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नोएडा : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर अमल करते हुए नोएडा अथॉरिटी ने बिल्डरों पर शिकंजा बढ़ा दिया है। एक तरफ अथॉरिटी का फाइनैंस डिपार्टमेंट अपनी फंसी हुई रकम निकालने में जुटा है। दूसरी ओर ग्रुप हाउसिंग डिपार्टमेंट ने शहर के अधूरे पड़े लगभग 150 प्रोजेक्ट की रफ्तार बढ़ाने और गुणवत्ता पर निगरानी के लिए कंसल्टेंट एजेंसियों की नियुक्ति की तैयारी कर ली है। अथॉरिटी ने पहले चरण के बाद 15 एजेंसियों का चयन किया था। फाइनैंशल बिड के बाद इनमें से तीन या चार कंपनियों का ही चयन होगा। इसकी प्रक्रिया इस तरह तैयार की गई है कि 1 सितंबर से निगरानी का कार्य इन एजेंसियों के हाथ में आ जाएगा।
नोएडा अथॉरिटी के सीईओ अमित मोहन प्रसाद ने बिल्डर के दावों पर निगरानी के लिए कंसल्टेंट नियुक्त करने का फैसला किया था। मई में आवेदन मांगे गए थे। पांच जून तक कंपनियों को एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट देना था। लगभग तीन दर्जन कंपनियों ने आवेदन किया था।
ग्रुप हाउसिंग डिपार्टमेंट के प्रभारी संतोष सिंह ने बताया कि 18 अगस्त को टेक्निकल बिड खुलेगी। सभी 15 कंपनियों को इस बारे में सूचित कर दिया गया है। 22 अगस्त को फाइनैंशल बिड खुलेगी। इसके तीन-चार दिन में कंसल्टेंट की नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। उन्होंने संकेत दिया कि 1 सितंबर से शहर के लगभग 150 अधूरे प्रोजेक्ट की निगरानी का काम तीन या चार कंसल्टेंट कंपनियां संभाल लेंगी।
वेबसाइट पर है अधूरे प्रोजेक्ट की सूची
नोएडा अथॉरिटी ने अधूरे प्रोजेक्टों की सूची अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर डाली हुई है। इनकी संख्या लगभग 120 है। यदि कमर्शल प्रोजेक्ट को जोड़ा जाए तो यह तादाद 150 के करीब पहुंचेगी। इनमें लगभग ढाई लाख बायर्स फंसे हुए हैं।