नोएडा
जानलेवा इमारतों के चलते देशभर में चर्चित हुए नोएडा के शाहबेरी में बिल्डिंग बनाने में घोर लापरवाही सामने आई है। महज 4-4 सरिये की हल्की बीम और नकली सीमेंट से शाहबेरी में 6 मंजिला इमारतें तैयार हुई हैं। नींव भी बेहद कमजोर। 6 रेक्टर स्केल से ज्यादा का भूकंप भी नहीं झेल सकतीं। खतरनाक स्थिति की बची कसर हिंडन का डूब क्षेत्र होना पूरी कर रहा है। हल्की बारिश में भी पूरे इलाके की जमीन दलदली हो जाती है। आईआईटी दिल्ली के सेफ्टी ऑडिट में ये बातें सामने आई हैं। 4 से 6 मंजिला 450 भवनों का यह टीम सेफ्टी ऑडिट करेगी।
दूसरे दिन बुधवार को 55 बिल्डिंगों की जांच पूरी हो गई। आईआईटी दिल्ली की टीम को सेफ्टी ऑडिट के लिए 50 लाख रुपये का ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने भुगतान किया है। एक्सपर्ट के अनुसार 6 मंजिला इमारतों में 8-10 सरियों की बीम होनी चाहिए। आईआईटी दिल्ली की 2 टीमें शाहबेरी में बनी अवैध बिल्डिंगों के सुरक्षा ऑडिट की जांच कर रही है। सुरक्षा के लिए बिसरख थाना पुलिस को भी साथ में तैनात किया गया है। जांच के दूसरे दिन कुल 55 बिल्डिंगों को चेक किया गया। सुरक्षा जांच में ढेरों खामियां मिल रही हैं। जांच के दौरान ऐसे कई बिल्डिंगें मिली हैं जो 4-4 सरिया की बीम पर खड़ी हुई हैं।
कुछ जगह तो महज 4 बीम पर दीवार के सहारे पूरी बिल्डिंग खड़ी हो गई। बिल्डिंग बनने के बाद सुरक्षा की चिंता हुई तो बीच में बीम लगाया गया। बाद में बनाई गई बीम सुरक्षा के लिहाज से मजबूत नहीं है और यह फिट भी नहीं बैठ रही। जांच करने वाली टीम को शुरुआती चरण में नकली सीमेंट और घटिया क्वॉलिटी की सरिया लगाने की भी बात पता चली है। हालांकि इसकी आधिकारिक रिपोर्ट मशीनों की जांच के बाद ही सामने आएगी। सभी बिल्डिंगों की अलग-अलग रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
बारिश से और कमजोर हो रही नींव
शाहबेरी की जमीन हिंडन के डूब क्षेत्र में पड़ती है। बारिश में तो यहां सामान्य तौर पर पानी जमा रहता है। डूब क्षेत्र की मिट्टी कमजोर होती है। पानी जमा होने से जमीन और दलदली हो जाती है। ऐसे में यहां बनीं बिल्डिंगों की नींव और ज्यादा खराब हो रही है। एक्सपर्ट के अनुसार 6 रेक्टर स्केल पर आया भूकंप भी यहां की नींव नहीं झेल सकती। जांच टीम के अनुसार, अगर तेज भूकंप आया तो अधिकतर बिल्डिंगें भरभराकर गिर जाएंगी।
जानलेवा इमारतों के चलते देशभर में चर्चित हुए नोएडा के शाहबेरी में बिल्डिंग बनाने में घोर लापरवाही सामने आई है। महज 4-4 सरिये की हल्की बीम और नकली सीमेंट से शाहबेरी में 6 मंजिला इमारतें तैयार हुई हैं। नींव भी बेहद कमजोर। 6 रेक्टर स्केल से ज्यादा का भूकंप भी नहीं झेल सकतीं। खतरनाक स्थिति की बची कसर हिंडन का डूब क्षेत्र होना पूरी कर रहा है। हल्की बारिश में भी पूरे इलाके की जमीन दलदली हो जाती है। आईआईटी दिल्ली के सेफ्टी ऑडिट में ये बातें सामने आई हैं। 4 से 6 मंजिला 450 भवनों का यह टीम सेफ्टी ऑडिट करेगी।
दूसरे दिन बुधवार को 55 बिल्डिंगों की जांच पूरी हो गई। आईआईटी दिल्ली की टीम को सेफ्टी ऑडिट के लिए 50 लाख रुपये का ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने भुगतान किया है। एक्सपर्ट के अनुसार 6 मंजिला इमारतों में 8-10 सरियों की बीम होनी चाहिए। आईआईटी दिल्ली की 2 टीमें शाहबेरी में बनी अवैध बिल्डिंगों के सुरक्षा ऑडिट की जांच कर रही है। सुरक्षा के लिए बिसरख थाना पुलिस को भी साथ में तैनात किया गया है। जांच के दूसरे दिन कुल 55 बिल्डिंगों को चेक किया गया। सुरक्षा जांच में ढेरों खामियां मिल रही हैं। जांच के दौरान ऐसे कई बिल्डिंगें मिली हैं जो 4-4 सरिया की बीम पर खड़ी हुई हैं।
कुछ जगह तो महज 4 बीम पर दीवार के सहारे पूरी बिल्डिंग खड़ी हो गई। बिल्डिंग बनने के बाद सुरक्षा की चिंता हुई तो बीच में बीम लगाया गया। बाद में बनाई गई बीम सुरक्षा के लिहाज से मजबूत नहीं है और यह फिट भी नहीं बैठ रही। जांच करने वाली टीम को शुरुआती चरण में नकली सीमेंट और घटिया क्वॉलिटी की सरिया लगाने की भी बात पता चली है। हालांकि इसकी आधिकारिक रिपोर्ट मशीनों की जांच के बाद ही सामने आएगी। सभी बिल्डिंगों की अलग-अलग रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
बारिश से और कमजोर हो रही नींव
शाहबेरी की जमीन हिंडन के डूब क्षेत्र में पड़ती है। बारिश में तो यहां सामान्य तौर पर पानी जमा रहता है। डूब क्षेत्र की मिट्टी कमजोर होती है। पानी जमा होने से जमीन और दलदली हो जाती है। ऐसे में यहां बनीं बिल्डिंगों की नींव और ज्यादा खराब हो रही है। एक्सपर्ट के अनुसार 6 रेक्टर स्केल पर आया भूकंप भी यहां की नींव नहीं झेल सकती। जांच टीम के अनुसार, अगर तेज भूकंप आया तो अधिकतर बिल्डिंगें भरभराकर गिर जाएंगी।