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70 साल की इस महिला ने गोशाला-समाजसेवा पर खर्च की जिंदगीभर की बचत पूंजी

टाइम्स न्यूज नेटवर्क 26 May 2017, 10:51 am
अनुजा जायसवाल, मथुरा
नवभारतटाइम्स.कॉम phoolwati

मध्यप्रदेश के कटनी की रहने वाली 70 वर्षीय महिला फूलवती को उत्तर प्रदेश में गोरक्षा की पोस्टर वुमन कहा जा सकता है। उन्होंने अपनी जिंदगीभर की बचत पूंजी गोशाला निर्णाम और समाजसेवा के कार्यों में लगा दी। उनकी बचत की कुल रकम 40 लाख रुपये बताई जा रही है।

फूलवती के पति की बरसों पहले मौत हो गई थी। अपने पति और बेटी की मौत के 5 साल बाद साल 1982 में फूलवती मथुरा आई थीं। तब से अब तक वह बांके बिहारी मंदिर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के जूतों की रखवाली करती हैं। मंदिर के गेट नंबर 2 पर वह जूतों के बदले लोगों द्वारा दी गई डोनेशन्स लेती हैं। दशकों से बचाए गए पैसे और कटनी का मकान बेचकर उन्हें जो पैसा मिला, वह कुल मिलाकर करीब 40 लाख रुपये हुआ। इस पैसे को उन्होंने वृंदावन में गौशाला और धर्मशाला निर्माण में खर्च कर दिया।

फूलवती इतने से संतुष्ट नहीं हैं। अब वह बरसाने में भी एक गोशाला बनवाने के लिए पैसे इकट्ठे कर रही हैं। उन्होंने बताया, 'भगवान कृष्ण की सेवा करने का सबसे बढ़िया तरीका गोशाला है, यही वजह है कि सारा पैसा मैंने गौशाला निर्माण में खर्च किया।'

फूलवती अपने परिवार के बारे में कुछ नहीं बताना चाहतीं, लेकिन उन्होंने कुछ अन्य बातें जरूर कीं। उन्होंने कहा, 'मेरा लगाव सिर्फ श्रीकृष्ण से है, किसी और से नहीं। यही वजह है कि मेरे पास जो भी था, मैंने उनकी सेवा में लगा दिया।' उन्होंने बताया कि उनका एक बेटा है जो कटनी में रहता है, वह कभी-कभार वहां जाती हैं लेकिन वहां रहने का उनका कोई इरादा नहीं।

वह आगे कहती हैं, 'अगर मैं अभी लंबे समय तक जीवित रही तो बरसाने में एक गोशाला बनवाऊंगी।' जब उनसे पूछा गया कि वह ये सब क्यों कर रही हैं तो वह असहज हो गईं और कहा, 'मैं इस बारे में कोई बात नहीं करना चाहती। मैं बस अपना बाकी का जीवन ठाकुर जी की सेवा में गुजारना चाहती हूं, शांति से जीना चाहती हूं।'

उनके कमरे में रहने वालीं पुष्पा देवी बताती हैं, 'अम्माजी के पास जो भी था, उन्होंने दे दिया। वह मंदिर के कामकाज में डोनेशन का पैसा खर्च कर देती हैं या गरीबों की सेवा में। वह गरीबों के लिए भंडारों का आयोजन भी किया करती हैं।'

पुष्पा बताती हैं कि बेहद विनम्र स्वभाव वाली फूलवती को अपने अच्छे कामों के बारे में बात करना बिल्कुल पसंद नहीं, यहां सब जानते हैं कि उनका स्वभाव कितना अच्छा है।

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