दिनेश मिश्र, वाराणसी
बिहार के मुजफ्फरपुर और उसके आसपास के जिलों में अक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) यानी दिमागी बुखार अनियंत्रित होता देख प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग ने जनता के लिए अलर्ट जारी किया है। सीएमओ डॉक्टर वीबी सिंह ने लोगों से बच्चों का विशेष ध्यान रखने की अपील की है। बिहार से सटे पूर्वांचल के जिलों में भीषण गर्मी और उमस की वजह से इस बीमारी के तेजी से फैलने के मद्देनजर उन्होंने लोगों से सतर्कता बरतने की अपील की है।
दिमागी बुखार को लेकर अलर्ट
बिहार से सटे उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल के जिलों में भी इस रोग के फैलने की संभावनाएं बनी हुई हैं। ऐसे में जिले के सभी राजकीय और मंडलीय चिकित्सालयों और स्वास्थ्य केन्द्रों को अलर्ट रहने हेतु निर्देश दिए गए हैं। इस रोग को नियंत्रित करने के लिए लोगों में दिमागी बुखार के लक्षण और बचाव के बारे में जागरूकता फैलाई जा रही है ताकि बच्चों को इस खतरनाक वायरस से बचाया जा सके। सीएमओ ने बताया कि पिछले सात-आठ सालों में जिले में दिमागी बुखार से संबांधित कोई मरीज नहीं मिला है फिर भी इसे लेकर अलर्ट रहने की जरूरत है।
बच्चों का खास ध्यान रखने की अपील
सिंह ने बताया कि यह बीमारी 10 साल तक के बच्चों को अधिक प्रभावित कर रही है। इसके लिए सभी चिकित्सा इकाइयों को अलर्ट रहने हेतु निर्देश दिया गया है। सीएमओ ने लोगों से अपील की है कि बीमारी से बचाने के लिए लोग अपने बच्चों का पूरा ध्यान रखे और कोई भी लक्षण नजर आने पर शीघ्र ही नजदीक के अस्पताल में जाएं और डॉक्टर या बाल रोग विशेषज्ञ से संर्पक करें। उन्होंने लोगों से जागरूकता फैलाने में सहयोग देने की अपील की है।
बिहार के मुजफ्फरपुर और उसके आसपास के जिलों में अक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) यानी दिमागी बुखार अनियंत्रित होता देख प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग ने जनता के लिए अलर्ट जारी किया है। सीएमओ डॉक्टर वीबी सिंह ने लोगों से बच्चों का विशेष ध्यान रखने की अपील की है। बिहार से सटे पूर्वांचल के जिलों में भीषण गर्मी और उमस की वजह से इस बीमारी के तेजी से फैलने के मद्देनजर उन्होंने लोगों से सतर्कता बरतने की अपील की है।
दिमागी बुखार को लेकर अलर्ट
बिहार से सटे उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल के जिलों में भी इस रोग के फैलने की संभावनाएं बनी हुई हैं। ऐसे में जिले के सभी राजकीय और मंडलीय चिकित्सालयों और स्वास्थ्य केन्द्रों को अलर्ट रहने हेतु निर्देश दिए गए हैं। इस रोग को नियंत्रित करने के लिए लोगों में दिमागी बुखार के लक्षण और बचाव के बारे में जागरूकता फैलाई जा रही है ताकि बच्चों को इस खतरनाक वायरस से बचाया जा सके। सीएमओ ने बताया कि पिछले सात-आठ सालों में जिले में दिमागी बुखार से संबांधित कोई मरीज नहीं मिला है फिर भी इसे लेकर अलर्ट रहने की जरूरत है।
बच्चों का खास ध्यान रखने की अपील
सिंह ने बताया कि यह बीमारी 10 साल तक के बच्चों को अधिक प्रभावित कर रही है। इसके लिए सभी चिकित्सा इकाइयों को अलर्ट रहने हेतु निर्देश दिया गया है। सीएमओ ने लोगों से अपील की है कि बीमारी से बचाने के लिए लोग अपने बच्चों का पूरा ध्यान रखे और कोई भी लक्षण नजर आने पर शीघ्र ही नजदीक के अस्पताल में जाएं और डॉक्टर या बाल रोग विशेषज्ञ से संर्पक करें। उन्होंने लोगों से जागरूकता फैलाने में सहयोग देने की अपील की है।