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सुलतानपुर की कोर्ट में क्‍यों पेश हुए दिल्‍ली के CM केजरीवाल? समझिए, पूरा मामला

साल 2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान गौरीगंज एवं मुसाफिरखाना थाने में तत्कालीन आप लोकसभा प्रत्याशी कुमार विश्वास के प्रचार के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था।

guest Asghar-Naqui | Lipi 25 Oct 2021, 5:44 pm

हाइलाइट्स

  • एक अन्य मुकदमे में 3 नवंबर को कोर्ट सुनवाई करेगी
  • साल 2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान दर्ज हुआ था मुकदमा
  • गौरीगंज एवं मुसाफिरखाना थाने में किया गया था केस
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असगर, सुलतानपुर
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (arvind kejriwal) सोमवार को सुलतानपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट में हाजिर हुए। सात साल पहले आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन समेत अन्य आरोपों में दर्ज दो केसों में कोर्ट ने केजरीवाल को जमानत दे दी।
3 नवंबर को होगी सुनवाई
केजरीवाल के वकील मदन सिंह ने बताया कि गौरीगंज और मुसाफिरखाना में केस दर्ज हुआ था। अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में एक रिट दायर की थी। उसमें व्यक्तिगत रूप से उन्हें यहां उपस्थित रहने से छूट मिली हुई थी, लेकिन जिम्मेदार नागरिक होने के नाते मुकदमे की प्रोसीडिंग में जल्दी हो, इसलिए स्वेच्छा से सीएम सोमवार को कोर्ट में हाजिर हुए। उन्होंने जमानत के लिए आवेदन किया। जिसे कोर्ट ने मंजूर कर दी। गौरीगंज में दर्ज मुकदमे में आरोप तय हुआ है। दूसरे मुकदमे में डिस्चार्ज एप्लीकेशन दी है। उसमें 3 नवंबर को कोर्ट सुनवाई करेगी। वहीं, कुमार विश्वास की ओर से मुकदमा वापस लेने की दी गई अर्जी कोर्ट ने खारिज कर दी है।

यह है पूरा मामला
साल 2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान गौरीगंज एवं मुसाफिरखाना थाने में तत्कालीन आप लोकसभा प्रत्याशी कुमार विश्वास के प्रचार के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। गौरीगंज से जुड़े मामले में पुलिस ने अरविंद केजरीवाल, कुमार विश्वास, हरीकृष्ण, राकेश तिवारी अजय सिंह, बब्लू तिवारी के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है।

मामला एमपी-एमएलए की विशेष अदालत में चल रहा है। अरविंद केजरीवाल और कुमार विश्वास की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। जिस पर सुनवाई के पश्चात सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अग्रिम आदेश तक हाजिरी से छूट प्रदान की थी। सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका करीब छह वर्षों से विचारधीन है। अभियोजन की तरफ से पैरवी में कोई रुचि ही नहीं ली जा रही थी। जिसका नतीजा है कि मुकदमे की कार्यवाही काफी समय से लंबित है।

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अभियोजन की इसी ढिलाई की वजह से लांबित सुनवाई के मद्देनजर कोर्ट ने विशेष लोक अभियोजक के माध्यम से डीएम को पत्र भेजकर शासन स्तर पर इस मुकदमे की सुप्रीम कोर्ट में पैरवी करने के लिए भी कहा था।

मामले में गैर हाजिर रहने की वजह न बताने के कारण कोर्ट ने बीती पेशियों पर कुमार विश्वास के खिलाफ बी-डब्ल्यू वारंट जारी करने का भी आदेश दिया था। जिस पर उनकी तरफ से पैरवी कर रहे वकील कई पेशियों से सुप्रीम कोर्ट में याचिका पेंडिंग होने का हवाला देकर जारी वारंट संबंधी आदेश निरस्त कराने के प्रयास में लगे हुए हैं। अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है। उधर सुप्रीम कोर्ट में याचिका पेंडिंग होने और हाजिरी पर राहत मिलने की वजह से अब तक सीएम अरविंद केजरीवाल भी कोर्ट में हाजिर होने से बचे रहे।
लेखक के बारे में
विवेक मिश्रा
जन्मस्थली बाराबंकी है और कर्मस्थली तीन राज्य के कई शहर रहे हैं। 2013 में प्रिंट मीडिया से करियर की शुरुआत की। मप्र जनसंदेश, पत्रिका, हिंदुस्तान, अमर उजाला, दैनिक जागरण होते हुए नवभारत टाइम्स के साथ डिजिटल मीडिया में कदम रखा।... और पढ़ें

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