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कानपुर पहुंचकर बोले राष्ट्रपति, आज अपने घर आया हूं

राज्यपाल और मुख्यमंत्री के साथ भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद कानुपर पहुंचे।

नवभारतटाइम्स.कॉम 15 Sep 2017, 4:37 pm
राष्ट्रपति बनने के बाद रामनाथ कोविंद शुक्रवार दोपहर को पहली बार अपने गृहजनपद कानपुर पहुंचे। यहां उन्होंने कल्याणपुर के ईश्वरीगंज में 'स्वच्छता ही सेवा' कार्यक्रम की शुरुआत की। राष्ट्रपति ने सबको स्वच्छता रखने की शपथ दिलाई। इस दौरान कोविंद ने कहा, मैं आज अपने घर आया हूं। मैं मानता हूं कि यहां के लोगों ने जो स्वागत की तैयारियां की हैं वो राष्ट्रपति के लिए की हैं रामनाथ कोविंद के लिए नहीं।
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यहां के लोगों को भी लगता होगा कि हमारे बीच का ही व्यक्ति राष्ट्रपति भवन में बैठा है। लोगों का मुझसे भावनात्मक लगाव है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति से बड़ा राष्ट्रनिर्माता होता है और इस देश का हर व्यक्ति राष्ट्रनिर्माता है। मुफ्त में स्वच्छता का विज्ञापन करने वाले अमिताभ बच्चन भी राष्ट्रनिर्माता हैं। उन्होंने कहा आजादी की लड़ाई में कानपुर का बड़ा योगदान रहा है लेकिन आज सारे देश को स्वच्छता की लड़ाई लड़नी है।

कार्यक्रम में उनके साथ राज्यपाल राम नाईक और मुख्यमंत्री आदित्यनाथ भी मौजूद रहे। राज्यपाल ने कहा, मैं सोच रहा था कि कोविंद जब राष्ट्रपति बनकर यहां आएंगे तो उनका स्वागत कैसे होगा। आज मुझे यहां के लोगों के चेहरे पर ऐसी खुशी दिखाई दे रही है जैसे लंका पर विजय पाकर श्रीराम वापस लौटे हों।

कार्यक्रम में मौजूद मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा, गंगा के किनारे बसे हर जिले में गंगा महोत्सव मनाया जाएगा। साथ ही उन्होंने माफियाओं से खाली कराई जमीन पर गरीबों के लिए टॉयलेट बनवाने के लिए मुफ्त पट्टे दिए जाने की बात भी कही।

बता दें कि 27 अगस्त 2017 को मन की बात के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सितंबर 2017 से गांधी जयंती, 2 अक्टूबर 2017 तक 'स्वच्छता ही सेवा' कैंपेन चलाने के लिए पूरे देश का आह्वान किया था। इस कैंपेन का मुख्य उद्देश्य पूरे देश में स्वच्छता को बढ़ावा देना और जनआंदोलन की तरह इस अभियान को चलाना है। इसी कार्यक्रम की शुरुआत आज कोविंद ईश्वरीगंज गांव से कर रहे हैं।

इस गांव को चुने जाने के पीछे भी खास वजह है। यहां के लोगों के अथक प्रयास के बाद इसे खुले में शौंच से मुक्त घोषित किया गया है। इस काम को अंजाम देने वाले लोगों को राष्ट्रपति सम्मानित भी करेंगे। गौरतलब है कि ईश्वरीगंज से 60 किमी दूरी पर स्थित गांव परौंख में राष्ट्रपति का जन्म हुआ था।

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