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राहुल-प्रियंका से मुलाकात के लिए भूख हड़ताल पर बैठे कांग्रेसी शिवकुमार, कांग्रेस के 'उद्धार' का बताना चाहते हैं प्लान

हरदोई के शिवकुमार कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी,पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी व प्रियंका गांधी से मिलबे के लिए भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं। शिवकुमार का कहना है कि वे कांग्रेस के भविष्य को लेकर चिंतित हैं और इसी लिए पार्टी के नेताओं को सलाह देना चाहते हैं लेकिन उनकी बात कोई नहीं सुन रहा मजबूरन वे भूख हड़ताल पर बैठने के लिए विवश हैं।

Lipi 4 Sep 2021, 10:57 am
सुधांशु मिश्र, हरदोई
नवभारतटाइम्स.कॉम धरने पर बैठ ​शिवकुमार​
धरने पर बैठ शिवकुमार

उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले की कोतवाली शहर के मुहल्ला मन्ना पुरवा के रहने वाले शिवकुमार कांग्रेस पार्टी के भविष्य को लेकर चिंतित हैं और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी से मुलाकात करने के लिए कलेक्ट्रट प्रांगण में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे हैं। शिवकुमार ने कहा कि जब तक उनकी मुलाकात नहीं कराई जाएगी तब तक वह अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर रहेंगे।

शिवकुमार ने बताया कि वे जन्मजात कांग्रेसी हैं। साल 1952 में ठाकुर महेश प्रसाद सिंह रारा पिहानी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीते थे, तब उनके पिता उनका कामकाज देखते थे। इसके बाद कई विधायकों के साथ उनके पिता पार्टी की सेवा में लगे रहे। इसी दौरान उन्होंने भी अपने पिता के साथ कांग्रेस के लिए काम करना शुरू किया।

पार्टी के भविष्य को लेकर हैं चिंतित

शिवकुमार ने बताया कि पार्टी के भविष्य को लेकर वह बहुत चिंतित हैं और पार्टी नेताओं से मिलकर उन्हें कांग्रेस कैसे मजबूत हो यह बताना चाहते हैं। इसी को लेकर उन्होंने 18 अगस्त को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी को एक पत्र भेजकर उनसे मिलने की इच्छा जताई थी लेकिन अभी तक किसी भी नेता का कोई जवाब नहीं आया इसलिए वह भूख हड़ताल पर बैठ गए। उन्होंने बताया कि जब तक उनसे सोनिया, राहुल या प्रियंका नहीं मिलेंगीं, तब तक वे भूख हड़ताल पर बैठे रहेंगे।

इंदिरा से लेकर राजीव तक के संस्मरण हैं याद

शिव कुमार ने बताया कि साल 1967 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी कानूनगो ट्रेनिंग सेंटर पर आई थीं। तब उनके खेत से गन्ना मंगाया गया था। प्रधानमंत्री राजीव गांधी जब लखनऊ से हरदोई आए थे तब उनके पिता ने गांव वालों को राजीव गांधी से मिलवाया था। मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी भी शिव कुमार के पिता के खास रह चुके हैं।

चौदह चुनाव लड़े पर नहीं मिला पार्टी का टिकट
शिवकुमार ने बताया कि उन्होंने पत्र के माध्यम से कई बार कांग्रेस की स्थिति को पार्टी के बड़े नेताओं को अवगत कराया लेकिन आज तक कोई जवाब नहीं दिया गया। उन्होंने बताया कि कांग्रेस में पूरा जीवन बिताने के बाद भी उनको पार्टी ने कभी टिकट नहीं दिया। इससे उनको निर्दलीय चुनाव लड़ना पड़ा। शिव कुमार ने बताया कि वह पांच बार विधानसभा, तीन बार लोकसभा, तीन बार जिला पंचायत, तीन बार प्रधान पद सहित कुल 14 चुनाव लड़ चुके हैं।

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