वरिष्ठ संवाददाता, नोएडा
सेक्टर-63 की कीमो गारमेंट फैक्ट्री में हुई डकैती और मर्डर के मामले में सबूत छुपाने के लिए बदमाशों ने पूरी कोशिश की, लेकिन सीसीटीवी से बच नहीं सकें। एसपी सिटी के मुताबिक, सतेंद्र समेत बाकी बदमाश जब फैक्ट्री में घुसे तो उन्होंने सीसीटीवी की मॉनिटरिंग के लिए लगी बड़ी स्क्रीन में अपनी तस्वीरें देखीं। उन्होंने सोचा कि यदि टीएफटी पुलिस के हाथ लग गई तो वे पकड़े जाएंगे। इसके बाद सबूत मिटाने के लिए उन्होंने टीएफटी समेत वहां पर मनोरंजन के लिए छोटी एलईडी स्क्रीन भी चोरी ली। संयोग से एक अलमारी में बंद डिजिटल विडियो रेकॉर्डर (डीवीआर) तक बदमाश नहीं पहुंच पाए। पुलिस ने जब डीवीआर को दूसरे स्क्रीन से लगाकर चलाया तो फैक्ट्री मालिक समेत बाकी लोगों ने सतेंद्र सिंह को पहचान लिया। इस क्लू के सहारे पुलिस उसके खोड़ा कॉलोनी वाले कमरे समेत शाहजहांपुर तक जा पहुंची और चार दिन में माल समेत 3 बदमाश अरेस्ट कर लिए। रिपोर्ट के मुताबिक, घटना में पकड़े गए भोला, सुनील सिंह और रंजीत वर्मा को नोएडा एसओजी ने बुधवार को शाहजहांपुर के जलालाबाद से अरेस्ट किया था, जबकि गुरुवार को सेक्टर 6 में हुई प्रेस वार्ता में उनकी गिरफ्तारी सेक्टर 62 से दिखाई। इस बारे में पूछे जाने पर एसपी सिटी अरुण कुमार सिंह ने चुप्पी साध ली। एसपी सिटी के मुताबिक, मूलरूप से नेपाल निवासी मृतक गार्ड सेक्टर 63 स्थित वाजिदपुर गांव में अकेला रहता था। डकैती में हुई हत्या के बाद से उसका शव सेक्टर 94 के कोल्ड स्टोरेज में रखा हुआ है। नेपाली एंबेसी के जरिए नेपाल में उसके परिजनों को घटना की सूचना दे दी गई है। उनके परिजन वहां से नोएडा के लिए चल चुके हैं।