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वीरों की जननी है सहारनपुर का गांव, बच्चा-बच्चा बॉर्डर पर जाने को तैयार

कश्मीर में शहीद हुए सहरानपुर के गांव भगवानपुर निवासी जयद्रथ गांव का बच्चा-बच्चा पाकिस्तान से बदला लेने को तैयार है। शहीद का गांव वीरो की जननी है। इस गांव के 95 जवान भारतीय सेना में भर्ती होकर देश की सेवा कर रहे है। इनमें 70 युवा हैं। काफी युवा सेना भर्ती की तैयारी कर रहे हैं।

नवभारत टाइम्स 22 Jul 2017, 11:23 pm
शादाब रिजवी, मेरठ
नवभारतटाइम्स.कॉम Army_Personnel
सांकेतिक तस्वीर

कश्मीर में शहीद हुए सहरानपुर के गांव भगवानपुर निवासी जयद्रथ गांव का बच्चा-बच्चा पाकिस्तान से बदला लेने को तैयार है। शहीद का गांव वीरो की जननी है। इस गांव के 95 जवान भारतीय सेना में भर्ती होकर देश की सेवा कर रहे है। इनमें 70 युवा हैं। काफी युवा सेना भर्ती की तैयारी कर रहे हैं। भगवानपुर गांव के युवाओं की आंखो में जहां गम है वही गुस्सा भी है। शहीद के पड़ोस में रहने वाली कमलेश ने बताया कि आज गांव में शिवरात्रि का भंडारा होना था, लेकिन इस दुख ने माहौल को बदल दिया।

भारतीय सेना में जाने की तैयारी कर रहे युवा रवि पुंदीर, शुभम और रजत का कहना है कि रोज-रोज बार्डर पर टेंशन से अच्छा है कि एक बार में ही दोनों देशों के बीच इस का निपटारा हो जाए। उनका कहना था कि उन्हें जयद्रथ जैसे भाइयों की शहादत पर गर्व है। अक्षय और गौरव ने बताया कि गांव के 95 लोग भारतीय सेना में है। मुझे भी देश की सेवा करनी है। पाकिस्तान कभी बाज नहीं आएगा। इसलिए पाकिस्तान को एक बार में ही मुंहतोड़ जवाब देना चाहिए।

जंग हो तो और लाडलों को भी भेजेंगे
सीमा पर जयद्रथ की शहादत से पाक के विरुद्ध ग्रामीणों का गुस्सा बढ़ रहा हैं। पाकिस्तानी से आर-पार की लड़ाई की मांग को लेकर ग्रामीणों ने अपने और बेटों को मातृभूमि की रक्षा के लिए सीमा पर भेंजने की बात कही हैं। 1500 की आबादी वाले गांव भगवानपुर के कई ग्रामीणों ने अपने अकेले बेटे भी सेना में भेज रखा हैं।

यहां के निवासी सैनिक अनिल, अनिल पुत्र धर्मसिंह, सेनू व मोनू पुत्रगण श्यामसिंह, सुधीर पुत्र रामभूल, जयकरण पुत्र बीरसिंह, अंकुर पुत्र कल्लू व संजय पुत्र पवन के परिजनों ने जयद्रथ की शहादत पर गुस्सा जताया। सरकार के नरम रवैये के चलते उनके लाड़लों की शहादत हो रही हैं। कहा बहुत हो चुका अब सरकार को सर्जिकल स्ट्राइक नही बल्कि पाक से आर-पार की जंग करे। जिसके लिए वह अपने दूसरे बेटों को भी मातृभूमि की रक्षा के लिए सेना में भेजने से पीछे नहीं हटेंगे। ग्रामीण कानसिंह, जसबीर, जितेंद्र , रिषिपाल सिंह आदि का कहना हैं कि मोदी सरकार को जंग का बिगुल बजा देना चाहिये, ताकि पाकिस्तान को अपनी औकात का पता चल सके।

पडोसी शेर सिंह के चेहरे पर दिख रहा था डर
शहीद जयद्रथ के पडोसी शेर सिंह का बेटा लोकेश भी जम्मू कश्मीर में सीमा पर तैनात है। शेर सिंह ने बताया कि उससे शहीद के घर खड़ा भी नही हुआ जा रहा था। शेर सिंह की पत्नी ने बताया कि उन्हें बेटे को लेकर काफी डर लग रहा है और कई बार बेटे को फोन कर चुके है।

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