वरिष्ठ संवाददाता, नोएडा
तीन साल के बाद ओखला ओखला पक्षी विहार में फरवरी माह में ग्रेटर फ्लेमिंगो देखने को मिले हैं। इस बार अब तक इनकी संख्या भी 65 दर्ज की जा चुकी है। वन विभाग के प्रभागीय वनाधिकारी पीके श्रीवास्तव ने बताया कि इस बार ओखला बर्ड सैंक्चुरी में काफी काम किए गए, जिसके कारण बीते साल के मुकाबले इस बार पक्षियों की संख्या में भी इजाफा देखने को मिला। इस बार दक्षिण एशिया और अफ्रीका के कुछ हिस्सों में पाए जाने वाले ग्रेटर फ्लेमिंगो भी देखने को मिले हैं।
इस बार सैंक्चुरी में जलकुंभी की साफ-सफाई पर खास ध्यान दिया गया। पक्षियों के बैठने के लिए यहां अलग तरह के फ्लोटिंग आईलैंड बनाए गए हैं। इन आईलैंड पर बनाए गए स्टैंड पर पक्षी बैठ रहे हैं। पानी की मात्रा में भी इजाफा किया गया।
बीते साल ( 2017 के नवंबर से 2018 के फरवरी महीने तक) 15 हजार ही पक्षी आए थे। इस बार अब तक इनकी संख्या 20 हजार को पार कर चुकी है। इनमें साइबेरिया, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया से भी आने वाले पक्षी भी शामिल हैं।
तीन साल के बाद ओखला ओखला पक्षी विहार में फरवरी माह में ग्रेटर फ्लेमिंगो देखने को मिले हैं। इस बार अब तक इनकी संख्या भी 65 दर्ज की जा चुकी है। वन विभाग के प्रभागीय वनाधिकारी पीके श्रीवास्तव ने बताया कि इस बार ओखला बर्ड सैंक्चुरी में काफी काम किए गए, जिसके कारण बीते साल के मुकाबले इस बार पक्षियों की संख्या में भी इजाफा देखने को मिला। इस बार दक्षिण एशिया और अफ्रीका के कुछ हिस्सों में पाए जाने वाले ग्रेटर फ्लेमिंगो भी देखने को मिले हैं।
इस बार सैंक्चुरी में जलकुंभी की साफ-सफाई पर खास ध्यान दिया गया। पक्षियों के बैठने के लिए यहां अलग तरह के फ्लोटिंग आईलैंड बनाए गए हैं। इन आईलैंड पर बनाए गए स्टैंड पर पक्षी बैठ रहे हैं। पानी की मात्रा में भी इजाफा किया गया।
बीते साल ( 2017 के नवंबर से 2018 के फरवरी महीने तक) 15 हजार ही पक्षी आए थे। इस बार अब तक इनकी संख्या 20 हजार को पार कर चुकी है। इनमें साइबेरिया, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया से भी आने वाले पक्षी भी शामिल हैं।