आर्म्स स्टोर से मिले खंजर
असलहाखाने के दरवाजे खुले और हथियारों का जखीरा देख लोगों के होश उड़ गए। यहां पुराने खंजर भी मिले हैं।
1000 से ज्यादा असलहों की हो चुकी गिनती
सर्वे के दो दिन में एक हजार से ज्यादा तलवारें, खंजर, भाले, पिस्टल, बंदूकें, रायफल गिनी गई हैं।
दीवारों के सहारे बंदूकों का ढेर
कभी रियासत रहे रामपुर के असलहाखाने में पुरानी बंदूकों का ढेर लगा हुआ था। लकड़ियों का कालापन उनके पुश्तैनी होने की गवाही दे रहा था।
बंटवारा होगा या म्यूजियम की बनेगी धरोहर?
इन हथियारों की गिनती पूरी होने के बाद कोर्ट तय करेगा कि इन एतिहासिक हथियारों का नबाव खानदान के वारिसों में बंटवारा होगा या फिर धरोहर किसी म्यूजियम की रौनक बनेगी।
छह देशों से मंगवाए हथियार भी मिले
जिला जज की अदालत के आदेश पर डीएम रामपुर आंजनेय कुमार सिंह की बनाई कमिटी एसडीएम, सीओ, शस्त्रों के जानकार राशिद खां, आमिर खां ने अधिवक्ता कमिश्नर मुजम्मिल हुसैन और सौरभ सक्सेना की मौजूदगी में आर्मरी के ताले खुलवाए। असलहाखाने से मिले हथियारों में कई विदेशी हैं। इनमें कई मशहूर देसी हथियार भी शामिल हैं।
सर्वे के दौरान ये लोग भी थे मौजूद
सर्वे के दौरान नवाब खानदान की पूर्व सांसद बेगम नूरबानो, पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां, पूर्व राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद की बहू नवाबजादी सबा दुर्रेज अहमद, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्य न्यायाधीश बदर दुर्रेज अहमद के बेटे जुलनूर अहमद निगहत आब्दी मौजूद रहे।
ज्यादातर बंदूकों की लकड़ियों में लग गई दीमक
असलहाखाने में कुछ बंदूकें डिब्बों में बंद चमचमाती हालत में भी मिलीं। वहीं, कुछ बंदूकों की लकड़ियों में दीमक भी लग चुकी है।