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Vikash Dubey: शस्त्र लाइसेंस मामले में तीन PPS अधिकारियों पर गिरी गाज, जानिए जांच में क्या सच आया सामने

बिकरू कांड के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता में एसआइटी की टीम का गठन किया था। एसआइटी ने जांच कर अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंप दी थी। एसआइटी की रिपोर्ट में 37 पुलिसकर्मी और तीन पीपीएस अधिकारी दोषी पाए गए थे। बिकरू कांड की जांच करने वाले एसआईटी चीफ संजय भूसरेड्डी ने कहा था कि शस्त्र लाइसेंस का सत्यापन जिम्मेदार अधिकारियों ने गंभीरता से नहीं लिया।

guest Sumit-Sharma | Lipi 2 Jul 2022, 4:07 pm
कानपुर : यूपी के चर्चित बिकरू हत्याकांड के दो साल पूरे हो गए हैं। बिकरू कांड के बाद शासन ने एसआईटी का गठन किया था। एसआईटी टीम ने अपनी जांच में पाया था कि शस्त्र लाइसेंस के सत्यापन में अधिकारियों ने लापरवाही बरती है। एसआईटी ने कहा था कि यदि अधिकारी जिम्मेदारी से लाइसेंस का सत्यापन करते तो बिकरू जैसी घटना घटित नहीं होती। एसआईटी ने तीन पीपीएस अधिकारियों को दोषी मानते हुए जांच की संस्तुति की थी। मंडलायुक्त कानपुर के नेतृत्व में जांच कमेटी का गठन किया गया है। जांच कमेटी ने शस्त्र लाइसेंस सत्यापन की जांच शुरू कर दी है।
नवभारतटाइम्स.कॉम Vikash Dubey: शस्त्र लाइसेंस में तीन PPS अधिकारियों पर गिरी गाज, कमिश्नर के नेतृत्व में बनी कमेटी
प्रतीकात्मक तस्वीर


दुर्दांत अपराधी विकास दुबे ने बीते 2 जुलाई 2020 की रात अपने गुर्गों के साथ मिलकर सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी। बिकरू कांड के बाद यूपी एसटीएफ ने विकास दुबे समेत 6 बदमाशों को एनकांउटर में मार गिराया था। इस मामले में 36 आरोपी जेल में बंद हैं। बिकरू कांड के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता में एसआइटी की टीम का गठन किया था। एसआइटी ने जांच कर अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंप दी थी। एसआइटी की रिपोर्ट में 37 पुलिसकर्मी और तीन पीपीएस अधिकारी दोषी पाए गए थे।

तत्कालीन अफसर हैं दोषी
बिकरू कांड की जांच करने वाले एसआईटी चीफ संजय भूसरेड्डी ने कहा था कि शस्त्र लाइसेंस का सत्यापन जिम्मेदार अधिकारियों ने गंभीरता से नहीं लिया। घटना के वक्त तैनात तत्कालीन अधिकारियों ने लापरवाही बरती है। जिसकी वजह से फर्जी असलहा लाइसेंस जारी हो गए। एसआईटी ने तत्कालीन एडीएम सिटी विवेक कुमार श्रीवास्तव, पूर्व मजिस्ट्रेट रवि श्रीवास्तव, अपर नगर मजिस्ट्रेट व प्रभारी अधिकारी शस्त्र अभिषेक कुमार सिंह को दोषी मानते हुए जांच की संस्तुति की थी।

अधिकारियों के बयान होंगे दर्ज
इस प्रकरण में नियुक्ति अनुभाग की तरफ से शुरूआती जांच के आदेश दिए हैं। इसके बाद मंडलायुक्त डॉ राजशेखर डीम और अपर आयुक्त प्रशासन दो सदस्यीय जांच कमेटी बनाई थी। जांच टीम ने इसकी प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों के बीच बैठकों का दौर जारी है। बहुत जल्द ही तीनों पीपीएस अधिकारियों के बयान भी दर्ज किए जाएंगे।
रिपोर्ट- सुमित शर्मा
लेखक के बारे में
योगेश भदौरिया
टीवी जर्नलिज्म से शुरुआत के बाद बीते 8 साल से डिजिटल मीडिया में हैं। राजनीति के अलावा टेक और ऑटो सेक्शन की खबरों में दिलचस्पी। NDTV इंडिया से सफर की शुरुआत के बाद न्यूज नेशन होते हुए अब NBT ऑनलाइन पहुंचे। वक्त मिलने पर नई टेक्नोलॉजी के बारे में जानना। घुमक्कड़ और जिज्ञासू। खाली टाइम में प्ले स्टेशन पर गेमिंग के अलावा बाइकिंग और ड्राइविंग लवर।... और पढ़ें

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