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कृषि वैज्ञानिक पद्मश्री संजय राजाराम का निधन, गेंहू की प्रजातियों के विकास में निभाई थी अहम भूमिका

कोरोना के कारण देश के विदेश तक अपना लोहा मनवाने वाले कृषि वैज्ञानिक पद्मश्री डॉ संजय राजाराम का निधन हो गया। उनके निधन के साथ ही कृषि वैज्ञानिकों में शोक की लहर है। डॉ संजय राजाराम वाराणसी के रहने वाले थे। 2001 में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।

Lipi 19 Feb 2021, 8:59 pm
अभिषेक जायसवाल, वाराणसी
नवभारतटाइम्स.कॉम 2

देश के जाने माने कृषि वैज्ञानिक पद्मश्री डॉ संजय राजाराम की इलाज के दौरान मौत हो गई। कोरोना के कारण बीते कई दिनों से अमेरिका के अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। 17 फरवरी को उन्होंने अस्पताल में अपने जीवन की अंतिम सांसे लीं और दुनिया को अलविदा कह दिया। उनके निधन से बीएचयू के कृषि वैज्ञानिक और छात्रों में शोक की लहर है।

पद्मश्री डॉ संजय राजाराम वाराणसी के बड़ागांव क्षेत्र के रायपुर के रहने वाले हैं। उनकी मदद से 25 सालों तक बीएचयू के कृषि विज्ञान संस्थान के कृषि वैज्ञानिकों ने गेहूं की कई प्रजातियां का विकास किया। पूर्वी उत्तर प्रदेश में गेहूं की खेती के लिए वें लगातार कार्य कर रहे थे। यही वजह रही कि यहां गेंहू के उत्पादन में वृद्धि हुई, जिससे यहां के किसानों की आय भी बढ़ी। 2001 में तत्कालीन राष्ट्रपति केआर नारायणन ने उन्हें पद्मश्री सम्मान से नवाजा। पद्मश्री के अलावा उन्हें देश और विदेश में कई राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय अवार्ड भी मिला।

कृषि वैज्ञानिकों और छात्रों में शोक की लहर
पद्मश्री डॉ संजय राजाराम के निधन के बाद बीएचयू के कृषि विज्ञान संस्थान में शोक की लहर है। संस्थान के कृषि वैज्ञानिकों से लेकर छात्रों तक उनके निधन पर शोक जताया। संस्थान के कृषि वैज्ञानिक और प्रफेसर रवि प्रकाश पांडेय ने बताया कि उनके जाने से कृषि जगत को बड़ी क्षति हुई है। वे विदेश में रहकर भी देश के लिए सोचते थे।

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