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वाराणसी: मास्‍क न पहनने पर बीजेपी नेता और पुलिसवालों में हुआ था विवाद, 6 पुलिसकर्मी सस्‍पेंड

इस मामले में पुलिस ने बीजेपी नेता सुरेंद्र पटेल को गिरफ्तार कर लिया था और उन पर गंभीर धाराएं लगाई थीं। बाद में कोर्ट के आदेश में कई गंभीर धाराओं को हटाया गया और बीजेपी नेता को जमानत पर रिहा किया गया।

Lipi 5 Jul 2020, 7:37 pm
अनुज जायसवाल, वाराणसी
नवभारतटाइम्स.कॉम bjp leader and policemen dispute over not wearing mask in varanasi 6 policemen suspended
वाराणसी: मास्‍क न पहनने पर बीजेपी नेता और पुलिसवालों में हुआ था विवाद, 6 पुलिसकर्मी सस्‍पेंड

तीन जुलाई की देर रात वाराणसी के सुंदरपुर इलाके में बीजेपी नेता और पुलिसवालों के बीच लॉकडाउन के नियम पालन न करने को लेकर मारपीट हुई। बीजेपी के जिला पंचायत सदस्य और जिला महामंत्री सुरेंद्र पटेल ने अपने घरवालों के साथ मिलकर दारोगा और सिपाहियों के साथ जमकर मारपीट की। सुरेंद्र पटेल को गिरफ्तार कर लिया गया था। रविवार को पुलिस इस मामले में बैकफुट पर आ गई है। सीओ भेलूपुर प्रीति त्रिपाठी, पुलिस आफिस से संबद्ध इंस्पेक्टर अश्वनी चतुर्वेदी, दारोगा सुनील गौड़ व राजू और दो सिपाहियों को निलंबित कर दिया गया है।

इससे पहले इस मामले को लेकर लंका थाना में नामजद और अज्ञात लोगों के खिलाफ मारपीट, बवाल, जानलेवा हमला, लूट और सरकारी कार्यों में बाधा डालने सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था। सुरेंद्र पटेल और एक अन्य व्यक्ति को दबिश देकर गिरफ्तार किया गया था और अन्य 5-6 लोगों की तलाश जारी थी। शनिवार को पहले अदालत के निर्देश पर पुलिस को कई गंभीर धाराओं को केस से निकालना पड़ा। इसके बाद जिले के वरिष्ठ अधिकारियों ने पूरे मामले की मैजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए थे। सर्किट हाउस में बीजेपी के बड़े नेताओं ओर जिला-पुलिस प्रशासन के अफसरों के बीच इस पूरे मामले को लेकर लंबी बैठक भी चली।

बीजेपी नेताओं ने अधिकारियों से पूछा कि जब मामला केवल मास्क न पहनने को लेकर था तो जुर्माना लगाना चाहिए था, ना कि मारपीट की जानी चाहिए थी। इसके बाद अगर बीजेपी नेता सुरेंद्र पटेल के बेटे विकास पटेल ने पुलिसवालों से मारपीट की थी तो मारपीट के मामले में मुकदमा दर्ज होना चाहिए था, न कि गंभीर अपराध जैसे हत्या का प्रयास, लूट आदि धाराओं में किया गया है।

कोर्ट ने दी बीजेपी नेता को जमानत

इसके बाद बीजेपी काशी क्षेत्रीय अध्यक्ष महेश चंद्र श्रीवास्तव और प्रदेश बीजेपी के सह प्रभारी सुनील ओझा के अनुरोध पर जिला प्रशासन ने पूरे मामले में एडीएम फाइनेंस के नेतृत्व में मैजिस्ट्रियल जांच गठित कर दी। वहीं एडीजे प्रथम की कोर्ट ने बीजेपी नेता और अधिवक्ता सहित चार लोगों की गिरफ्तारी पर सुनवाई करते हुए पुलिस को गंभीर धाराओं को हटाने का निर्देश दिया और चारों को जमानत दे दी। इसके बाद रविवार सुबह छह पुलिसकर्मियों को सस्‍पेंड कर दिया गया।

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