मेरठ/सहारनपुर
अपना खोया सम्मान वापस पाने और बेगुनाही साबित करने के लिए उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से पैदल ही दिल्ली के सुप्रीम कोर्ट के लिए निकले प्रवीण कुमार ने चार दिनों के अंदर 200 किलोमीटर में से 140 किलोमीटर की यात्रा पूरी कर ली है। उनका कहना है कि पुलिस लगातार उनपर घर लौटने का दबाव बना रही है।
32 साल के प्रवीण ने कहा, 'पुलिस लगातार मेरा फोन ट्रैक कर रही है। रास्ते में रोककर वापस लौट जाने को लेकर काउन्सलिंग की जा रही है। पुलिस मुझे हिरासत में भी ले सकती है। लेकिन मैं किसी तरह से आगे बढ़ रहा हूं। आखिर क्यों मैं अपनी आवाज को संसद तक नहीं पहुंचा सकता हूं।' वहीं सहारनपुर के एसएसपी एस. चनप्पा ने कहा कि प्रवीण के साथ किसी तरह की जबर्दस्ती नहीं की जा रही है।
मिली क्लीन चिट, लेकिन लोग कर रहे अजब बर्ताव
मामला इस्लामिक दावा सेंटर (आईडीसी) के अध्यक्ष मुफ्ती काजी जहांगीर कासमी और मोहम्मद उमर गौतम की गिरफ्तारी से जुड़ा है। कथित रूप से इस्लाम में परिवर्तित किए गए हजार लोगों की सूची में प्रवीण का नाम गलत तरीके से शामिल होने से उनका जीवन नरक बन गया है। हालांकि प्रवीण को पिछले महीने ही यूपी एटीएस ने क्लीन चिट दे दी थी, लेकिन गांव के लोग उनका उत्पीड़न कर रहे हैं। उसके साथ अजीब बर्ताव किया जा रहा है।
धर्म परिवर्तन की लिस्ट में मिला नाम
प्रवीण ने बताया कि वह एक हिंदूवादी नेता है। उसने पीएम नरेंद्र मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ पर किताबें लिखी हैं। हिंदू राष्ट्रवादी होने के बावजूद उसका नाम धर्म परिवर्तन वाली लिस्ट में आने के बाद उसका सामाजिक बहिष्कार हो गया है। उसे लगातार धमकियां मिल रही हैं।
घर के दरवाजे पर लिखा पाया 'आतंकवादी'
प्रवीण ने कहा, 'मैं चाहता हूं कि देश को पता चले कि मैं किस दौर से गुजर रहा हूं। एक दिन तो मैंने अपने घर के दरवाजे पर आतंकवादी लिखा हुआ पाया। एक दिन किसी ने लिखा कि पाकिस्तान चले जाओ।' इस मंगलवार को प्रवीण कुमार ने अपने 'विरोध मार्च' की शुरुआत की।
अपना खोया सम्मान वापस पाने और बेगुनाही साबित करने के लिए उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से पैदल ही दिल्ली के सुप्रीम कोर्ट के लिए निकले प्रवीण कुमार ने चार दिनों के अंदर 200 किलोमीटर में से 140 किलोमीटर की यात्रा पूरी कर ली है। उनका कहना है कि पुलिस लगातार उनपर घर लौटने का दबाव बना रही है।
32 साल के प्रवीण ने कहा, 'पुलिस लगातार मेरा फोन ट्रैक कर रही है। रास्ते में रोककर वापस लौट जाने को लेकर काउन्सलिंग की जा रही है। पुलिस मुझे हिरासत में भी ले सकती है। लेकिन मैं किसी तरह से आगे बढ़ रहा हूं। आखिर क्यों मैं अपनी आवाज को संसद तक नहीं पहुंचा सकता हूं।' वहीं सहारनपुर के एसएसपी एस. चनप्पा ने कहा कि प्रवीण के साथ किसी तरह की जबर्दस्ती नहीं की जा रही है।
मिली क्लीन चिट, लेकिन लोग कर रहे अजब बर्ताव
मामला इस्लामिक दावा सेंटर (आईडीसी) के अध्यक्ष मुफ्ती काजी जहांगीर कासमी और मोहम्मद उमर गौतम की गिरफ्तारी से जुड़ा है। कथित रूप से इस्लाम में परिवर्तित किए गए हजार लोगों की सूची में प्रवीण का नाम गलत तरीके से शामिल होने से उनका जीवन नरक बन गया है। हालांकि प्रवीण को पिछले महीने ही यूपी एटीएस ने क्लीन चिट दे दी थी, लेकिन गांव के लोग उनका उत्पीड़न कर रहे हैं। उसके साथ अजीब बर्ताव किया जा रहा है।
धर्म परिवर्तन की लिस्ट में मिला नाम
प्रवीण ने बताया कि वह एक हिंदूवादी नेता है। उसने पीएम नरेंद्र मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ पर किताबें लिखी हैं। हिंदू राष्ट्रवादी होने के बावजूद उसका नाम धर्म परिवर्तन वाली लिस्ट में आने के बाद उसका सामाजिक बहिष्कार हो गया है। उसे लगातार धमकियां मिल रही हैं।
घर के दरवाजे पर लिखा पाया 'आतंकवादी'
प्रवीण ने कहा, 'मैं चाहता हूं कि देश को पता चले कि मैं किस दौर से गुजर रहा हूं। एक दिन तो मैंने अपने घर के दरवाजे पर आतंकवादी लिखा हुआ पाया। एक दिन किसी ने लिखा कि पाकिस्तान चले जाओ।' इस मंगलवार को प्रवीण कुमार ने अपने 'विरोध मार्च' की शुरुआत की।