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Ground Report: विक्रम सैनी को दो बार mla बनाया, गांव की तरफ देखना तक गंवारा नहीं करते, इस बार नोटा या बहिष्कार

Khatauli assembly byelection: खतौली विधानसभा क्षेत्र के कई गांवों में विकास कार्य न होने के कारण क्षेत्र की जनता में रोष है। यहां कई लोग ऐसे हैं, जिन्होंने इस चुनाव में प्रत्याशियों को नकारते हुए वोट न करने का मन बनाया है।

guest Mirza-Gulzar-beg | Lipi 29 Nov 2022, 3:31 pm

हाइलाइट्स

  • खतौली विधानसभा उपचुनावः काम नहीं, तो वोट नहीं
  • प्रत्याशियों को नकारने के मूड में खतौली की जनता
  • वोट प्रतिशत होगा कम, प्रत्याशियों पर भी पड़ेगा प्रभाव
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नवभारतटाइम्स.कॉम खतौली विधानसभा क्षेत्र के ग्राम दौलतपुर में लोगों ने वोट बहिष्कार का ऐलान किया है
खतौली विधानसभा क्षेत्र के ग्राम दौलतपुर में लोगों ने वोट बहिष्कार का ऐलान किया है
मुजफ्फरनगर: उत्तर प्रदेश में इस समय मैनपुरी लोकसभा सीट और रामपुर वखतौली विधानसभा सीट पर उपचुनाव हो रहा है। वैसे तो सबसे ज्यादा चर्चा में मैनपुरी और रामपुर की सियासी जंग है लेकिन खतौली विधानसभा का माहौल अलग ही है। सपा गठबंधन की तरफ से रालोद इस चुनाव को लड़ रही है और बीजेपी से सीट जीतने की जद्दोजहद में हैै। लेकिन खतौली विधानसभा सीट पर इस बार कई जगह मतदाताओं की नाराजगी देखने को मिल रही है। आलम यह है कि कई जगह मतदाता वोटिंग का बहिष्कार करने के मूड में हैं। एनबीटी ऑनलाइन की टीम ने कई क्षेत्रों का दौरा किया, जहां कई मतदाता ऐसे मिले, जो सभी नेताओं से खासे नाराज हैं।
क्षेत्र में कई मतदाताओं का कहना है कि वे या तो नोटा का बटन दबायेंगे या फिर वोट के लिए अपने घर से ही नहीं निकलेंगे। उनकी शिकायत है कि जिन नेताओं के लिए वह घंटों लाइन में लगकर मतदान करते हैं और उनसे उम्मीद करते हैं कि उनके क्षेत्र का विकास करेंगे। चुनाव जीतने के बाद उन नेताओं के दर्शन भी दुर्लभ हो जाते हैं और क्षेत्र की समस्याएं ज्यों की त्यों बनी रहती हैं।

एनबीटी की टीम मतदाताओं की नब्ज टटोलने के लिए जब खतौली विधानसभा क्षेत्र के ग्राम दौलतपुर पहुंची, तो यहां के मतदाताओं में भारी नाराजगी देखने को मिली। भाजपा विधायक विक्रम सैनी को वोट देकर जिताने वाले ग्रामीण इस बार वोट न करने का मन बना चुके हैं। ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने 2017 के चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी विक्रम सैनी को वोट किया था और वह विधायक भी बने थे। यही नहीं 5 साल बाद फिर उन्होंने 2022 में भी विक्रम सैनी को विधायक बनाया, लेकिन उनके गांव की ओर उन्होंने मुड़कर नहीं देखा। गांववालों का कहना है कि गांव के तालाब अटे पड़े हैं और गांव के सम्पर्क मार्ग भी टूटे हुए हैं।

ग्रामीणों का कहना था कि जनप्रतिनिधि चुनाव जीतने के बाद गांव की तरफ देखना तक गंवारा नहीं करते हैं। जिस तरह जनप्रतिनिधि उनकी अनदेखी करते हैं, इस बार ग्रामीण जनप्रतिनिधियों की अनदेखी करेगा और किसी भी पक्ष को वोट नहीं करेगा।
रिपोर्ट- एमजी बेग
लेखक के बारे में
अजयेंद्र राजन शुक्ला
नवभारत टाइम्स डिजिटल में असिस्‍टेंट एडिटर। पत्रकारिता में हिंदुस्‍तान, अमर उजााला, जागरण ग्रुप, भास्‍कर ग्रुप, प्रभात खबर और नेटवर्क18 ग्रुप के बाद अब टाइम्स इंटरनेट में सेवाएं. 20 साल में जन्‍मभूमि लखनऊ से कार्य की शुरुआत कानपुर, हैदराबाद, चंडीगढ़, लुधियाना, पटना, नोएडा के बाद लखनऊ वापसी. लगातार कुछ नया सीखने की कोशिश.... और पढ़ें

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