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हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को अपना रोल मॉडल मानता था प्रभात मिश्रा, फेसबुक पर करता था पीतल भरने की बात

Kanpur Vikas Dubey: बिकरू हत्याकांड के आरोपी प्रभात मिश्रा को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया था। प्रभात मिश्रा उर्फ़ कार्तिकेय हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को अपना रोल मॉडल मानता था। कार्तिकेय पंडित विकास दुबे को देखकर अपने नाम के आगे पंडित कार्तिकेय मिश्रा लिखने लगा था। इतना ही नहीं वह फेसबुक पर खुलेआम पीतल भरने की बात करता था।

Lipi 24 Jul 2020, 3:42 pm

हाइलाइट्स

  • यदि प्रभात मिश्रा उर्फ कार्तिकेय की फेसबुक प्रोफाइल देखी जाए तो वह विकास दुबे को अपना रोल मॉडल मानता था
  • विकास दुबे को कॉपी भी करता था प्रभात, विकास दुबे जिस तरह से पंडित विकास दुबे बना था, उसी तहर से प्रभात मिश्रा भी पंडित कार्तिकेय मिश्रा बनना चाहता था
  • विकास ने गांव के युवाओं का ब्रेनवाश कर दिया था, कार्तिकेय जैसे युवा विकास को सरकार मानते थे
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नवभारतटाइम्स.कॉम 1
सुमित शर्मा,कानपुर
बिकरू हत्याकांड के आरोपी रहे प्रभात मिश्रा जितना मासूम दिखता था, इतना मासूम था नहीं। यदि प्रभात मिश्रा उर्फ कार्तिकेय की फेसबुक प्रोफाइल देखी जाए तो वह विकास दुबे को अपना रोल मॉडल मानता था। विकास दुबे को कॉपी भी करता था, विकास दुबे जिस तरह से पंडित विकास दुबे बना था, उसी तहर से प्रभात मिश्रा भी पंडित कार्तिकेय मिश्रा बनना चाहता था। उसकी फेसबुक आईडी पंडित कार्तिय मिश्रा के नाम से बनी है। पंडित कार्तिकेय मिश्रा बेखौफ बदमाश था, उसने अपनी फेसबुक आईडी में एक पोस्ट में लिखा है कि ‘ जिस-जिस ने बेवजह पंगा लिया है, वो याद रखे, टाइम आने दो पीतल न भर दी तो कहना’। इसके साथ ही लोगों को चेतावनी भी दी थी कि विकास दुबे के खौफ से डरो।
हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे ने अपने गुर्गों के साथ मिलकर 8 पुलिसकर्मियों की बेरहमी से हत्या कर दी थी। इस हत्याकांड में प्रभात मिश्रा उर्फ कार्तिकेय भी शामिल था। कार्तिकेय ने पुलिसकर्मियों पर गोलियां बरसाई थी। कार्तिकेय विकास दुबे के गैंग का सक्रिय सदस्य था। कार्तिकेय विकास दुबे से बहुत प्रभावित था, विकास के कहने पर वो कुछ भी कर सकता था। दरअसल विकास ने गांव के युवाओं का ब्रेनवाश कर दिया था। कार्तिकेय जैसे युवा विकास को सरकार मानते थे।

बिकरू गांव में रहने वाले राजेंद्र कुमार मिश्रा खेती किसानी कर के परिवार का पालन पोषण करते थे। परिवार में पत्नी सुमन लता, एकलौते बेटे प्रभात मिश्रा और बेटी के साथ रहते थे। प्रभात की दोस्ती अमर दुबे से थी, अमर दुबे के साथ ही कार्तिकेय विकास दुबे की कोठी पर जाया करता था। विकास की शान शौकत देखकर प्रभात हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे से प्रभावित था।

'फेसबुक पर पीतल भरने के पोस्ट'
पंडित कार्तिकेय मिश्रा द्वारा फेसबुक पर किए गए पोस्ट देखने साफ पता लगता है कि वो कितना शातिर था। उसके अंदर किसी का भी खौफ नहीं था। इसके साथ ही वो अमिताभ बच्चन की फिल्म सरकार से भी प्रभावित था, जिस प्रकार अमिताभ बच्चन ने सरकार फिल्म में अभिनय किया था, कुछ उसी भूमिका में वो हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को भी रखता था।

एनकाउंटर में मारा गया था कार्तिकेय मिश्रा
आठ पुलिसकर्मियों की हत्या करने के बाद बीते 7 जुलाई को कार्तिकेय को फरीदाबाद से गिरफ्तार किया गया था। यूपी एसटीएफ और पुलिस कार्तिकेय को फरीदाबाद से ट्रांजिड रिमांड पर कानपुर लेकर आ रही थी। बीते 8 जुलाई को पनकी हाइवे के पास पुलिस की गाड़ी पंचर हो गई थी। प्रभात पुलिस की पिस्टल लेकर भागने का प्रयास कर रहा था। इसी दौरान प्रभात पुलिस की मुठभेड़ में मारा गया था।

प्रभात की मां का दावा कार्तिकेय था नाबालिग
प्रभात की मां सुमन लता ने दावा किया था कि कार्तिकेय की मार्कशीट और आधार कार्ड में जो जन्मतिथि अंकित है वो बिल्कुल सही है। हाईस्कूल प्रमाण पत्र में प्रभात की जन्मतिथि 27 मई 2004 है। इस हिसाब से मेरा बेटा मात्र 16 साल दो महीने का था। उसका कोई भी अपराधिक इतिहास नहीं है। इसके बावजूद भी पुलिस ने उसे मार दिया। लेकिन पुलिस ने जब उसके शैणिक प्रमाण पत्रों की जांच की तो पता चला कि फर्जी प्रमाण पत्र बनवाकर कार्तिकेय ने अपनी उम्र चार साल कम कराई थी।

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