ऐपशहर

कोरोना: नैमिषारण्य के मंदिरों में नहीं पहुंच रहे श्रद्धालु, पुरोहितों के सामने आर्थिक संकट

नैमिषारण्य में श्रद्धालु मुंडन संस्कार और अन्य पौराणिक कार्य करते हैं जिसमें फूल-माला और प्रसाद का कार्य होता है, लेकिन कोरोना के चलते यहां श्रद्धालु नहीं आए।

Lipi 7 Jul 2020, 1:15 am
सीतापुर
नवभारतटाइम्स.कॉम नैमिषारण्‍य के मंदिर
नैमिषारण्‍य के मंदिर

उत्तर प्रदेश के सीतापुर स्थित 88 हजार ऋषियों की तपोभूमि स्थली नैमिषारण्य में इस वक्‍त मंदिरों के पुजारियों, माली और प्रसाद वितरकों के सामने आर्थिक संकट आ गया है। नैमिषारण्य के अधिकांश लोगों की आजीविका का साधन यहां पर आने वाले श्रद्धालु ही हैं। कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन के बाद श्रद्धालु यहां आने से गुरेज कर रहे हैं।

नैमिषारण्य में मां ललिता देवी, हनुमान गढ़ी, महर्षि वेद व्यास गद्दी, कालीपीठ, भतेश्वर नाथ मंदिर, देवदेवेश्वर मंदिर सहित रुद्रावर्त मंदिर हैं। यहां माह की प्रत्येक अमावस्या, सोमवती अमावस्या और नवरात्रि में लाखों श्रद्धालुओं का मेला लगता है। इन श्रद्धालुओं के माध्यम से ही यहां मंदिर के पुजारी समेत प्रसाद वितरक और मालियों की जीविका का जीवकोपार्जन होता है। ललिता देवी मंदिर के पुजारी चुन्ना लाल का कहना है कि वैश्चिक महामारी कोरोना के चलते लॉकडाउन होने के चलते यहां श्रद्धालुओं के आने पर ब्रेक लग गया। मंदिर के पुजारियों को उम्मीद है कि जल्द ही ईश्वर इस समस्या को खत्म कर देंगे।

प्रसाद वितरक श्रीमाली का कहना है कि नैमिषारण्य में श्रद्धालु मुंडन संस्कार और अन्य पौराणिक कार्य करते हैं जिसमे फूल माला और प्रसाद का कार्य होता हैं लेकिन कोरोना के चलते यहां श्रद्धालु नही आए। अब अनलॉक होने के बाद भी मंदिरों में कुछ चढ़ावा नही होता तो हम लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा हैं। नैमिषारण्य में आने वाले श्रद्धालुओं द्वारा दी गई दान से मंदिर और पुरोहितों का जीविका चलती है, लेकिन कोरोना ने लोगों की कमर तोड़ दी है।

अगला लेख

Stateकी ताजा खबरें, ब्रेकिंग न्यूज, अनकही और सच्ची कहानियां, सिर्फ खबरें नहीं उसका विश्लेषण भी। इन सब की जानकारी, सबसे पहले और सबसे सटीक हिंदी में देश के सबसे लोकप्रिय, सबसे भरोसेमंद Hindi Newsडिजिटल प्लेटफ़ॉर्म नवभारत टाइम्स पर
ट्रेंडिंग