ऐपशहर

आरिफ की तरह अफरोज के 'स्वीटी' सारस को भी वन विभाग ने लिया कब्जे में, कार्रवाई की भी लटकी तलवार

अमेठी के आरिफ और सारस की दोस्ती के बाद सुल्तानपुर के अफरोज का भी एक मामला सामने आया है, जहां एक सारस उनके साथ परिवार के सदस्य की तरह रहता है। अफरोज ने अपने सारस को स्वीटी नाम दिया है।

Edited byराघवेंद्र शुक्ला | नवभारत टाइम्स 29 Mar 2023, 9:02 am
सुलतानपुर: उत्तर प्रदेश के अमेठी के जामो थाना क्षेत्र तहत मुंडका गांव निवासी मोहम्मद आरिफ और सारस की दोस्ती सुर्खियों में आने के बाद अब सुलतानपुर में सारस और अफरोज की दोस्ती के चर्चे हैं। मामला सामने आने के बाद वन विभाग की टीम ने सारस को अपने कब्जे में लेकर अफरोज पर कार्रवाई की बात कर रहा है। आरिफ की तरह अफरोज के पास 6 महीनों से सारस रह रहा है। घर के सदस्यों के साथ खाना पीना और घूमता है। अफरोज ने अपने सारस को प्यारा नाम स्वीटी दिया है।
नवभारतटाइम्स.कॉम सारस के साथ अफरोज
सारस के साथ अफरोज


अफरोज ने बताया कि छह माह पहले उसके बड़े भाई मेराज अपने मित्र के मत्स्य पालन के तालाब के पास से इस सारस को घर ले आए थे। तब सारस की उम्र मात्र डेढ़ महीने थी। धीरे-धीरे यह परिवार का हिस्सा बन गया है। अफरोज के पिता मो. शफीक उर्फ नेपाली ने 2019 में एक सारस पाला था। जोकि पूरे परिवार से घुला मिला हुआ था। गांव और आस-पड़ोस के लोग इसे नेपाली के सारस के नाम से जानते थे। घरवालों ने इस सारस का नाम भी स्वीटी रखा था लेकिन 2022 में अचानक सोनबरसा गांव के पास करंट की चपेट में आ जाने से सारस की मृत्यु हो गई।

सारस की मृत्यु से उसके पिता को गहरा सदमा पहुंचा और उन्हें हार्ट अटैक आ गया, जिससे उनका लंबा इलाज चला है। नया सारस मिला तो उसका नाम भी स्वीटी रखा। नए सारस के आने से उसके पिता खुश हैं। अफरोज नेपाली ने कहा कि मुझे आरिफ भाई और सारस की दोस्ती के बारे में पता चला था। यूट्यूब चैनल से कमाई के चक्कर में उन्हें अपने दोस्त से अलग कर दिया। हम उससे कोई प्रचार या कमाई नहीं करना चाहते हैं। डीएफओ ने बताया कि उन्हें अफरोज के सारस की जानकारी सोशल मीडिया से मिली, जिसके बाद वन प्रभागीय टीम से छतौना पहुचकर सारस को अपने कब्जे में लिया है। उच्च अधिकारियों के आदेश पर सारस को पालने वाले अफरोज पर कार्रवाई की जाएगी।

सारस को देखने कानपुर जू पहुंचे अखिलेश
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव मंगलवार को अचानक अमेठी के आरिफ के साथ सारस से मिलने जू पहुंच गए। वे जू में पृथकवास में बंद सारस से मिल तो नहीं सके, लेकिन सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से उन्होंने सारस को देखा। अखिलेश ने कहा कि आरिफ ने सारस की जान बचाई। दोनों में दोस्ती हो गई। इस मामले में जानकारों को मदद करनी चाहिए थी, लेकिन सारस की आजादी छीन ली गई। कोई कानून नहीं कहता कि सारस की आजादी छीन ली जाए। इसके पहले राष्ट्रवादी खटिक विकास समिति के कार्यक्रम में अखिलेश ने कहा कि वह इरफान से मिलने चले गए तो उसे महाराजगंज जेल भेज दिया गया। सारस से मिलने गए तो उसे चिड़ियाघर भेज दिया गया। अब लगता है कि अन्याय करने वाले बड़े अधिकारियों से मिलने जाना पड़ेगा।
लेखक के बारे में
राघवेंद्र शुक्ला
राघवेंद्र शुक्ल ने लिखने-पढ़ने की अपनी अभिरुचि के चलते पत्रकारिता का रास्ता चुना। नई दिल्ली के भारतीय जनसंचार संस्थान से पत्रकारिता में डिप्लोमा हासिल करने के बाद जुलाई 2017 में जनसत्ता में बतौर ट्रेनी सब एडिटर दाखिला हो गया। वहां के बाद नवभारत टाइम्स ऑनलाइन की लखनऊ टीम का हिस्सा बन गए। यहां फिलहाल सीनियर डिजिटल कंटेंट प्रड्यूसर के पद पर तैनाती है। देवरिया के रहने वाले हैं और शुरुआती पढ़ाई वहीं हुई। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से विज्ञान में स्नातक की डिग्री है। साहित्यिक अभिरूचियां हैं। कविता-उपन्यास पढ़ना पसंद है। इतिहास के विषय पर बनी फिल्में देखने में दिलचस्पी है। थोड़ा-बहुत गीत-संगीत की दुनिया से भी वास्ता है।... और पढ़ें

अगला लेख

Stateकी ताजा खबरें, ब्रेकिंग न्यूज, अनकही और सच्ची कहानियां, सिर्फ खबरें नहीं उसका विश्लेषण भी। इन सब की जानकारी, सबसे पहले और सबसे सटीक हिंदी में देश के सबसे लोकप्रिय, सबसे भरोसेमंद Hindi Newsडिजिटल प्लेटफ़ॉर्म नवभारत टाइम्स पर
ट्रेंडिंग