चंदौली
किसी समय चंदौली जिले के नक्सल प्रभावित नौगढ़ में आतंक का पर्याय मानी जाने वाली बासमती कोल की नौगढ़ के जंगल में खून से सनी लाश मिली है। बासमती को प्रदेश की पूर्व सरकार ने महिला आयोग का सदस्य भी मनोनीत किया था।
बासमती के लाश मिलने की खबर फैलते ही इलाके में हड़कंप मच गया। भारी फोर्स मौके पर तैनात करने के साथ पोस्टमॉर्टम के लिए पुलिस ने भेज दिया। वहीं पूर्व नक्सली बासमती के साथ जीवन बिताने वाले काशीनाथ कोल को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया है।
पुलिस उपाधीक्षक नक्सल बेल्ट नीरज सिंह के मुताबिक नौगढ़ में बीती रात तेंदुआन जंगल स्थित उसकी झोपड़ी में उसके साथ जीवनयापन करने वाले काशीनाथ कोल के साथ मारपीट हुई। मारपीट के दौरान लाठी से बासमती के सिर पर गंभीर चोट लग गई, शुक्रवार की सुबह स्थानीय लोगों ने खून से सनी उसकी लाश जमीन पर पड़ी हुई देखी तो खबर आग की तरह इलाके में फैल गई। घटना के चश्मदीद युवक से पूछताछ जारी है, शव को पोस्टमार्टम हेतु सुरक्षा व्यवस्था के बीच जिला संयुक्त चिकित्सालय चकिया भेज दिया गया है।
पुलिस उपाधीक्षक ने बताया कि पुलिस के रेकॉर्ड में कोई आपराधिक इतिहास बासमती का नहीं था, लेकिन नक्सल गतिविधियों में यह संलिप्त थी। सन् 1998 में इसने सरेंडर किया था। राजकुमार कोल जो इसका पति था उससे इसके संबंध काफी दिनों से ठीक नहीं थे। लिहाजा यह काशीनाथ कोल के साथ खेती-बाड़ी कर जीवन यापन करती थी। पुलिस को बासमती कोल की बहन द्वारा मिली तहरीर के आधार पर पुलिस ने काशीनाथ कोल को हत्या का मुलजिम मानते हुए गिरफ्तार कर लिया है।
बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने नक्सलवाद को कम करने के लिए हार्डकोर नक्सली को एक चुनावी सभा के दौरान अपनी दत्तक पुत्री बताया था। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सरकार में इन्हें महिला आयोग का सदस्य भी नामित किया गया था।
किसी समय चंदौली जिले के नक्सल प्रभावित नौगढ़ में आतंक का पर्याय मानी जाने वाली बासमती कोल की नौगढ़ के जंगल में खून से सनी लाश मिली है। बासमती को प्रदेश की पूर्व सरकार ने महिला आयोग का सदस्य भी मनोनीत किया था।
बासमती के लाश मिलने की खबर फैलते ही इलाके में हड़कंप मच गया। भारी फोर्स मौके पर तैनात करने के साथ पोस्टमॉर्टम के लिए पुलिस ने भेज दिया। वहीं पूर्व नक्सली बासमती के साथ जीवन बिताने वाले काशीनाथ कोल को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया है।
पुलिस उपाधीक्षक नक्सल बेल्ट नीरज सिंह के मुताबिक नौगढ़ में बीती रात तेंदुआन जंगल स्थित उसकी झोपड़ी में उसके साथ जीवनयापन करने वाले काशीनाथ कोल के साथ मारपीट हुई। मारपीट के दौरान लाठी से बासमती के सिर पर गंभीर चोट लग गई, शुक्रवार की सुबह स्थानीय लोगों ने खून से सनी उसकी लाश जमीन पर पड़ी हुई देखी तो खबर आग की तरह इलाके में फैल गई। घटना के चश्मदीद युवक से पूछताछ जारी है, शव को पोस्टमार्टम हेतु सुरक्षा व्यवस्था के बीच जिला संयुक्त चिकित्सालय चकिया भेज दिया गया है।
पुलिस उपाधीक्षक ने बताया कि पुलिस के रेकॉर्ड में कोई आपराधिक इतिहास बासमती का नहीं था, लेकिन नक्सल गतिविधियों में यह संलिप्त थी। सन् 1998 में इसने सरेंडर किया था। राजकुमार कोल जो इसका पति था उससे इसके संबंध काफी दिनों से ठीक नहीं थे। लिहाजा यह काशीनाथ कोल के साथ खेती-बाड़ी कर जीवन यापन करती थी। पुलिस को बासमती कोल की बहन द्वारा मिली तहरीर के आधार पर पुलिस ने काशीनाथ कोल को हत्या का मुलजिम मानते हुए गिरफ्तार कर लिया है।
बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने नक्सलवाद को कम करने के लिए हार्डकोर नक्सली को एक चुनावी सभा के दौरान अपनी दत्तक पुत्री बताया था। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सरकार में इन्हें महिला आयोग का सदस्य भी नामित किया गया था।