पीलीभीत
आबादी की ओर शिकार की तलाश में आ रहे बाघ का सामना सांड से हो गया। बाघ ने सांड को मारने के लिए जब झपट्टा मारा तो सांड भी उस पर हमलावर हो गया। गेंहू के खेत में सांड और बाघ की खूब जंग हुई। अंत में सांड की फुर्ती और उसके नुकीले सींगों के आगे बाघ हार मानकर भाग गया।
यह दृश्य था उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले का जहां आजकल बाघ का आतंक आबादी में छाया हुआ है। बाघ और सांड के बीच हुई इस लड़ाई में सांड बुरी तरह जख्मी हो गया है। जिसका इलाज कराया जा रहा है। वन विभाग ने गांव वालों को सतर्क रहने की हिदायत दी है। घटना के बाद बाघ की दहशत कायम है।
गजरौला क्षेत्र के गांव पंडरी में रविवार की सुबह यह घटना हुई। गांव के आसपास बाघ की कई दिनों से लोकेशन देखी जा रही है। इसके बाद भी वन विभाग की टीम कुछ नहीं कर रही है। रविवार सुबह खेत से निकलकर बाघ आबादी की ओर शिकार के लिए आ रहा था।
कुछ दूरी पर गेंहू के खेत में सांड खड़ा था। बाघ ने सांड पर ही हमला बोल दिया और उसे गिराने का प्रयास किया। सांड भी पीछे हटने को तैयार नहीं था और उसने बाघ से मोर्चा संभाल लिया। काफी देर तक गेंहू के खेत में बाघ के साथ सांड की जंग होती रही। अंत में खुद को हारा मानकर बाघ गन्ने के खेत में चला गया।
सांड के साथ हुई घटना की जानकारी होने पर ग्रामीणों ने इसकी वन विभाग को सूचना दी। सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण लाठी-डंडे लेकर खेत पर पहुंच गए। वन विभाग की टीम भी मौके पर पहुंची और बाघ को तलाश किया लेकिन पता नहीं चल सका। टीम ने बाघ के पगमार्क ट्रेस करने के बाद ग्रामीणों को सतर्क रहने की बात कही है।
आबादी की ओर शिकार की तलाश में आ रहे बाघ का सामना सांड से हो गया। बाघ ने सांड को मारने के लिए जब झपट्टा मारा तो सांड भी उस पर हमलावर हो गया। गेंहू के खेत में सांड और बाघ की खूब जंग हुई। अंत में सांड की फुर्ती और उसके नुकीले सींगों के आगे बाघ हार मानकर भाग गया।
यह दृश्य था उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले का जहां आजकल बाघ का आतंक आबादी में छाया हुआ है। बाघ और सांड के बीच हुई इस लड़ाई में सांड बुरी तरह जख्मी हो गया है। जिसका इलाज कराया जा रहा है। वन विभाग ने गांव वालों को सतर्क रहने की हिदायत दी है। घटना के बाद बाघ की दहशत कायम है।
गजरौला क्षेत्र के गांव पंडरी में रविवार की सुबह यह घटना हुई। गांव के आसपास बाघ की कई दिनों से लोकेशन देखी जा रही है। इसके बाद भी वन विभाग की टीम कुछ नहीं कर रही है। रविवार सुबह खेत से निकलकर बाघ आबादी की ओर शिकार के लिए आ रहा था।
कुछ दूरी पर गेंहू के खेत में सांड खड़ा था। बाघ ने सांड पर ही हमला बोल दिया और उसे गिराने का प्रयास किया। सांड भी पीछे हटने को तैयार नहीं था और उसने बाघ से मोर्चा संभाल लिया। काफी देर तक गेंहू के खेत में बाघ के साथ सांड की जंग होती रही। अंत में खुद को हारा मानकर बाघ गन्ने के खेत में चला गया।
सांड के साथ हुई घटना की जानकारी होने पर ग्रामीणों ने इसकी वन विभाग को सूचना दी। सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण लाठी-डंडे लेकर खेत पर पहुंच गए। वन विभाग की टीम भी मौके पर पहुंची और बाघ को तलाश किया लेकिन पता नहीं चल सका। टीम ने बाघ के पगमार्क ट्रेस करने के बाद ग्रामीणों को सतर्क रहने की बात कही है।