सीतापुर
उत्तर प्रदेश के सीतापुर की जिला जेल से पेशी पर आए एक बंदी ने दीवानी न्यायालय परिसर में सुरक्षा में लगे हेड कॉन्स्टेबल पर चाकुओं से हमला करके भागने का प्रयास किया। हेड कॉन्स्टेबल ने साहस का परिचय देते हुए घायल होने के बावजूद कैदी को पकड़ लिया। घायल सिपाही को उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनके सिर पर कैदी ने चाकुओं से वार किए।
जानकारी के अनुसार जिला कारागार में बंद कैदियों को दीवानी न्यायालय परिसर में बने लॉकअप से न्यायालय में पेशी पर ले जाने के लिए सिपाहियों की ड्यूटी लगाई जाती है। रोज की तरह बुधवार दोपहर को भी हेड कॉन्स्टेबल हरिलाल बंदी मुकेश मिश्रा पुत्र राजकुमार मिश्रा निवासी हरपालपुर थाना मछरेहटा को परिसर के लॉकअप से कोर्ट संख्या दो में पेशी पर लेकर गए थे।
हेड कॉन्स्टेबल के सिर पर चाकू से किया वार
पेशी के बाद जब दोनों वापस आने के लिए कोर्ट के पास बनी सीढ़ियां उतरने लगे तभी बंदी मुकेश ने हरिलाल को घक्का देकर भागने का प्रयास किया लेकिन असफल रहा। उसने पास मौजूद चाकू से हेड कॉन्स्टेबल हरिलाल के सिर पर ताबड़तोड़ कई वार किए और भागने लगा। घायल हरिलाल ने शोर मचाते हुए भाग रहे बंदी को फिर पकड़ लिया।
इस बार जब तक मुकेश भागने के लिए दोबारा प्रयास करते तब तक न्यायालय की सुरक्षा में लगे अन्य सिपाहियों ने मौके पर पहुंच कर मुकेश को पकड़ लिया और घायल हेड कॉन्स्टेबल को उपचार के लिए जिला अस्पताल भेजा। सीओ सिटी योगेन्द्र सिंह ने बताया कि बंदी मुकेश मिश्रा को वर्ष 2017 में धारा 302, 364 और 201 के तहत गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था, तब से वह जेल में ही बंद है। उसने भागने का प्रयास किया लेकिन बहादुर सिपाही ने घायल होते हुए भी उसे भागने नहीं दिया।
कहां से आया बंदी के पास चाकू?न्यायालय परिसर में जिला कारागार के बंदी द्वारा हेड कॉन्स्टेबल पर चाकुओं से जानलेवा हमला किए जाने से न्यायालय की सुरक्षा व्यवस्था पर प्रश्न चिह्न लग गए हैं। जिला कारागार से पेशी पर आने से पहले हर कैदी की तलाशी और पेशी से वापस लौटने पर फिर से हर कैदी की तलाशी ली जाती है। ऐसे में सवाल उठता है कि जब हमलावर मुकेश की पेशी पर आने से पहले तलाशी हुई थी तो उसके पास न्यायालय पहुंचते ही चाकू कहां से आ गया? इस बात सीओ सिटी योगेन्द्र सिंह बतातें है कि वास्तव में यह सुरक्षा में बड़ी चूक है, इसको गंभीरता से लिया गया है और जांच कराई जा रही है। अगर कोई कर्मचारी दोषी निकलता है तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
उत्तर प्रदेश के सीतापुर की जिला जेल से पेशी पर आए एक बंदी ने दीवानी न्यायालय परिसर में सुरक्षा में लगे हेड कॉन्स्टेबल पर चाकुओं से हमला करके भागने का प्रयास किया। हेड कॉन्स्टेबल ने साहस का परिचय देते हुए घायल होने के बावजूद कैदी को पकड़ लिया। घायल सिपाही को उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनके सिर पर कैदी ने चाकुओं से वार किए।
जानकारी के अनुसार जिला कारागार में बंद कैदियों को दीवानी न्यायालय परिसर में बने लॉकअप से न्यायालय में पेशी पर ले जाने के लिए सिपाहियों की ड्यूटी लगाई जाती है। रोज की तरह बुधवार दोपहर को भी हेड कॉन्स्टेबल हरिलाल बंदी मुकेश मिश्रा पुत्र राजकुमार मिश्रा निवासी हरपालपुर थाना मछरेहटा को परिसर के लॉकअप से कोर्ट संख्या दो में पेशी पर लेकर गए थे।
हेड कॉन्स्टेबल के सिर पर चाकू से किया वार
पेशी के बाद जब दोनों वापस आने के लिए कोर्ट के पास बनी सीढ़ियां उतरने लगे तभी बंदी मुकेश ने हरिलाल को घक्का देकर भागने का प्रयास किया लेकिन असफल रहा। उसने पास मौजूद चाकू से हेड कॉन्स्टेबल हरिलाल के सिर पर ताबड़तोड़ कई वार किए और भागने लगा। घायल हरिलाल ने शोर मचाते हुए भाग रहे बंदी को फिर पकड़ लिया।
इस बार जब तक मुकेश भागने के लिए दोबारा प्रयास करते तब तक न्यायालय की सुरक्षा में लगे अन्य सिपाहियों ने मौके पर पहुंच कर मुकेश को पकड़ लिया और घायल हेड कॉन्स्टेबल को उपचार के लिए जिला अस्पताल भेजा। सीओ सिटी योगेन्द्र सिंह ने बताया कि बंदी मुकेश मिश्रा को वर्ष 2017 में धारा 302, 364 और 201 के तहत गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था, तब से वह जेल में ही बंद है। उसने भागने का प्रयास किया लेकिन बहादुर सिपाही ने घायल होते हुए भी उसे भागने नहीं दिया।
कहां से आया बंदी के पास चाकू?न्यायालय परिसर में जिला कारागार के बंदी द्वारा हेड कॉन्स्टेबल पर चाकुओं से जानलेवा हमला किए जाने से न्यायालय की सुरक्षा व्यवस्था पर प्रश्न चिह्न लग गए हैं। जिला कारागार से पेशी पर आने से पहले हर कैदी की तलाशी और पेशी से वापस लौटने पर फिर से हर कैदी की तलाशी ली जाती है। ऐसे में सवाल उठता है कि जब हमलावर मुकेश की पेशी पर आने से पहले तलाशी हुई थी तो उसके पास न्यायालय पहुंचते ही चाकू कहां से आ गया? इस बात सीओ सिटी योगेन्द्र सिंह बतातें है कि वास्तव में यह सुरक्षा में बड़ी चूक है, इसको गंभीरता से लिया गया है और जांच कराई जा रही है। अगर कोई कर्मचारी दोषी निकलता है तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।