ऐपशहर

खत्म होगा दिल्ली में शॉपिंग का क्रेज

देशभर में आज से गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) कानून लागू हो जाएगा। इस टैक्स के लागू होने के साथ फरीदाबाद और एनसीआर के लोगों में फैला दिल्ली की मार्केटों का बूम भी खत्म हो जाएगा। देश के सभी राज्यों में टैक्स की दरें एक समान हो जाएंगी...

नवभारतटाइम्स.कॉम 1 Jul 2017, 11:59 am
नोएडा
नवभारतटाइम्स.कॉम GST

देशभर में आज से गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) कानून लागू हो जाएगा। इस टैक्स के लागू होने के साथ फरीदाबाद और एनसीआर के लोगों में फैला दिल्ली की मार्केटों का बूम भी खत्म हो जाएगा। देश के सभी राज्यों में टैक्स की दरें एक समान हो जाएंगी। इससे लोग दिल्ली में खरीदारी करने से परहेज करेंगे। जिससे फरीदाबाद, गुड़गावं सहित आसपास के शहरों के बिजनेस में बूम करेगा।

हरियाणा और दिल्ली के वैल्यू ऐडेड टैक्स की दरों में काफी अंतर था। हरियाणा में जहां विभिन्न वस्तुओं पर 5 से 12 पर्सेंट वैट लगता था। वहीं दिल्ली में विभिन्न वस्तुओं पर केवल 4 से लेकर 8% तक वैट लगता था। जिससे फरीदाबाद और गुड़गांव समेत आसपास के शहरों के बिजनेस पर असर पड़ता था। लोग छोटी मोटी खरीदारी तो अपने शहर में कर लेते थे लेकिन थोक में या बड़ी खरीदारी की बात आती तो वे दिल्ली का ही रुख करते थे। वहां पर वैट की दरें कम होने की वजह से उन्हें लोगों को सामान सस्ता मिल जाता था और पैसों की भी बचत हो जाती थी। लेकिन अब जीएसटी के बाद हरियाणा और दिल्ली समेत पूरे देश में टैक्स की दरें एक समान हो जाएंगी। जिससे दिल्ली का बिजनेस बूम हमेशा के लिए खत्म हो जाएगा। लोग अपनी सिटी में ही माल खरीदना बेहतर समझेंगे।

सेल टैक्स विभाग से एक्सपर्टों की माने तो GST में यूज करने वाले अंतिम व्यक्ति से टैक्स लेने का प्रावधान है। यह टैक्स देने पर बिजनसमैन के खाते में इन्पुट टैक्स क्रेडिट डिलीवर हो जाएगा। बाद में जब वह उस माल को दूसरे व्यक्ति को बेचेगा तो वह उस व्यक्ति से जीएसटी तभी वसूल पाएगा, जब उसके खाते में आईटीसी दर्ज होगा। यह आईटीसी क्लेम करने के लिए उसे जीएसटी पोर्टल पर खुद की फर्म का रजिस्ट्रेशन करवाना होगा और सारे बिजनेस को कंप्यूटराइज्ड करना होगा। ऐसा न करने पर खरीदार से जीएसटी वसूलने पर उस लेन- देन को अवैध माना जाएगा, जिस पर दुकानदार के खिलाफ एक्शन हो सकता है।

इंडस्ट्रलिस्ट नवदीप चावला ने कहा कि GST लागू होने पर ऐसे व्यापरियों को ज्यादा परेशानी होगी जो टैक्स अदा नहीं करते है। उन्होंने कहा कि मेरी दवाई बनाने की कंपनी है। कुछ दवाइयों पर पहले 2% वैट लगता है था जबकि लाइफ सेविंग दवाइयां टैक्स फ्री थीं। जीएसटी में 5 से 12% टैक्स लगेगा। इससे थोड़ी परेशानी तो होगी। इससे दुकानदार और मरीजों को भी परेशानी हो क्योंकि पहले दवाइयां सस्ती थीं, अब थोड़ी महंगी हो जाएंगी। जबकि लाइफ सेविंग दवाइयां जीएसटी में भी टैक्स फ्री रखी गई है।

अगला लेख

Stateकी ताजा खबरें, ब्रेकिंग न्यूज, अनकही और सच्ची कहानियां, सिर्फ खबरें नहीं उसका विश्लेषण भी। इन सब की जानकारी, सबसे पहले और सबसे सटीक हिंदी में देश के सबसे लोकप्रिय, सबसे भरोसेमंद Hindi Newsडिजिटल प्लेटफ़ॉर्म नवभारत टाइम्स पर
ट्रेंडिंग