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खतरे के निशान से ऊपर बह रही घाघरा, कई गांव डूबे

जिले में घाघरा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ता जा रहा है। जिला प्रशासन के अनुसार बुधवार शाम तक जलस्तर खतरे के निशान से 23 सेमी ऊपर पहुंच गया। इसके साथ ही एल्गिन ब्रिज-चरसड़ी तटबंध के कटे हिस्से के आसपास के गांवों में स्थिति बद से बदतर हो गई है।

नवभारत टाइम्स 13 Jul 2017, 10:41 am
बाराबंकी
नवभारतटाइम्स.कॉम ​सांकेतिक छवि
सांकेतिक छवि

जिले में घाघरा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ता जा रहा है। जिला प्रशासन के अनुसार बुधवार शाम तक जलस्तर खतरे के निशान से 23 सेमी ऊपर पहुंच गया। इसके साथ ही एल्गिन ब्रिज-चरसड़ी तटबंध के कटे हिस्से के आसपास के गांवों में स्थिति बद से बदतर हो गई है।

जिले में घाघरा नदी का खतरे का निशान 106.007 मीटर पर है, जो रात आठ बजे तक 106.298 मीटर पहुंच चुका था। चरसड़ी तटबंध के कटे हिस्से के आसपास के गांव मांझा रायपुर, परसावल, कमियार, नैपुरा तथा नाउनपुर के कई इलाकों में नदी का पानी दो से ढाई मीटर तक भर चुका है। कटे तटबंध से नदी का पानी सीधे गांवों में पहुंचने से जलस्तर तेजी से बढ़ता जा रहा है। इससे कई कच्चे घर पानी में समा चुके हैं। प्रभावित गांव से लोगों को हटाया जा चुका है। आसपास के गांव भी तेजी से बढ़ते जलस्तर से चिंतित हैं।

ग्रामीणों का आरोप है कि जिला प्रशासन की तरफ से दिया गया तिरपाल बारिश में बेकार साबित हो रहा है। रात के समय रोशनी समेत अन्य पर्याप्त इंतजाम न होने से रात में कीड़ों का भी खरता मंडरा रहा है और मवेशियों को खाने तक का चारा नहीं मिल पा रहा। उधर, एडीएम अनिल कुमार सिंह ने दावा किया है कि प्रभावित परिवारों को खाने के सामान के साथ ही हर संभव मदद मुहैया करवाई जा रही है।

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