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Kashi Vishwanath Temple: कितना बदल गया? काशी विश्वनाथ मंदिर का पूरा नया नक्शा यहां देखिए

Kashi Vishwanath Temple Corridor Map And Photos: 700 करोड़ की लागत से 21 महीनों में तैयार हुआ काशी विश्‍वनाथ धाम कॉरिडोर बेहद खास है। अब श्रद्धालुओं को बाबा विश्‍वनाथ के धाम में कई सहूलियतें मिलेंगी।

Curated byदीपक वर्मा | नवभारतटाइम्स.कॉम 13 Dec 2021, 9:28 am
काशी विश्‍वनाथ धाम की सूरत बदल गई है। अब गंगा किनारे वाराणसी के पुराने घाटों से सीधे बाबा विश्‍वनाथ तक पहुंचा जा सकेगा। सात तरह के पत्‍थरों से विश्‍वनाथ धाम को सजाया गया है। यहां आने वाले श्रद्धालु रुद्र वन यानी रुद्राक्ष के पेड़ों के बीच से होकर बाबा विश्‍वनाथ का दर्शन करने पहुंचेंगे। काशी विश्‍वनाथ धाम कॉरिडोर 50 हजार वर्गमीटर में बना है। इसे रेकॉर्ड 21 महीनों में तैयार किया गया है। निर्माण पर 700 करोड़ रुपये खर्च हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार दोपहर काशी विश्‍वनाथ धाम कॉरिडोर का लोकार्पण करेंगे। विश्‍वनाथ धाम लोकार्पण उत्‍सव का देश में 51 हजार स्‍थानों पर लाइव प्रसारण किया जाएगा।
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Kashi Vishwanath Temple: कितना बदल गया? काशी विश्वनाथ मंदिर का पूरा नया नक्शा यहां देखिए


गंगा की धारा से 22 मीटर ऊपर है मंदिर का चौक

बाबा विश्‍वनाथ के दर्शन को आने वाले श्रद्धालुओं को गंगा स्‍नान के बाद धाम के चौक तक पहुंचने के लिए 80 सीढ़‍ियां चढ़नी होंगी। जो सीढ़‍ियां नहीं चढ़ सकते, उनके लिए एस्‍केलेटेर की व्‍यवस्‍था भी है। काशी विश्‍वनाथ धाम का चौक मां गंगा की लहरों से 22 मीटर की ऊंचाई पर बना है।

काशी विश्‍वनाथ गलियारे का मैप समझ लीजिए

कैसे और क‍ितने में बनकर तैयार हुआ कॉरिडोर?

  • 345 करोड़ की लागत से हुआ काशी विश्‍वनाथ धाम का निर्माण
  • 339 करोड़ की लागत से धाम के लिए खरीदे गए 300 भवन
  • 5.3 लाख वर्ग फुट में बना है विश्‍वनाथ धाम
  • विश्‍वनाथ मंदिर से गंगा तट का 400 मीटर में बना है धाम
  • 30 फीसदी क्षेत्र में बने हैं 24 भवन, शेष खुला या हरियाली को समर्पित
  • 5.43 करोड़ रुपये से हाईटेक सुरक्षा व्‍यवस्‍था
  • इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर से नियंत्रण
  • मंदिर व आसपास चार स्‍तरीय सुरक्षा व्‍यवस्‍था
  • एयर सर्विलांस सिस्‍टम से आकाश में निगरानी
  • चुनार के बलुआ पत्‍थर के अलावा सात प्रकार के लगे हैं पत्‍थर
  • मकराना के दूधिया मार्बल से फ्लोरिंग
  • जैसलमेर का मंडाना स्‍टोन घाट किनारे सीढि़यों पर
  • वैदिक केंद्र, संग्रहालय व खास भवनों में ग्रेनाइट और कोटा
  • भूकंप और भूस्‍खलन से बचाने को पत्‍थरों को जोड़ा गया है पीतल की प्‍लेटों से
  • 18 इंच लंबी तथा 600 ग्राम वजन की पीतल प्‍लेटों को कसने के लिए 12 इंच की गुल्‍ली
  • पीतल और पत्‍थरों के बीच की जगह भरने को केमिकल लेपाक्‍स अल्‍ट्रा फिक्‍स का इस्‍तेमाल

