मीरजापुर
बच्चों को नमक-रोटी खिलाने के कारण सुर्खियों में आए यूपी के मीरजापुर जिले के प्राथमिक विद्यालय में गुरुवार को बच्चों का अघोषित बॉयकॉट दिखा। इस स्कूल में 97 बच्चे पढ़ते हैं लेकिन गुरुवार को सिर्फ सुखराम नामक बच्चा ही पढ़ने को आया। गांववालों का कहना है ग्राम प्रधान प्रतिनिधि राजकुमार पाल की गिरफ्तारी और पत्रकार पवन जायसवाल पर जिला प्रशासन द्वारा कराए गए मुकदमे के विरोध में बच्चों का यह बहिष्कार है।
बता दें कि गुरुवार को जमालपुर ब्लाक के शीउर स्थित इस प्राथमिक स्कूल में तैनात नए अध्यापकों के साथ शिक्षा मित्र भी आईं। क्लासरूम में अध्यापक सबेरे आठ बजे से दोपहर एक बजे तक बैठे रहे। पर, एक बच्चे को छोड़कर कोई भी पढ़ने नहीं आया। नमक-रोटी के लिए बदनाम हो गए इस प्राथमिक स्कूल में बच्चे भले ही नहीं आए लेकिन मिड-डे-मील में गुरुवार को बकायदा दाल-रोटी बनी। स्कूल का किचन खाने-पीने के सामानों से भरा दिखा।
मीरजापुर: वायरल विडियो से बदल गई स्कूल की तस्वीर
अब किचन में हरी सब्जियां और राशन का भंडार
किचन में अब ताजी हरी सब्जियां और राशन का भंडार लगा हुआ है। नए टॉइलट का निर्माण हो रहा है और स्कूल को बिजली कनेक्शन भी मिल गया है। गांव के लोग इसके लिए पत्रकार पवन जायसवाल का शुक्रिया अदा कर रहे हैं, जो नमक-रोटी की बात उजागर करके इसकी दशा बदलने का काम किया।
गांववालों ने कहा, जब तक न्याय नहीं, नहीं जाएंगे बच्चे
उधर, बच्चे स्कूल क्यों नहीं गए? इस सवाल को लेकर अभिभावकों ने कहा कि पत्रकार और प्रधान प्रतिनिधि को फंसाने का काम किया है। उनके साथ जब तक न्याय नहीं होता बच्चों का अघोषित बॉयकॉट चलता रहेगा। शीउर गांव के लोग पत्रकार का समर्थन कर रहे हैं। गांववालों का कहना है जिसने स्कूल की सच्चाई का खुलासा किया उसके खिलाफ केस क्यों?
97 में से सिर्फ एक बच्चा स्कूल पहुंचा
प्राथमिक विद्यालय शीउर में सिर्फ एक बच्चा पढ़ने आया जबकि 97 बच्चे पंजीकृत है। वहीं, बुधवार को 37 बच्चे पढ़ने आए थे। इस बारे में मीरजापुर कमिश्नर आनंद कुमार सिंह से जब फोन पर बात की गई तो उन्होंने इस घटना से अनभिज्ञता जाहिर की। सिंह ने कहा कि उन्हें अभी इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। सिंह ने यह जरूर कहा कि वह इसका पूरा ब्योरा लेंगे। उन्होंने करहा कि इस घटना को लेकर राजनीति करने वालों के मंसूबे सफल नहीं होंगे।
बच्चों को नमक-रोटी खिलाने के कारण सुर्खियों में आए यूपी के मीरजापुर जिले के प्राथमिक विद्यालय में गुरुवार को बच्चों का अघोषित बॉयकॉट दिखा। इस स्कूल में 97 बच्चे पढ़ते हैं लेकिन गुरुवार को सिर्फ सुखराम नामक बच्चा ही पढ़ने को आया। गांववालों का कहना है ग्राम प्रधान प्रतिनिधि राजकुमार पाल की गिरफ्तारी और पत्रकार पवन जायसवाल पर जिला प्रशासन द्वारा कराए गए मुकदमे के विरोध में बच्चों का यह बहिष्कार है।
बता दें कि गुरुवार को जमालपुर ब्लाक के शीउर स्थित इस प्राथमिक स्कूल में तैनात नए अध्यापकों के साथ शिक्षा मित्र भी आईं। क्लासरूम में अध्यापक सबेरे आठ बजे से दोपहर एक बजे तक बैठे रहे। पर, एक बच्चे को छोड़कर कोई भी पढ़ने नहीं आया। नमक-रोटी के लिए बदनाम हो गए इस प्राथमिक स्कूल में बच्चे भले ही नहीं आए लेकिन मिड-डे-मील में गुरुवार को बकायदा दाल-रोटी बनी। स्कूल का किचन खाने-पीने के सामानों से भरा दिखा।
मीरजापुर: वायरल विडियो से बदल गई स्कूल की तस्वीर
अब किचन में हरी सब्जियां और राशन का भंडार
किचन में अब ताजी हरी सब्जियां और राशन का भंडार लगा हुआ है। नए टॉइलट का निर्माण हो रहा है और स्कूल को बिजली कनेक्शन भी मिल गया है। गांव के लोग इसके लिए पत्रकार पवन जायसवाल का शुक्रिया अदा कर रहे हैं, जो नमक-रोटी की बात उजागर करके इसकी दशा बदलने का काम किया।
गांववालों ने कहा, जब तक न्याय नहीं, नहीं जाएंगे बच्चे
उधर, बच्चे स्कूल क्यों नहीं गए? इस सवाल को लेकर अभिभावकों ने कहा कि पत्रकार और प्रधान प्रतिनिधि को फंसाने का काम किया है। उनके साथ जब तक न्याय नहीं होता बच्चों का अघोषित बॉयकॉट चलता रहेगा। शीउर गांव के लोग पत्रकार का समर्थन कर रहे हैं। गांववालों का कहना है जिसने स्कूल की सच्चाई का खुलासा किया उसके खिलाफ केस क्यों?
97 में से सिर्फ एक बच्चा स्कूल पहुंचा
प्राथमिक विद्यालय शीउर में सिर्फ एक बच्चा पढ़ने आया जबकि 97 बच्चे पंजीकृत है। वहीं, बुधवार को 37 बच्चे पढ़ने आए थे। इस बारे में मीरजापुर कमिश्नर आनंद कुमार सिंह से जब फोन पर बात की गई तो उन्होंने इस घटना से अनभिज्ञता जाहिर की। सिंह ने कहा कि उन्हें अभी इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। सिंह ने यह जरूर कहा कि वह इसका पूरा ब्योरा लेंगे। उन्होंने करहा कि इस घटना को लेकर राजनीति करने वालों के मंसूबे सफल नहीं होंगे।