बदायूं: उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में बुधवार को एसएससी दफ्तर के गेट पर खुद को आग लगाकर आत्मदाह करने की कोशिश करने वाले किसान की गुरुवार सुबह मौत हो गई। एसएसपी इस मामले में पांच पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर चुके हैं। आईजी बरेली रमित शर्मा के मुताबिक, एसपी सिटी की अगुवाई में जांच के लिए एसआईटी गठित की गई है। सात लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। बदायूं के गांव रसूलपुर निवासी किसान किशनपाल की गेहूं की फसल दबंगों ने जला दी थी। किशनपाल ठेके पर जमीन लेकर खेती करता था। 23 अप्रैल को गेहूं काटकर खेत में ही रखे थे। इसी दौरान उसमें फसल में आग लग गई थी। 24 अप्रैल को किसान ने गांव के ही रवींद्र और उसके परिजनों पर फसल को जलाने का आरोप लगाया था, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। उल्टे आरोपियों ने किशनपाल की पिटाई कर दी थी।
शिकायत पर पुलिस ने उल्टा पीड़ित पर दर्ज कर लिया मुकदमा
25 अप्रैल को पुलिस ने रविंद्र समेत उसके पक्ष के रामअवतार, ओमेंद्र, रामेंद्र, श्रीराम, विवेक, ओमवीर व देवेंद्र के खिलाफ मारपीट-बलवा का मुकदमा दर्ज किया था। 26 अप्रैल को किशनपाल, उसकी पत्नी व दोनों बेटों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कर ली गई, लेकिन आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की थी। 20 दिन तक सुनवाई नहीं होने पर 18 मई को किसान ने बदायूं एसएसपी के ऑफिस पर आत्मदाह की कोशिश की थी। किसान को पुलिस वालों ने बचाया था। एक सिपाही के हाथ झुलस गए। किसान बरेली के अस्पताल में भर्ती थी। डॉक्टरों ने गुरुवार को मृत घोषित कर दिया।
शिकायत पर पुलिस ने उल्टा पीड़ित पर दर्ज कर लिया मुकदमा
25 अप्रैल को पुलिस ने रविंद्र समेत उसके पक्ष के रामअवतार, ओमेंद्र, रामेंद्र, श्रीराम, विवेक, ओमवीर व देवेंद्र के खिलाफ मारपीट-बलवा का मुकदमा दर्ज किया था। 26 अप्रैल को किशनपाल, उसकी पत्नी व दोनों बेटों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कर ली गई, लेकिन आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की थी। 20 दिन तक सुनवाई नहीं होने पर 18 मई को किसान ने बदायूं एसएसपी के ऑफिस पर आत्मदाह की कोशिश की थी। किसान को पुलिस वालों ने बचाया था। एक सिपाही के हाथ झुलस गए। किसान बरेली के अस्पताल में भर्ती थी। डॉक्टरों ने गुरुवार को मृत घोषित कर दिया।