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सूखे बुंदेलखंड की बुझेगी प्यास, 3000 करोड़ की लागत से पंचनद पर बनेगा बैराज

जालौन में मौजूद पांच नदियों का संगम किसानों के लिए वरदान बनेगा। शासन से 3 हजार करोड़ की लागत से बैराज निर्माण को मंजूरी मिल गई है। राष्ट्रपति और यूपी के मुख्यमंत्री से शिलान्यास भी मिला है। इससे किसानों की आय में वृद्धि होगी और बेरोजगार युवाओं को मिलेगा रोजगार।

Edited byविवेक मिश्रा | Lipi 14 Sep 2021, 4:50 pm

हाइलाइट्स

  • पंचनद देश का ऐसा स्थल है, जहां पर पांच नदियों का संगम होता है
  • यमुना, चंबल, सिंध, क्वारी और पहुंज यहां आकर मिलती हैं
  • माधौगढ़ से मौजूदा विधायक और जिला प्रशासन ने शासन को प्रस्ताव भेजा और यहां बैराज बनाने की मंजूरी मिल गई
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नवभारतटाइम्स.कॉम afp_1502517218
विशाल वर्मा, जालौन
उत्तर प्रदेश के जालौन में मौजूद पंचनद स्थल का पौराणिक महत्व है। पंचनद देश का ऐसा स्थल है, जहां पर पांच नदियों का संगम होता है, इसीलिए यहां के महत्व और किसानों की समस्या को समझते हुए देश के राष्ट्रपति और सूबे के मुखिया ने यहां 3000 करोड़ की लागत से बैराज बनाने की मंजूरी दी है।
जालौन के माधौगढ़ क्षेत्र में मौजूद पांच नदियों का संगम 'पंचनद' प्रकृति का अनूठा उपहार है। देश के कई राज्यों से होकर गुजरने वाली पांच नदियां यमुना, चंबल, सिंध, क्वारी और पहुंज यहां आकर मिलती हैं। पांच नदियों का संगम तो दुनिया में कहीं नहीं है। शायद इसीलिए पंचनद को महा तीर्थराज के नाम से जाना जाता हैं। वहीं, माधौगढ़ से मौजूदा विधायक और जिला प्रशासन ने शासन को प्रस्ताव भेजा और यहां बैराज बनाने की मंजूरी मिल गई है। जल्द ही शिलान्यास किया जाएगा।

देश की पांच नदियों के एकमात्र संगम स्थल पंचनद और माधौगढ़ की ऐतिहासिक संस्कृति को विश्वपटल पर लाने की कवायद शुरू हो गई है। इसकी शुरुआत पंचनद में बनने जा रहे बैराज से होगी। बैराज के निर्माण होने से सूखे बुंदेलखंड के साथ कई किसानों की प्यास बुझ जाएगी। मुख्य उद्देश्य न सिर्फ बुंदेलखंड, बल्कि पूरे विश्व को यहां की संस्कृति से अवगत कराना है। पंचनद दुनिया का इकलौता स्थान है। जहां पांच नदियों का संगम होता हैं।


विधायक ने कहा- अन्य जिलों के किसानों को मिलेगा लाभ
माधौगढ़ सीट से विधायक मूलचंद निरंजन ने कहा कि नदियों के संगम पंचनद पर बैराज बनने की स्वीकृति से सीमावर्ती इलाकों के ग्रामीणों में खुशी है। परियोजना पर 3000 करोड़ रुपये की लागत आएगी। परियोजना पूरी होने पर जालौन, इटावा, औरैया, कानपुर देहात की हजारों हेक्टेयर भूमि को सिंचित किए जाने के लिए नहरें निकाली जाएंगी। जिससे यहां कृषि क्रांति के साथ पर्यटन के साथ इंडस्ट्री का उद्योग विकास होगा। यहां के युवाओं को रोजगार नए अवसर प्राप्त होंगे। सिंचाई के पानी की समस्या का निदान होने से यहां के किसानों की आर्थिक समृद्धि में इजाफा होगा। भूगर्भीय जलस्तर स्तर बढ़ने से पेयजल संकट का स्थायी समाधान भी निकलेगा।

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जालौन की जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने बताया कि बुंदेलखंड में पानी की समस्या को देखते हुए सरकार द्वारा यहां पंचनद पर बैराज की मंजूरी मिली है। यह वरदान साबित होगा और जल्द इसका शिलान्यास किया जाएगा। बुंदेलखंड में इसका निर्माण होने औद्योगिक क्षेत्र का विकास होगा। जिससे यहां के युवाओं को रोजगार मिलेगा। इसके साथ ही किसानों की आय में वृद्धि होगी और यहां के किसान समृद्ध होंगे।
लेखक के बारे में
विवेक मिश्रा
जन्मस्थली बाराबंकी है और कर्मस्थली तीन राज्य के कई शहर रहे हैं। 2013 में प्रिंट मीडिया से करियर की शुरुआत की। मप्र जनसंदेश, पत्रिका, हिंदुस्तान, अमर उजाला, दैनिक जागरण होते हुए नवभारत टाइम्स के साथ डिजिटल मीडिया में कदम रखा।... और पढ़ें

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