काशी विश्‍वनाथ मंदिर का 'स्‍काई व्‍यू'

काशी विश्‍वनाथ धाम में क्‍या है खास

  • पिंक सिंटी की तरह चुनार के गुलाबी पत्‍थरों से सजा विश्‍वनाथ धाम
  • गंगा व्‍यू गैलरी से भक्‍तों को दिखेगा विश्‍वनाथ दरबार और गंगा की अविरल धारा
  • पाइप लाइन से विश्‍वनाथ मंदिर गर्भगृह तक आएगी गंगधार
  • पहला ऐसा आध्‍यात्मिक केंद्र जहां भारत माता की भी प्रतिमा
  • आदि शंकराचार्य और महारानी अहिल्‍याबाई की भी प्रतिमा लगी
  • मुख्‍य मंदिर परिसर का विस्‍तार कर 80 फीट लंबे और 40 फीट चौड़ा परिक्रमा पथ
  • 157 जोड़ी खंभों पर बना है परिक्रमा मंडप
  • 352 साल बाद ज्ञानवापी मंडप-कूप और आदि विश्‍वेश्‍वर के नंदी मुख्‍य मंदिर का हिस्‍सा
  • चारों दिशाओं में 32 फीट ऊंचे और 40 फीट चौड़े किले जैसे फाटक
  • विशाल मंदिर चौक में एक समय में रह सकेंगे 50 हजार श्रद्धालु
  • शिव वन में दिखेंगे रुद्राक्ष, हरसिंगार, मदार आदि के वृक्ष
  • वाराणसी गैलरी में दिखेगी इतिहास से लेकर पहचान से जुड़ी हर चीज
  • कॉरिडोर एरिया के मकानों में कैद रहे 27 प्राचीन मंदिरों की मणिमाला
  • मंदिर परिसर में संगमरमर पर उकेरा गया है काशी के महात्‍म्‍य का चित्रात्‍मक वर्णन

आसमान से कुछ ऐसा दिखता है काशी विश्‍वनाथ धाम

नए परिसर में क्‍या-क्‍या बदला है?

  • चुनार के बलुआ पत्‍थर के अलावा सात प्रकार के लगे हैं पत्‍थर
  • मकराना के दूधिया मार्बल से फ्लोरिंग
  • जैसलमेर का मंडाना स्‍टोन घाट किनारे सीढि़यों पर
  • वैदिक केंद्र, संग्रहालय व खास भवनों में ग्रेनाइट और कोटा
  • भूकंप और भूस्‍खलन से बचाने को पत्‍थरों को जोड़ा गया है पीतल की प्‍लेटों से
  • 18 इंच लंबी तथा 600 ग्राम वजन की पीतल प्‍लेटों को कसने के लिए 12 इंच की गुल्‍ली
  • पीतल और पत्‍थरों के बीच की जगह भरने को केमिकल लेपाक्‍स अल्‍ट्रा फिक्‍स का इस्‍तेमाल

काशी विश्‍वनाथ का नया रूप, देखें मंदिर के भीतर से

लेखक के बारे में
दीपक वर्मा
दीपक वर्मा हिंदी बेल्‍ट में पले-बढ़े पत्रकार हैं। वह फिलहाल नवभारत टाइम्‍स ऑनलाइन में प्रिंसिपल डिजिटल कंटेंट प्रोड्यूसर हैं। प्रिंट मीडिया में आई नेक्‍स्‍ट-दैनिक जागरण से शुरुआत की। फिर डिजिटल जर्नलिज्म में आए। दीपक मूल रूप से लखनऊ के रहने वाले हैं। राजनीति, खेल, विज्ञान, अपराध समेत तमाम रोचक विषयों पर लिखते हैं।... और पढ़ें

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