एनबीटी न्यूज, मथुरा
वृंदावन स्थित ठाकुर बांके बिहारी मंदिर के सरकारी नियंत्रण में लिए जाने की खबर से मंदिर के सेवायत गोस्वामी समाज के लोगों में नाराजगी है। गोस्वामियों की मानें तो इस निर्णय के खिलाफ वे अदालत की शरण में जाएंगे। उम्मीद है कि पहली दिसंबर को प्रस्तावित कैबिनेट की मीटिंग में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल सकती है। वहीं, श्रद्धालुओं की इसे लेकर मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। बाहर से आने वाले श्रद्धालु सुविधा के लिहाज से सरकार की इस पहल को बेहतर बता रहे हैं।
जानकारों की मानें तो सरकार के नियंत्रण में आने के बाद सभी अधिकार सरकार की तरफ से नियुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी के पास आ जाएंगे। चढ़ावा सरकारी कोष में जमा होगा और पुजारियों का मानदेय सरकार देगी। मंदिर का रखरखाव भी सरकार करेगी। अभी चढ़ावा पुजारियों में ही बंट जाता है और मंदिर की सुविधाओं पर खर्च नहीं हो पाता है। मंदिर प्रबंधन कमिटी के उपाध्यक्ष घनश्याम गोस्वामी ने बताया कि मंदिर को सरकारी नियंत्रण में लेने का फैसला गलत है। कहा कि इस फैसले के खिलाफ अदालत का दरवाजा भी खटखटाया जाएगा। मंदिर के सेवायत गोस्वामी आशीष गोस्वामी ने आरोप लगाया कि सरकार की नजर चढ़ावे पर है। ऐसा करके सरकार श्रद्धालुओं की आस्था के साथ खिलवाड़ कर रही है। मंदिर प्रबंध कमिटी के अध्यक्ष नंदकिशोर उपमन्यु एडवोकेट ने कहा प्रबंध कमेटी मंदिर का संचालन कर रही है और विकास भी कराया जा रहा है। वहीं, बाहर से आने वाले श्रद्धालु सरकार के इस फैसले से खुश नजर आ रहे हैं। श्रद्धालु रितिका आहूजा और राजकुमार ने बताया कि सरकार के नियंत्रण में लेने के बाद लोगों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।