाकघरों में बोर्ड पर लिखा जाएगा। यहां से इसकी जानकारी ग्राम प्रधानों को भी दी जाएगी। अगर यह प्रयोग कामयाब रहा तो पूरे रीजन में विस्तार होगा।
मौसम संबंधी उपकरण भी लगेंगे
कानपुर के पोस्ट मास्टर जनरल आलोक सक्सेना ने बताया कि दूसरे फेज में डाकघरों में बारिश और हवा की तेजी और रुख आदि जानने के लिए उपकरण लगाने का प्रस्ताव है। इससे यह पता चलेगा कि मौसम की नोडल एजेंसी के पूर्वानुमान और वास्तविकता में कितनी समानताएं हैं। हालांकि यह उपकरण लगाने का काम पोस्टल डिपार्टमेंट नहीं करेगा।
हेड पोस्टऑफिस बनेगा ई-कॉमर्स सेंटर
सक्सेना के मुताबिक, कॉरपोरेट लेटर्स और ई-शॉपिंग के चलते डाकघरों के कामकाज में करीब 20 प्रतिशत की बढ़त रेकॉर्ड की गई है। गुड़गांव और बेंगलुरु से आने वाले पार्सल का लोड भी बढ़ा है। इसे संभालने और टाइम पर डिलिवरी के लिए ई-कॉमर्स सेंटर बनाया जाएगा। इसके लिए 50 लाख रुपये का प्रपोजल सर्कल ऑफिस भेज दिया गया है। एयरपोर्ट पर लगेज के लिए प्रयोग होने वाली बेल्ट की तरह यहां भी कन्वेयर बेल्ट लगाई जाएगी। ऊपर पार्सल देखकर स्टाफ आसानी से इसकी छंटनी कर लेंगे। अभी मैन्युअल प्रॉसेस में काफी समय लगता है। जबकि यह मशीनों से लैस यह ई-कॉमर्स सेंटर कार्यकुशलता बढ़ाएगा।
कभी डाकिए चिट्टी और मनीऑर्डर लाते थे, लेकिन अब वे किसी वेबसाइट से खरीदा गया मोबाइल लाते हैं। कुछ दिनों में गांवों के डाकघर मौसम का हाल भी बताएंगे। किसानों को मौसम का हाल बताने के लिए चंद्रशेखर आजाद एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (CSAU)का मौसम विभाग तहसीलवार मौसम का डेटा ई-मेल पर देगा। इसे फिलहाल प्रायोगिक तौर पर हर डिविजन के 5-5 ग्रामीण डाकघरों में बोर्ड पर लिखा जाएगा। यहां से इसकी जानकारी ग्राम प्रधानों को भी दी जाएगी। अगर यह प्रयोग कामयाब रहा तो पूरे रीजन में विस्तार होगा।
मौसम संबंधी उपकरण भी लगेंगे
कानपुर के पोस्ट मास्टर जनरल आलोक सक्सेना ने बताया कि दूसरे फेज में डाकघरों में बारिश और हवा की तेजी और रुख आदि जानने के लिए उपकरण लगाने का प्रस्ताव है। इससे यह पता चलेगा कि मौसम की नोडल एजेंसी के पूर्वानुमान और वास्तविकता में कितनी समानताएं हैं। हालांकि यह उपकरण लगाने का काम पोस्टल डिपार्टमेंट नहीं करेगा।
हेड पोस्टऑफिस बनेगा ई-कॉमर्स सेंटर
सक्सेना के मुताबिक, कॉरपोरेट लेटर्स और ई-शॉपिंग के चलते डाकघरों के कामकाज में करीब 20 प्रतिशत की बढ़त रेकॉर्ड की गई है। गुड़गांव और बेंगलुरु से आने वाले पार्सल का लोड भी बढ़ा है। इसे संभालने और टाइम पर डिलिवरी के लिए ई-कॉमर्स सेंटर बनाया जाएगा। इसके लिए 50 लाख रुपये का प्रपोजल सर्कल ऑफिस भेज दिया गया है। एयरपोर्ट पर लगेज के लिए प्रयोग होने वाली बेल्ट की तरह यहां भी कन्वेयर बेल्ट लगाई जाएगी। ऊपर पार्सल देखकर स्टाफ आसानी से इसकी छंटनी कर लेंगे। अभी मैन्युअल प्रॉसेस में काफी समय लगता है। जबकि यह मशीनों से लैस यह ई-कॉमर्स सेंटर कार्यकुशलता बढ़ाएगा।