वाराणसी
सीएम योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को वाराणसी में साफ कर दिया कि ड्रीम प्रॉजेक्ट ‘विश्वनाथ कॉरिडोर’ की जद में आने वाले किसी भी मंदिर-विग्रह और धरोहर को नहीं तोड़ा जाएगा। सीएम ने कहा कि सरकार इन धरोहरों को संरक्षित करने का काम करेगी और वाराणसी को एक पर्यटन स्थल नहीं बल्कि एक तीर्थ नगरी के रूप में विकसित किया जाएगा। सीएम योगी शनिवार शाम सात बजे बाबतपुर एयरपोर्ट पहुंचे। वहां से सर्किट हाउस आकर जनप्रतिनिधियों और पार्टी पदाधिकारियों से विकास कार्यों के बारे में फीडबैक लिया।
इसके बाद रात दस बजे उन्होंने धरोहर बचाओं आंदोलन से जुड़े महामंडलेश्वर सतुआ बाबा, संकटमोचन मंदिर के महंत प्रो. विश्वम्भरनाथ मिश्र और अन्य प्रमुख लोगों से मिलकर आधे घंटे तक बातचीत की। इस बातचीत के बाद संकटमोचन मंदिर के महंत ने बताया कि उन्होंने बातचीत में सीएम से दो टूक कहा कि काशी नगरी का विकास ऐसे हो जिससे इसकी प्राचीनता बरकरार रहे। यहां की गलियां और उसमें बसी आबादी काशी का सौंदर्य है। विश्वनाथ कॉरिडोर की योजना सामने ना आने से किसी को समझ नहीं आ रहा कि क्या होने जा रहा है। प्रो. मिश्र के मुताबिक सीएम योगी ने पूरी बात सुनने के बाद कहा कि कॉरिडोर और अन्य विकास योजनाओं से काशी के प्राचीन स्वरूप और मंदिरों के अस्तित्व पर असर नही पड़ेगा, बल्कि इन्हें और खूबसूरत बनाया जाएगा।
पदयात्रा के बीच रोके गए स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद
धरोहर बचाओ आंदोलन की अगुवाई करने वाले शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के प्रतिनिधि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद इन दिनों शहर में पैदल घूम देवदर्शन के जरिए जगजागरण में लगे हैं। ऐसे में वह सीएम योगी से मिलने को प्रसिद्ध लक्ष्मी मंदिर से सर्किट हाउस जाने को पैदल निकले तो बड़ी संख्या में शिष्य साथ होते गए। इसी बीच आधे रास्ते में ही फोर्स ने उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया। इस दौरान पुलिस अधिकारियों ने पदयात्रा में शामिल लोगों से कहा कि जिन लोगों को सीएम से मुलाकात की अनुमति मिली है, वही सर्किट हाउस तक जा सकते हैं। पुलिस प्रशासन के इस व्यवहार से नाराज अविमुक्तेश्वरानंद ने इसे अपमान बताते हुए वार्ता का बहिषकार करने की घोषणा कर दी और वापस लौट गए।
परियोजना स्थलों के दौरे पर भी पहुंचे योगी
सीएम ने योजनाओं की प्रगति जानने को देर रात कई परियोजना स्थलों का भी दौरा किया। फ्लाईओवर हादसे के तुरंत बाद सीएम के दोबारा दौरे और रविवार को विकास कार्यों की समीक्षा बैठक के बाद कई अधिकारियों ने प्रशासन के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों पर कार्रवाई की आशंका जताई। वहीं कुछ लोगों ने कहा कि चूंकि वाराणसी हादसे के बाद सेतु निगम के अफसरों पर कार्रवाई हो चुकी है, ऐसे में अब जिला प्रशासन और पुलिस के भी कुछ अधिकारियों पर कार्रवाई की जा सकती है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को वाराणसी में साफ कर दिया कि ड्रीम प्रॉजेक्ट ‘विश्वनाथ कॉरिडोर’ की जद में आने वाले किसी भी मंदिर-विग्रह और धरोहर को नहीं तोड़ा जाएगा। सीएम ने कहा कि सरकार इन धरोहरों को संरक्षित करने का काम करेगी और वाराणसी को एक पर्यटन स्थल नहीं बल्कि एक तीर्थ नगरी के रूप में विकसित किया जाएगा। सीएम योगी शनिवार शाम सात बजे बाबतपुर एयरपोर्ट पहुंचे। वहां से सर्किट हाउस आकर जनप्रतिनिधियों और पार्टी पदाधिकारियों से विकास कार्यों के बारे में फीडबैक लिया।
इसके बाद रात दस बजे उन्होंने धरोहर बचाओं आंदोलन से जुड़े महामंडलेश्वर सतुआ बाबा, संकटमोचन मंदिर के महंत प्रो. विश्वम्भरनाथ मिश्र और अन्य प्रमुख लोगों से मिलकर आधे घंटे तक बातचीत की। इस बातचीत के बाद संकटमोचन मंदिर के महंत ने बताया कि उन्होंने बातचीत में सीएम से दो टूक कहा कि काशी नगरी का विकास ऐसे हो जिससे इसकी प्राचीनता बरकरार रहे। यहां की गलियां और उसमें बसी आबादी काशी का सौंदर्य है। विश्वनाथ कॉरिडोर की योजना सामने ना आने से किसी को समझ नहीं आ रहा कि क्या होने जा रहा है। प्रो. मिश्र के मुताबिक सीएम योगी ने पूरी बात सुनने के बाद कहा कि कॉरिडोर और अन्य विकास योजनाओं से काशी के प्राचीन स्वरूप और मंदिरों के अस्तित्व पर असर नही पड़ेगा, बल्कि इन्हें और खूबसूरत बनाया जाएगा।
पदयात्रा के बीच रोके गए स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद
धरोहर बचाओ आंदोलन की अगुवाई करने वाले शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के प्रतिनिधि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद इन दिनों शहर में पैदल घूम देवदर्शन के जरिए जगजागरण में लगे हैं। ऐसे में वह सीएम योगी से मिलने को प्रसिद्ध लक्ष्मी मंदिर से सर्किट हाउस जाने को पैदल निकले तो बड़ी संख्या में शिष्य साथ होते गए। इसी बीच आधे रास्ते में ही फोर्स ने उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया। इस दौरान पुलिस अधिकारियों ने पदयात्रा में शामिल लोगों से कहा कि जिन लोगों को सीएम से मुलाकात की अनुमति मिली है, वही सर्किट हाउस तक जा सकते हैं। पुलिस प्रशासन के इस व्यवहार से नाराज अविमुक्तेश्वरानंद ने इसे अपमान बताते हुए वार्ता का बहिषकार करने की घोषणा कर दी और वापस लौट गए।
परियोजना स्थलों के दौरे पर भी पहुंचे योगी
सीएम ने योजनाओं की प्रगति जानने को देर रात कई परियोजना स्थलों का भी दौरा किया। फ्लाईओवर हादसे के तुरंत बाद सीएम के दोबारा दौरे और रविवार को विकास कार्यों की समीक्षा बैठक के बाद कई अधिकारियों ने प्रशासन के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों पर कार्रवाई की आशंका जताई। वहीं कुछ लोगों ने कहा कि चूंकि वाराणसी हादसे के बाद सेतु निगम के अफसरों पर कार्रवाई हो चुकी है, ऐसे में अब जिला प्रशासन और पुलिस के भी कुछ अधिकारियों पर कार्रवाई की जा सकती है।