अभिषेक जायसवाल, वाराणसी
वाराणसी में बीएचयू के कोविड अस्पताल की चौथी मंजिल से कोरोना पॉजिटिव युवक ने छलांग लगा दी। इस घटना में युवक की मौत हो गई। वाराणसी के फूलपुर थाना क्षेत्र के बाबतपुर का रहने वाला अंकित पाठक नाम का युवक 16 अगस्त को बीएचयू के इमर्जेंसी वॉर्ड में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान कोरोना जांच में उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई, जिसके बाद 22 अगस्त को उसे कोविड अस्पताल में शिफ्ट करा दिया गया था। 23 अगस्त की देर रात युवक ने अस्पताल की चौथी मंजिल से छलांग लगा दी, जिसके बाद उसकी मौत हो गई। घटना की जानकारी के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में ले लिया। मामले की सूचना मिलने के बाद मृतक के परिवार में कोहराम मच गया। घटना के बाद युवक के परिवारवालों ने अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाया है। पिता जितेंद्र पाठक ने बताया कि अंकित को दिमागी दिक्कत थी। इस वजह से उसे बीएचयू में भर्ती कराया गया था, लेकिन वह ऐसा कदम नहीं उठा सकता था।
एनबीटी ऑनलाइन से बातचीत में बीएचयू के एमएस प्रफेसर एसके माथुर ने बताया, 'युवक की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। मनोचिकित्सक की मदद से युवक की काउंसलिंग भी कराई गई थी और उसके बाद दवा भी शुरू हुई थी। घरवालों को सलाह दी गई थी कि युवक को होम आइसोलेशन में रखें। हालांकि, परिवार वाले नहीं माने और अस्पताल में रखने की जिद की।'
वाराणसी में बीएचयू के कोविड अस्पताल की चौथी मंजिल से कोरोना पॉजिटिव युवक ने छलांग लगा दी। इस घटना में युवक की मौत हो गई। वाराणसी के फूलपुर थाना क्षेत्र के बाबतपुर का रहने वाला अंकित पाठक नाम का युवक 16 अगस्त को बीएचयू के इमर्जेंसी वॉर्ड में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान कोरोना जांच में उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई, जिसके बाद 22 अगस्त को उसे कोविड अस्पताल में शिफ्ट करा दिया गया था।
एनबीटी ऑनलाइन से बातचीत में बीएचयू के एमएस प्रफेसर एसके माथुर ने बताया, 'युवक की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। मनोचिकित्सक की मदद से युवक की काउंसलिंग भी कराई गई थी और उसके बाद दवा भी शुरू हुई थी। घरवालों को सलाह दी गई थी कि युवक को होम आइसोलेशन में रखें। हालांकि, परिवार वाले नहीं माने और अस्पताल में रखने की जिद की।'