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पिक एंड ड्रॉप के लिए करना होगा इंतजाम

प्रमुख संवाददाता, नोएडा : सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद दिल्ली-एनसीआर में पेट्रोल और डीजल से चलने वाली कैब पर रविवार से लगे बैन के बाद लोगों की परेशानी बढ़नी तय है। अब दिल्ली-एनसीआर में सिर्फ सीएनजी वाली कैब ही चलेंगी।

नवभारत टाइम्स 2 May 2016, 7:00 am
प्रमुख संवाददाता, नोएडा : सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद दिल्ली-एनसीआर में पेट्रोल और डीजल से चलने वाली कैब पर रविवार से लगे बैन के बाद लोगों की परेशानी बढ़नी तय है। अब दिल्ली-एनसीआर में सिर्फ सीएनजी वाली कैब ही चलेंगी। रविवार की छुट्टी के बाद आज पहला वर्किंग डे है। ऐसे में कॉरपोरेट ऑफिस और स्कूल से जुड़ी कैब के अलावा ऐप बेस्ड कैब सर्विसेज की कमी से लोगों को दो-चार होना पड़ेगा। एआरटीओ कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, नोएडा में 8397 डीजल टैक्सी और 597 पेट्रोल टैक्सी हैं। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद यह टैक्सियां दिल्ली-एनसीआर में नहीं चल सकेंगी। ऐसे में नोएडा में सीएनजी से चलने वाली सिर्फ 1844 टैक्सी ही बचेंगी।
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पिक एंड ड्रॉप के लिए करना होगा इंतजाम

ऑल इंडिया परमिट वाले भी परेशान
सेक्टर-55 में टूर एंड ट्रैवल कंपनी चलाने वाले सैय्यद मोहम्मद रिजवी ने बताया कि कोर्ट के इस निर्देश का उन पर काफी असर पड़ रहा है। उनके पास 19 डीजल टैक्सी हैं, जिनमें से 6 गाड़ियां उन्होंने 2015 में ही ली हैं और सब पर लोन है। ज्यादातर गाड़ियां दिल्ली-एनसीआर में जाती हैं। मानेसर में उनकी सबसे अधिक गाड़ियां चलती हैं। ईएमआई निकालना मुश्किल हो जाएगा।
कॉरपोरेट्स हैं परेशान
कॉरपोरेट ऑफिस से जुड़े स्टाफ भी इस फैसले से परेशान हैं। नोएडा में चल रहे 2000 से अधिक कॉरपोरेट हाउस में करीब 800 से 1000 कैब डीजल की चल रही हैं। कारपोरेट्स के अनुसार पहले से ही काफी कोशिश कर रहे थे कि सीएनजी कैब मिल जाएं, लेकिन अब तक नहीं मिल सकी हैं। हमने अपने ट्रांसपोर्टर्स को सोमवार से सीएनजी कैब की सर्विस देने को कहा है लेकिन लग नहीं रहा है कि वह सर्विस दे पाएंगे। ओला-ऊबर की कैब भी चार्ज वसूलने लगी हैं। सेक्टर-62 में काम करने वाले वीरेंद्र चौहान का कहना है कि मैं संडे को घूमने का प्लान कर रहा था, लेकिन मुझे बुकिंग नहीं मिली।
स्कूलों से जुड़ी हैं कैब
कई स्कूलों में स्टूडेंट्स डीजल कैब से आते-जाते हैं। अब पैरंट्स के सामने भी नई परेशानियां खड़ी हो सकती हैं। यदि टैक्सियां बंद होती हैं तो पैरंट्स को स्टूडेंट्स के लिए नए विकल्प तलाशने होंगे। नोएडा में करीब 400 कैब स्कूलों से जुड़ी हैं। सेक्टर-1 के ट्रांसपोर्टर विवेक के अनुसार उनकी 4 गाड़ियां दिल्ली व एनसीआर के स्कूलों में सर्विस दे रही हैं। गाड़ियां महज ढाई साल पुरानी हैं।

फिलहाल सुप्रीम कोर्ट या उच्चाधिकारियों की तरफ से निर्देश मिलने का इंतजार है। संभावना है कि आज यह निर्देश मिल जाए। उनके अनुसार ही आगे की कार्रवाई होगी। फिलहाल दिल्ली-एनसीआर के लिए सिर्फ सीएनजी परमिट ही जारी किए जा रहे हैं।
- रचना यदुवंशी, एआरटीओ

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