प्रमुख संवाददाता, नोएडा
सोमवार को तलवार दंपती डासना जेल से रिहा होकर घर लौट आए। वह अगले कुछ दिन आरुषि के नाना-नानी के साथ जलवायु विहार एल-245 में रहेंगे। घर पहुंचते ही नूपुर तलवार की मां लता चिटनिस ने दोनों की आरती उतारी, जिसके बाद परिवार ने घर ही पूजा की। घर लौटने के बाद तलवार दंपती ने तो मीडिया से बात नहीं की।
राजेश तलवार के भाई डॉ. दिनेश ने कहा कि इन चार सालों में हमने अपनी भावनाओं पर काबू रखा, क्योंकि सचाई के लिए लड़ना इतना आसान नहीं था। सीबीआई कोर्ट ने जिस दिन दोनों को सजा सुनाई थी, उस दिन राजेश ने कहा था कि मुझे आरुषि के लिए अंतिम समय तक लड़ना है। डॉ. दिनेश ने कहा कि आरुषि अच्छी लड़की थी और हेमराज खराब आदमी नहीं था। ये दोनों दोषी नहीं थे। नूपुर के माता-पिता बुजुर्ग हैं और उन्हें राजेश व नूपुर की मदद की जरूरत है। आरुषि को नहीं भुलाया जा सकता, लेकिन अब दोनों राजेश और नूपुर को सामान्य होने में मदद करेंगे। इसके लिए उन्हें कुछ समय देना होगा। हमारी लड़ाई सचाई को सामने लाने की थी। इसके लिए जो हम कर सकते थे, वह किया।
सास ने बनाया पसंद का खाना
दामाद और बेटी के घर लौटने की खुशी में सास लता चिटनिस ने उनकी पंसद का खाना बनाया था। उन्होंने बताया कि राजेश को खीर और मालपुआ काफी पंसद है, लिहाजा डिनर के लिए उन्होंने उनकी पसंद का खाना बनाया है। उधर मीडिया से बचने के लिए तलवार दंपती साईं मंदिर नहीं गए और सीधे घर आए।
राजेश और नूपुर उन सभी की आभारी हैं, जिन्होंने इस बुरे वक्त में उनका साथ दिया। अभी दोनों की हालत नॉर्मल नहीं है, उन्हें सामान्य होने में अभी कुछ समय लगेगा, जिसके बाद वह सबके सामने आएंगे। -डॉ. दिनेश तलवार, राजेश तलवार के भाई
राजेश व नूपुर पूरे सम्मान के साथ वापस लौटे हैं। वे बेकसूर थे। न्याय पाने के लिए उन्होंने लंबा रास्ता तय किया है। जांच संस्थाओं ने जो भी गलत आरोप लगाए, उन सब से हाई कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया। - वंदना तलवार, दिनेश तलवार की पत्नी
सोमवार को तलवार दंपती डासना जेल से रिहा होकर घर लौट आए। वह अगले कुछ दिन आरुषि के नाना-नानी के साथ जलवायु विहार एल-245 में रहेंगे। घर पहुंचते ही नूपुर तलवार की मां लता चिटनिस ने दोनों की आरती उतारी, जिसके बाद परिवार ने घर ही पूजा की। घर लौटने के बाद तलवार दंपती ने तो मीडिया से बात नहीं की।
राजेश तलवार के भाई डॉ. दिनेश ने कहा कि इन चार सालों में हमने अपनी भावनाओं पर काबू रखा, क्योंकि सचाई के लिए लड़ना इतना आसान नहीं था। सीबीआई कोर्ट ने जिस दिन दोनों को सजा सुनाई थी, उस दिन राजेश ने कहा था कि मुझे आरुषि के लिए अंतिम समय तक लड़ना है। डॉ. दिनेश ने कहा कि आरुषि अच्छी लड़की थी और हेमराज खराब आदमी नहीं था। ये दोनों दोषी नहीं थे। नूपुर के माता-पिता बुजुर्ग हैं और उन्हें राजेश व नूपुर की मदद की जरूरत है। आरुषि को नहीं भुलाया जा सकता, लेकिन अब दोनों राजेश और नूपुर को सामान्य होने में मदद करेंगे। इसके लिए उन्हें कुछ समय देना होगा। हमारी लड़ाई सचाई को सामने लाने की थी। इसके लिए जो हम कर सकते थे, वह किया।
सास ने बनाया पसंद का खाना
दामाद और बेटी के घर लौटने की खुशी में सास लता चिटनिस ने उनकी पंसद का खाना बनाया था। उन्होंने बताया कि राजेश को खीर और मालपुआ काफी पंसद है, लिहाजा डिनर के लिए उन्होंने उनकी पसंद का खाना बनाया है। उधर मीडिया से बचने के लिए तलवार दंपती साईं मंदिर नहीं गए और सीधे घर आए।
राजेश और नूपुर उन सभी की आभारी हैं, जिन्होंने इस बुरे वक्त में उनका साथ दिया। अभी दोनों की हालत नॉर्मल नहीं है, उन्हें सामान्य होने में अभी कुछ समय लगेगा, जिसके बाद वह सबके सामने आएंगे। -डॉ. दिनेश तलवार, राजेश तलवार के भाई
राजेश व नूपुर पूरे सम्मान के साथ वापस लौटे हैं। वे बेकसूर थे। न्याय पाने के लिए उन्होंने लंबा रास्ता तय किया है। जांच संस्थाओं ने जो भी गलत आरोप लगाए, उन सब से हाई कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया। - वंदना तलवार, दिनेश तलवार की पत्नी