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Kanpur News: वायरल वीडियो में BJP नेता हिस्ट्रीशीटर को जीप से खींचते हुआ दिखा... पुलिस ने किया चिह्नित

अपराधी को भगाने के मामले में अभी तक कानपुर पुलिस बीजेपी नेता को बचा रही थी, लेकिन वीडियो वायरल होने के बाद अब पुलिस बैकफुट पर आ गई है। पुलिस अपराधी को छुड़ाने में शामिल सभी व्यक्तियों को चिह्नित कर रही है।

Lipi 3 Jun 2021, 12:11 pm
कानपुर
नवभारतटाइम्स.कॉम a

कानपुर पुलिस अपने कारनामों को लेकर हमेशा सुर्खियों में बनी रहती है। पुलिस अभिरक्षा से एक बीजेपी नेता समर्थकों के साथ मिलकर एक अपराधी को छुड़ा कर भगा देता है। सत्ता की हनक में पुलिस कर्मियों के साथ गाली-गलौज, धक्कामुक्की और मारपीट की जाती है। सैकड़ों की भीड़ के बीच पुलिसकर्मी जान की बाजी लगाकर उस हिस्ट्रीशीट को जीप में बैठाकर ले जाने का प्रयास करते हैं तो जिलामंत्री समर्थकों के साथ मिलकर हिस्ट्रीशीटर को जीप खींचकर बाहर निकालता है। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है।

बीजेपी दक्षिण के जिलामंत्री नारायण सिंह भदौरिया का बीते बुधवार को जन्मदिन था। नौबस्ता के उस्मान स्थित एक गेस्ट हाउस में जिलामंत्री के जन्मदिन की पार्टी चल रही थी। पार्टी में शामिल होने के लिए बर्रा थाने से वांछित हिस्ट्रीशीटर मनोज सिंह भी पहुंचा था। नौबस्ता पुलिस को इसकी भनक लगी कि हिस्ट्रीशीटर मनोज पार्टी में शामिल होने के लिए आया है। पुलिस की एक टीम सादे कपड़ों में उसे दबोचने के लिए पहुंच गई। पुलिस ने मनोज सिंह को दबोच लिया और पकड़कर ले जाने लगी। बस यही बात नेता जी को नागवार गुजरी। जिलामंत्री अपने समर्थकों के साथ पुलिस टीम का घेराव कर लिया। पुलिस के साथ धक्कामुक्की कर पेशेवर अपराधी को छुड़ा लिया।

बचाती रही पुलिस
जिलामंत्री नारायण सिंह भदौरिया का रुतबा देखने को मिला। पहले पुलिस ने बीजेपी नेता को बचाने का प्रयास किया। प्रेस रिलीज जारी कर कहा गया कि 25,000 के इनामी बदमाश हिस्ट्रीशीटर मनोज उस गेस्ट हाउस से 100 मीटर की दूरी पर पान की दुकान पर खड़ा था। चौकी प्रभारी उस्मानपुर फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। मनोज सिंह को पकड़कर जीप में बैठाने लगे, इसी दौरान उसके कुछ साथी जीप के आगे लेट गए। पुलिसकर्मी जीप के आगे लेटे लोगों को हटाने लगे, तभी उसके 10 से 15 साथियों ने मिलकर भगा दिया। अभियुक्त का किसी भी राजनीतिक दल से संबंध नहीं है।

पुलिस बैकफुट पर आ गई
अब बीजेपी नेता और उसके समर्थकों की करतूत सोशल मीडिया वायरल हो गई है। वीडियो में साफ दिख रहा है कि पुलिस के साथ अभद्रता और पेशेवर बदमाश को किस तरह से पुलिस अभिरक्षा से भगाया। पुलिस ने बीजेपी नेता को छोड़कर बाकी लोगों को चिन्हित कर केस दर्ज कर लिया है। लोग पुलिस कार्यप्रणाली पर सवाल उठाने लगे हैं। वहीं, पुलिस बैकफुट पर आ गई। वायरल वीडियो जब पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने देखा तो उन्होने वायरल वीडियो के आधार पर बीजेपी नेता नारायण सिंह भदौरिया को पुलिस अभिरक्षा से पेशेवर अपराधी को भगाए जाने का दोषी पाया। पुलिस नारायण सिंह भदौरिया को अरेस्ट करने के लिए दबिश दे रही है।

19 के खिलाफ केस दर्ज, जिसमें से 09 नामदर्ज हैं
दारोगा सुभाषचंद्र की तहरीर 09 नामजद समेत 19 पर केस दर्ज किया गया है। जिसमें मनोज सिंह, जिस पर 27 मुकदमे दर्ज हैं। रॉकी, रॉबिन सक्सेना, धीरू शर्मा, बाबा ठाकुर, गोपाल शरण सिंह चौहान, विकास तिवारी, आदित्य दीक्षित, राजवल्लभ पांडेय समेत 19 के खिलाफ सरकारी काम में बाधा, बलवा, पलिस से अभद्रता, पुलिस कस्टडी से आरोपी को भगाने और महामारी ऐक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है। इसमें से जितने भी नाम हैं, उन पर पहले से ही कई मुकदमे दर्ज हैं। इसके साथ ही नारायण तिवारी और गेस्ट हाउस संचालक पर महामारी ऐक्ट के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। जन्मदिन पार्टी के लिए बीजेपी नेता और गेस्ट हाउस संचालक ने पुलिस से अनुमति नहीं ली थी।

नारायण भदौरिया पर दर्ज हैं केस
जिलमंत्री नारायण भदौरिया पर का विवादों से पुराना रिश्ता है। नारायण भदौरिया पर किदवई नगर, बाबूपुरवा और लखनऊ गाजीपुर थाने में लगभग आधा दर्जन मुकदमे दर्ज हैं। लखनऊ के शरद मिश्रा ने नारायण भदौरिया पर मुकदमा दर्ज कराया था। उनका आरोप था कि नारायण सिंह के उनकी पत्नी से अवैध संबंध है, विरोध करने पर 2017 में जान से मारने का प्रयास किया गया था। गिरफ्तारी नहीं होने पर कोर्ट ने कुर्की के आदेश जारी किए थे।

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पुलिस कमिश्नर
पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने कहा है कि वांछित अपराधी मनोज सिंह को पुलिस अभिरक्षा से छुड़ाए जाने के प्रकरण की विवेचना में पुलिस को एक वीडियो प्राप्त हुआ है, जिसमें नारायण सिंह भदौरिया मनोज को छुड़ाते हुए दिख रहा है। यह भी वांछित है और इसकी गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है। अपराधी को छुड़ाने में शामिल अन्य सभी व्यक्तियों को चिह्नित किया जा रहा है, और हर एक के विरुद्ध सख्त कार्रवाई होगी।

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