मुरादाबाद
यूपी के मुरादाबाद में इनदिनों प्रदूषण का स्तर बढ़ा हुआ है। प्रदूषण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि एक्यूआई लेवल 300 से ऊपर है। सर्दियां आने पर यह समस्या और बढ़ जाती है जब हवा आसानी से ऊपर नहीं जा पाती है। ऐसे माहौल में अपने खेतों पर पराली जलाने वाले दो किसानों पर सख्त ऐक्शन लेते हुए प्रशासन ने ढाई-ढाई हजार का जुर्माना लगाया है।
कृषि विभाग के अधिकारी ने बताया कि उन्हें पराली जलाने की चार शिकायतें प्राप्त हुई थीं। इसमें लेखपाल और कृषि विभाग के कर्मचारियों ने मौके पर जांच पड़ताल की तो दो घटनाएं सामने आई हैं। उन किसानों पर कार्रवाई करते हुए ढाई-ढाई हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। कृषि अधिकारी का दावा है कि कृषि विभाग के कर्मचारी लगातार क्षेत्रों में जाकर किसानों को जागरूक कर रहे हैं और पराली की घटनाओं में काफी कमी आई है। लेकिन मुरादाबाद में खेतों में दूर-दूर तक पराली जलाई जा रही है जिससे मुरादाबाद की हवा जहरीली होती जा रही है।
जिला कृषि अधिकारी ऋषिका ने बताया कि किसानों को हमारे कर्मचारी पराली ना जलाने के लिए लगातार जागरूक कर रहे हैं। उन्हें समझाया जा रहा है कि फसल अवशेषों को न जलाएं, इससे आपकी मिटटी की उर्वरा शक्ति को नुकसान होगा। अधिकांश जगहों पर किसान जागरूक हो रहे हैं पर बीच बीच में छिटपुट घटनाएं सामने आ जाती हैं।
यूपी के मुरादाबाद में इनदिनों प्रदूषण का स्तर बढ़ा हुआ है। प्रदूषण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि एक्यूआई लेवल 300 से ऊपर है। सर्दियां आने पर यह समस्या और बढ़ जाती है जब हवा आसानी से ऊपर नहीं जा पाती है। ऐसे माहौल में अपने खेतों पर पराली जलाने वाले दो किसानों पर सख्त ऐक्शन लेते हुए प्रशासन ने ढाई-ढाई हजार का जुर्माना लगाया है।
कृषि विभाग के अधिकारी ने बताया कि उन्हें पराली जलाने की चार शिकायतें प्राप्त हुई थीं। इसमें लेखपाल और कृषि विभाग के कर्मचारियों ने मौके पर जांच पड़ताल की तो दो घटनाएं सामने आई हैं। उन किसानों पर कार्रवाई करते हुए ढाई-ढाई हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। कृषि अधिकारी का दावा है कि कृषि विभाग के कर्मचारी लगातार क्षेत्रों में जाकर किसानों को जागरूक कर रहे हैं और पराली की घटनाओं में काफी कमी आई है। लेकिन मुरादाबाद में खेतों में दूर-दूर तक पराली जलाई जा रही है जिससे मुरादाबाद की हवा जहरीली होती जा रही है।
जिला कृषि अधिकारी ऋषिका ने बताया कि किसानों को हमारे कर्मचारी पराली ना जलाने के लिए लगातार जागरूक कर रहे हैं। उन्हें समझाया जा रहा है कि फसल अवशेषों को न जलाएं, इससे आपकी मिटटी की उर्वरा शक्ति को नुकसान होगा। अधिकांश जगहों पर किसान जागरूक हो रहे हैं पर बीच बीच में छिटपुट घटनाएं सामने आ जाती हैं।