मथुरा
उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में स्थित जवाहर बाग में अवैध कब्जा हटाने को लेकर एक अभियान के दौरान हुई हिंसा में मथुरा के एसपी (सिटी) मुकुल द्विवेदी और फरह के एसओ संतोष कुमार यादव की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि पुलिस अभियान का विरोध कर रहे 12 लोग भी मारे गए हैं और 40 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। अतिक्रमणकारियों ने फायरिंग की थी, जिसमें दोनों पुलिस अफसरों को गोली लग गई थी।
जवाहर बाग इलाके में हिंसा तब शुरू हुई जब इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के पालन में पुलिसकर्मी जवाहर बाग में अतिक्रमणकारियों को हटाने की कोशिश कर रहे थे। जवाहर बाग मथुरा शहर में सबसे बड़ा पार्क है जहां धरने के नाम पर 'आजाद भारत विधिक वैचारिक क्रांति सत्याग्रही' नाम के संगठन ने दो साल से सरकारी जमीन पर कब्जा जमाया हुआ है।
Mathura incident UPDATE: 2 police personnel, 12 encroachers dead in yesterday's clash, says ADG (Law and Order) Daljeet Singh Chaudhary, — ANI UP (@ANINewsUP) June 3, 2016 तथाकथित सत्याग्रहियों की फायरिंग से बिगड़ी बात: DGP
आईजी (कानून एवं व्यवस्था) एच. आर. शर्मा ने बताया कि करीब 3000 अतिक्रमणकारियों ने पुलिस दल के मौके पर पहुंचने पर उस पर पथराव किया और फिर गोली चलाई। उन्होंने बताया कि जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने पहले लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े और फिर गोली चलाई। मथुरा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी विवेक मिश्रा ने बताया कि टकराव में 5 अतिक्रमणकारी और 2 पुलिसकर्मी मारे गए।
अतिक्रमणकारियों के हमले में शहीद एसपी (सिटी) मुकुल द्विवेदी।
कब्जा हटाने गए पुलिसकर्मियों पर भीड़ की तरफ से फायरिंग की गई जिसमें एसओ फरह संतोष यादव के सिर में दो गोलियां लगीं और एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी के सिर में भी गोली लगी। कहा जा रहा है कि पुलिस को मालूम नहीं था कि जवाहर बाग के अंदर लोग इतने असलहों से लेस हैं जिस कारण यह हादसा हुआ। जवाहर बाग में कार्रवाई अभी जारी है।
झड़प में घायल पुलिसकर्मी। (फोटो: पीटीआई)
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए मृत पुलिसकर्मियों के परिजनों को 20 लाख रुपये की आर्थिक सहायता का ऐलान किया है। उन्होंने एडीजी (लॉ ऐंड ऑर्डर) को मौके पर जाकर स्थिति को तत्काल काबू करने के निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री ने घटनास्थल पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात करने और दोषियों को गिरफ्तार करने का निर्देश भी दिया है।
डीएम राजेश कुमार ने बताया कि कार्यकर्ताओं के नेता राम वृक्ष यादव और समूह के सुरक्षा अधिकारी चंदन गौर वहां से अपने हजारों समर्थकों के साथ भाग गए। उन्होंने बताया कि कार्यकर्ताओं ने हैंड ग्रेनेड का उपयोग करने के साथ ही पेडों पर पोजिशन ले कर ऑटोमैटिक हथियारों से गोलीबारी शुरू कर दी। डीएम ने बताया कि हैंड ग्रेनेडों तथा एलपीजी सिलिंडरों के विस्फोट से पूरे इलाके में धुआं फैल गया। इसके बाद कई झोपडों में आग लग गई।
झड़प की कहानी कहती एक तस्वीर। (फोटो: पीटीआई)
करीब दो साल पहले बाबा जय गुरुदेव से अलग हुए इस समूह के कार्यकर्ताओं ने खुद को ‘आजाद भारत विधिक विचारक क्रांति सत्याग्रही’ घोषित किया था और धरने की आड़ में जवाहर बाग की सैकड़ों एकड़ जमीन पर कब्जा कर लिया था। इस संगठन की मांग थी कि राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के चुनाव बंद कर दिए जाएं और आजाद हिंद फौज की करंसी चलाई जाए। साथ ही 1 रुपये में 40 लीटर पेट्रोल और 60 लीटर डीजल दिया जाए। एक जनहित याचिक पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट ने हाल ही में प्रशासन को जवाहर बाग से अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए थे।
भाषा से इनपु्ट्स के साथ
उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में स्थित जवाहर बाग में अवैध कब्जा हटाने को लेकर एक अभियान के दौरान हुई हिंसा में मथुरा के एसपी (सिटी) मुकुल द्विवेदी और फरह के एसओ संतोष कुमार यादव की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि पुलिस अभियान का विरोध कर रहे 12 लोग भी मारे गए हैं और 40 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। अतिक्रमणकारियों ने फायरिंग की थी, जिसमें दोनों पुलिस अफसरों को गोली लग गई थी।
जवाहर बाग इलाके में हिंसा तब शुरू हुई जब इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के पालन में पुलिसकर्मी जवाहर बाग में अतिक्रमणकारियों को हटाने की कोशिश कर रहे थे। जवाहर बाग मथुरा शहर में सबसे बड़ा पार्क है जहां धरने के नाम पर 'आजाद भारत विधिक वैचारिक क्रांति सत्याग्रही' नाम के संगठन ने दो साल से सरकारी जमीन पर कब्जा जमाया हुआ है।
Mathura incident UPDATE: 2 police personnel, 12 encroachers dead in yesterday's clash, says ADG (Law and Order) Daljeet Singh Chaudhary, — ANI UP (@ANINewsUP) June 3, 2016 तथाकथित सत्याग्रहियों की फायरिंग से बिगड़ी बात: DGP
आईजी (कानून एवं व्यवस्था) एच. आर. शर्मा ने बताया कि करीब 3000 अतिक्रमणकारियों ने पुलिस दल के मौके पर पहुंचने पर उस पर पथराव किया और फिर गोली चलाई। उन्होंने बताया कि जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने पहले लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े और फिर गोली चलाई। मथुरा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी विवेक मिश्रा ने बताया कि टकराव में 5 अतिक्रमणकारी और 2 पुलिसकर्मी मारे गए।
अतिक्रमणकारियों के हमले में शहीद एसपी (सिटी) मुकुल द्विवेदी।
कब्जा हटाने गए पुलिसकर्मियों पर भीड़ की तरफ से फायरिंग की गई जिसमें एसओ फरह संतोष यादव के सिर में दो गोलियां लगीं और एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी के सिर में भी गोली लगी। कहा जा रहा है कि पुलिस को मालूम नहीं था कि जवाहर बाग के अंदर लोग इतने असलहों से लेस हैं जिस कारण यह हादसा हुआ। जवाहर बाग में कार्रवाई अभी जारी है।
झड़प में घायल पुलिसकर्मी। (फोटो: पीटीआई)
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए मृत पुलिसकर्मियों के परिजनों को 20 लाख रुपये की आर्थिक सहायता का ऐलान किया है। उन्होंने एडीजी (लॉ ऐंड ऑर्डर) को मौके पर जाकर स्थिति को तत्काल काबू करने के निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री ने घटनास्थल पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात करने और दोषियों को गिरफ्तार करने का निर्देश भी दिया है।
डीएम राजेश कुमार ने बताया कि कार्यकर्ताओं के नेता राम वृक्ष यादव और समूह के सुरक्षा अधिकारी चंदन गौर वहां से अपने हजारों समर्थकों के साथ भाग गए। उन्होंने बताया कि कार्यकर्ताओं ने हैंड ग्रेनेड का उपयोग करने के साथ ही पेडों पर पोजिशन ले कर ऑटोमैटिक हथियारों से गोलीबारी शुरू कर दी। डीएम ने बताया कि हैंड ग्रेनेडों तथा एलपीजी सिलिंडरों के विस्फोट से पूरे इलाके में धुआं फैल गया। इसके बाद कई झोपडों में आग लग गई।
झड़प की कहानी कहती एक तस्वीर। (फोटो: पीटीआई)
करीब दो साल पहले बाबा जय गुरुदेव से अलग हुए इस समूह के कार्यकर्ताओं ने खुद को ‘आजाद भारत विधिक विचारक क्रांति सत्याग्रही’ घोषित किया था और धरने की आड़ में जवाहर बाग की सैकड़ों एकड़ जमीन पर कब्जा कर लिया था। इस संगठन की मांग थी कि राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के चुनाव बंद कर दिए जाएं और आजाद हिंद फौज की करंसी चलाई जाए। साथ ही 1 रुपये में 40 लीटर पेट्रोल और 60 लीटर डीजल दिया जाए। एक जनहित याचिक पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट ने हाल ही में प्रशासन को जवाहर बाग से अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए थे।
भाषा से इनपु्ट्स के साथ