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ऑटोमेटिक ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक पर फेल तो नो DL

सेक्टर-108 में तैयार ट्रैफिक पार्क में परिवहन विभाग के शिफ्ट होने के बाद ऑटोमोटेड ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक को शुरू करने की तैयारी होगी। इसमें ऐसे ऑटोमेटिक सेंसर लगेंगे जो कि ड्राइविंग टेस्ट के दौरान आपका रिजल्ट बनाएंगे। अगर आप ट्रैफिक नियम नहीं जानते या जानने के बाद भी आपने उल्लंघन किया तो डीएल नहीं मिल पाएगा।

प्रवेश सिंह | नवभारत टाइम्स 17 Dec 2018, 11:12 am
नोएडा
नवभारतटाइम्स.कॉम D-test

यूपी का शो विंडो कहे जाने वाले नोएडा में प्रदेश का पहला ऑटोमेटिक ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक बनेगा। इस ट्रैक पर टेस्ट देने के बाद ही आप ड्राइविंग लाइसेंस के लिए योग्य या अयोग्य माने जाएंगे। पहले परफेक्ट ड्राइविंग सीखनी पड़ेगी, उसके बाद ही लाइसेंस के बारे में सोच पाएंगे। सेक्टर-108 में तैयार ट्रैफिक पार्क में परिवहन विभाग के शिफ्ट होने के बाद इस ट्रैक को शुरू करने की तैयारी होगी। इसमें ऐसे ऑटोमेटिक सेंसर लगेंगे जो कि ड्राइविंग टेस्ट के दौरान आपका रिजल्ट बनाएंगे। अगर आप ट्रैफिक नियम नहीं जानते या जानने के बाद भी आपने उल्लंघन किया तो डीएल नहीं मिल पाएगा। इस ट्रैक पर विभिन्न प्रकार के ट्रैफिक सिग्नलों के अलावा अंडरपास, फ्लाइओवर, एलिवेटेड, पहाड़ी एरिया व अन्य प्रकार की चैलेजिंग ड्राइविंग का टेस्ट देने के लिए आपको तैयारी करके आना होगा।

अभी जो सिस्टम बना हुआ है उसमें हर रोज ऐसे तमाम लोगों को लाइसेंस जारी हो रहे हैं जिनकी ड्राइविंग बेहद खराब है। वे नियमों का पालन 20-30 पर्सेंट ही कर पाते हैं। यही वजह है कि जब बिना टेस्ट के डीएल मिलने के बाद ये लोग सड़कों पर ड्राइव करते हैं तो ऐक्सिडेंट की बड़ी वजह बनते हैं। सेक्टर-33 स्थित परिवहन विभाग जनवरी में सेक्टर-108 में तैयार ट्रैफिक पार्क में शिफ्ट होने जा रहा है।
सेक्टर-108 में अथॉरिटी की ओर से तैयार ट्रैफिक पार्क मिलने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। जनवरी में परिवहन विभाग यहां शिफ्ट कर लेगा। यहां पर तैयार किए जा रहे ड्राइविंग ट्रैक का शुरुआत में तो मेन्युअल ही इस्तेमाल किया जाएगा लेकिन उसके बाद इसे ऑटोमेटिक ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक बनाया जाएगा। यह प्रदेश का पहला ऐसा ट्रैक होगा जिसका पूरा सिस्टम ऑटोमेटिक होगा।
एके पांडे, एआरटीओ, परिवहन विभाग

ट्रैक पर लगे होंगे मॉटिनर

इस ट्रैक पर ऑटोमॉनिटर लगे होंगे जो बताएंगे कि टेस्ट के दौरान आपने कितनी बार नियमों का उल्लंघन किया। इसके बाद आपको डीएल मिल सकता है या नहीं या फिर आपकी ड्राइविंग इतनी ज्यादा खराब है जो कि दोबारा प्रैक्टिस करने व सीखने के बाद ही आपको आवेदन करना पड़ेगा।

ऐक्सिडेंट भी होंगे कंट्रोल, सड़कों पर कम होगा तनाव
विदेशों की तर्ज पर नोएडा में भी इस ट्रैक के शुरू होने के बाद डीएल मिलने में इस्तेमाल किए जा रहे सारे जुगाड़ खत्म हो जाएंगे। अभी तो टेस्ट ड्राइविंग होती ही नहीं है। बिना ड्राइविंग टेस्ट के लोगों को डीएल दिए जाते हैं। अभी सिर्फ डॉक्युमेंट्स के आधार पर लोगों को डीएल जारी किए जा रहे हैं।
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