शादाब रिजवी, मेरठ
केंद्रीय राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति के हाथ देने से ट्रेन नहीं रुकने पर हो रहे बवाल के बीच अब उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में दो दरोगाओं को एक बीजेपी विधायक को नमस्ते नहीं करने पर लाइन हाजिर करने के फैसले पर विवाद हो गया है। पुलिस अधीक्षक एसपी संजीव त्यागी ने चांदपुर थाने में तैनात दोनों दरोगाओं के खिलाफ कार्रवाई करते हुए जिले की पुलिस को जनप्रतिनिधियों का सम्मान करने के निर्देश दिए हैं। दरअसल, चांदपुर थाने में तैनात दरोगा गजेंद्र सिंह और जयवीर मान एक कार्यक्रम में शामिल थे। इसी दौरान चांदपुर की एमएलए कमलेश सैनी भी वहां पहुंची थी। आरोप है कि एमएलए को देखकर दोनों दरोगा कुर्सी से खड़े नहीं हुए और न ही उन्हें नमस्कार किया। एमएलए को दरोगाओं की यह हरकत नागवार गुजरी और उन्होंने सम्मान नहीं करने की शिकायत पुलिस अधीक्षक बिजनौर से की। एमएलए की शिकायत के बाद एसपी ने दोनों दरोगाओं को लाइन हाजिर कर दिया गया।
एसपी ने पुलिस को निर्देश दिए हैं कि जिले के जनप्रतिनिधियों के प्रति व्यवहार अच्छा रखें। उनकी बताई समस्या को ध्यान से सुनें और त्वरित निस्तारण करें। दुर्व्यवहार नहीं करें, संयमित भाषा का प्रयोग करें। अगर आगे से चांदपुर जैसी घटना सामने आती है तब पुलिस वालों को सस्पेंड किया जाएगा। गौरतलब है कि अक्सर जनप्रिनिधि सरकारी दफ्तरों मे खुद के प्रोटोकॉल को उल्लंघन करने की शिकायत शासन और सीनियर अफसरों से करते रहे हैं। शासन से भी इस बारे में गाइड लाइन वक्त-वक्त पर जारी की जाती है कि जनप्रिनिधियों के प्रोटोकॉल का पालन करें, उनके पत्रों का लिखित जवाब दें।
केंद्रीय राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति के हाथ देने से ट्रेन नहीं रुकने पर हो रहे बवाल के बीच अब उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में दो दरोगाओं को एक बीजेपी विधायक को नमस्ते नहीं करने पर लाइन हाजिर करने के फैसले पर विवाद हो गया है। पुलिस अधीक्षक एसपी संजीव त्यागी ने चांदपुर थाने में तैनात दोनों दरोगाओं के खिलाफ कार्रवाई करते हुए जिले की पुलिस को जनप्रतिनिधियों का सम्मान करने के निर्देश दिए हैं।
एसपी ने पुलिस को निर्देश दिए हैं कि जिले के जनप्रतिनिधियों के प्रति व्यवहार अच्छा रखें। उनकी बताई समस्या को ध्यान से सुनें और त्वरित निस्तारण करें। दुर्व्यवहार नहीं करें, संयमित भाषा का प्रयोग करें। अगर आगे से चांदपुर जैसी घटना सामने आती है तब पुलिस वालों को सस्पेंड किया जाएगा। गौरतलब है कि अक्सर जनप्रिनिधि सरकारी दफ्तरों मे खुद के प्रोटोकॉल को उल्लंघन करने की शिकायत शासन और सीनियर अफसरों से करते रहे हैं। शासन से भी इस बारे में गाइड लाइन वक्त-वक्त पर जारी की जाती है कि जनप्रिनिधियों के प्रोटोकॉल का पालन करें, उनके पत्रों का लिखित जवाब दें।