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Barabanki Accident: 60 की जगह बस में भूसे की तरह ठूंसकर बिठाए थे 125 से अधिक मजदूर...बाराबंकी हादसे का असली 'कातिल' कौन?

बाराबंकी हादसे के प्रत्यक्षदर्शी बिहार के अररिया जिले के ताराभारी के गुलजारी ने बताया कि बस में 60 लोगों को ले जाने की बात तय हुई थी, लेकिन बस में 125 से ज्यादा लोग ठूंस दिए गए थे। इस हादसे में 18 मजदूरों की मौत हुई थी जबकि 19 घायल हुए थे।

Edited byशेफाली श्रीवास्तव | नवभारत टाइम्स 29 Jul 2021, 10:23 am

हाइलाइट्स

  • बाराबंकी में दुर्घटनाग्रस्त बस में 125 से ज्यादा यात्री सवार थे, श्रमिकों को भूसे की तरह ठूंसा गया था
  • चश्मदीद ने बताया कि 60 लोगों को ले जाने की बात तय हुई थी, लेकिन 125 से ज्यादा लोग बिठाए गए
  • परिवहन विभाग के अफसरों ने इस बस पर 25 चालान किए लेकिन बस मालिक पर इसका कोई असर नहीं
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बाराबंकी
यूपी के बाराबंकी में दुर्घटनाग्रस्त बस में 125 से ज्यादा यात्री सवार थे। बस में श्रमिकों को भूसे की तरह ठूंसा गया था। हादसे के प्रत्यक्षदर्शी बिहार के अररिया जिले के ताराभारी के गुलजारी ने बताया कि बस में 60 लोगों को ले जाने की बात तय हुई थी, लेकिन बस में 125 से ज्यादा लोग ठूंस दिए गए थे। इस हादसे में 18 मजदूरों की मौत हुई थी, जबकि 19 घायल हुए थे।
गुलजारी ने बताया कि वे लोग हर साल बिहार से पंजाब और हरियाणा में धान रोपाई के लिए जाते हैं। वह अपने छह अन्य साथियों के साथ करनाल के तरावड़ी में ठेके पर धान लगाने के लिए गए थे। उनके साथ छह अन्य लोग भी थे। वहां दो बीघा की रोपाई का 3500 रुपये मिलता है। एक दिन में वे लोग औसतन 500 रुपये कमाते हैं। दो दिन पहले दलाल के जरिए 1500 रुपये में बिहार जाने के लिए पैसा जमा किया था। बस में 60 लोगों को ले जाने की बात तय हुई थी, लेकिन बस में 125 से ज्यादा लोग ठूंस दिए गए थे।

एक सीट पर छह-छह यात्री कर रहे थे सफर
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बाद से यूपी से बिहार के लिए अंतराज्यीय बस सर्विस पर पूरी तरह रोक है। इसके बावजूद दर्जनों डग्गामार बसें हरियाणा और राजस्थान से लेकर बिहार तक फर्राटे भर रही हैं। पुलिस व परिवहन विभाग के अफसर इन बसों पर रोक नहीं लगा पा रहे हैं। हादसे का शिकार हुई 49 सीटर बस में सफर कर रहे यात्रियों की मानें तो उसमें करीब 130 यात्री सफर कर रहे थे। इसमें 13 सिटिंग व स्लीपर की 36 सीटें थीं। आरोप है कि एक-एक सीट पर छह-छह यात्रियों को बैठाकर सफर करवाया जा रहा था।

25 चालान होने के बावजूद बस मालिक पर असर नहीं
परिवहन विभाग के अफसरों ने समय-समय पर इस बस के 25 चालान किए हैं। लेकिन इसके बावजूद बस मालिक राजेश कुमार पर इसका कोई असर नहीं है। वह धड़ल्ले से डग्गामार बस संचालित कर रहा है। हाल ही में चार जुलाई को परमिट शर्तोँ के उल्लंघन, पल्युशन नियंत्रण प्रमाणपत्र व ड्राइविंग लाइसेंस बगैर बस संचालन, ओवर स्पीडिंग और सीट बेल्ट न लगाने के आरोप में 27,500 रुपये का चालन किया गया है। वह अभी तक पेंडिंग है।

प्रिंसिपल सेक्रेटरी ट्रांसपोर्ट राजेश कुमार सिंह ने कहा, 'डग्गामार वाहनों के खिलाफ परिवहन विभाग समय-समय पर अभियान चलाता है। इस दौरान सड़क सुरक्षा सप्ताह चल रहा है जिसमें दूसरी प्रवर्तन कार्रवाई भी की जा रही हैं। जिस बस का एक्सीडेंट हुआ है उसका यूपी में 25 बार चालान हो चुका है। बीते ढाई वर्षों में हजारों वाहनों पर कार्रवाई की जा चुकी है।'

हादसे के कारण भाग नहीं पाए, नदी में गिर गए
दरभंगा के कालीपुर रेनीसगा ने बताया कि अपने पांच साथियों के साथ कैथल हरियाणा गए थे। एक्सल टूटने के बाद वह लोग भी नीचे बस से उतर गए थे और नदी के पुल का टेक लेकर खड़े थे। हादसे के कारण भाग नहीं पाए और नदी में गिर गए। काफी देर बाद तैर कर बाहर निकल सके। उन्होंने बताया कि हादसे में उनके साले संतोष की मौत हो गई।

बस में 60-65 लोगों को जबरन बैठा दिया गया
सहरसा निवासी राजेश ने बताया कि पांच साथियों के साथ हरियाणा के जींद गए थे। वापसी के समय दलाल ने 1500 रुपये में सीट देकर बिहार भिजवाने का वादा किया था। बस के चालक ने 75 लोगों को डबल डेकर बस में बैठाया और चल दिया। इसके बाद कैथल पहुंचने पर बस में 60-65 लोगों को जबरन बैठा दिया गया। इसका विरोध किया तो धमकाया गया। हादसे मे पड़ोसी सुरेश की मौत हो गई।

बस में यात्रा कर रहे श्रमिक फगुनी साहनी ने बताया कि वह भी अपने भाई मोनू साहनी के साथ बस से बिहार जा रहा था। हादसे के समय वह पुल पर बैठा था और उसका भाई मोनू बस के पास बैठकर आराम करने लगा। इसी दौरान जोरदार आवाज के साथ चीख चीत्कार सुनाई पड़ा। वह कुछ देर तक तो समझ ही नहीं सका, कि हुआ क्या है। इसके बाद वह मोनू को ढूढ़ने लगा तो उसे बस के नीचे फंसा पाया। उसकी मौत हो चुकी थी। फगुनी ने बताया कि हादसे में मुझे भी चोटें आईं।
लेखक के बारे में
शेफाली श्रीवास्तव
शेफाली श्रीवास्तव सीनियर डिजिटल कॉन्टेट प्रोड्यूसर हैं। दैनिक भास्कर, नवभारत टाइम्स, गांव कनेक्शन और एनबीटी डिजिटल के साथ पत्रकारिता में 9 साल का अनुभव। पॉलिटिक्स से लेकर, स्पोर्ट्स, हेल्थ, वुमन, वाइल्डलाइफ और एंटरटेनमेंट में रुचि। पत्रकारिता में नए प्रयोगों के साथ सीखने की ललक।... और पढ़ें

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