नोएडा
यूपी के ग्रेटर नोएडा में दूसरा सबसे बड़ा डेटा सेंटर बनेगा। 25 एकड़ जमीन में बनने वाले डेटा सेंटर के लिए जापान की कंपनी एनटीटी लिमिटेड 1 हजार करोड़ रुपये का निवेश करेगी। हालांकि, इससे पहले हीरानंदानी ग्रुप भी YOTTA डेटा सेंटर बनाने के लिए ग्रेटर नोएडा में जमीन खरीद चुका है। यहां पर हीरानंदानी ग्रुप 6 हजार करोड़ रुपये का निवेश करेगा। ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के सीईओ नरेंद्र भूषण ने बताया कि ग्रेटर नोएडा को डेटा सेंटर हब के रूप में डिवलेप किया जाएगा। हीरानंदानी ग्रुप के बाद जापान की एनटीटी कंपनी सेक्टर टेक जोन-4 के अर्थ एसईजेड में डेटा सेंटर डिवलप करेगी। इस कंपनी का मुख्यालय लंदन में है। सीईओ नरेंद्र भूषण का कहना है कि इनके अलावा सिंगापुर की एसटी टेलीमीडिया ग्लोबल डेटा सेंटर भी नोएडा में ग्रीनफील्ड डाटा सेंटर कैंपस बनाने जा रही है।
पहले चरण में 600 करोड़ का निवेश
जापान की एनटीटी लिमिटेड कंपनी पहले चरण में 600 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। परियोजना के तहत 550 से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है। साथ ही इसके लिए 70 मेगावाट बिजली की आवश्यकता होगी। हालांकि, दोनों डेटा सेंटर की स्थापना में करीब 7,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा। साथ ही 2 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा।
डेटा सेंटर की यह होगी आवश्यकता
डेटा सेंटर का इस्तेमाल कंप्यूटर सर्वर का डेटा भंडारण, प्रोसेसिंग आदि गतिविधियों में किया जाता है। सोशल मीडिया इंस्टाग्राम, फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब आदि के करोड़ों उपभोक्ता देश में है, ऐसे में इन्हें मिलने वाली सर्विसेज के तमाम डेटा ऐसे ही सेंटर्स में जमा किए जाते हैं। इसके साथ ही इन डेटा सेंटर्स में अब बैंकिंग, कारोबार, हेल्थ सर्विसेज, पर्यटन आदि के डेटा को भी संरक्षित किया जा सकेगा।
यूपी के ग्रेटर नोएडा में दूसरा सबसे बड़ा डेटा सेंटर बनेगा। 25 एकड़ जमीन में बनने वाले डेटा सेंटर के लिए जापान की कंपनी एनटीटी लिमिटेड 1 हजार करोड़ रुपये का निवेश करेगी। हालांकि, इससे पहले हीरानंदानी ग्रुप भी YOTTA डेटा सेंटर बनाने के लिए ग्रेटर नोएडा में जमीन खरीद चुका है। यहां पर हीरानंदानी ग्रुप 6 हजार करोड़ रुपये का निवेश करेगा।
पहले चरण में 600 करोड़ का निवेश
जापान की एनटीटी लिमिटेड कंपनी पहले चरण में 600 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। परियोजना के तहत 550 से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है। साथ ही इसके लिए 70 मेगावाट बिजली की आवश्यकता होगी। हालांकि, दोनों डेटा सेंटर की स्थापना में करीब 7,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा। साथ ही 2 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा।
डेटा सेंटर की यह होगी आवश्यकता
डेटा सेंटर का इस्तेमाल कंप्यूटर सर्वर का डेटा भंडारण, प्रोसेसिंग आदि गतिविधियों में किया जाता है। सोशल मीडिया इंस्टाग्राम, फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब आदि के करोड़ों उपभोक्ता देश में है, ऐसे में इन्हें मिलने वाली सर्विसेज के तमाम डेटा ऐसे ही सेंटर्स में जमा किए जाते हैं। इसके साथ ही इन डेटा सेंटर्स में अब बैंकिंग, कारोबार, हेल्थ सर्विसेज, पर्यटन आदि के डेटा को भी संरक्षित किया जा सकेगा।